कुरान की आयतों पर बुरे फंसे Madarsa Board चेयरमैन, CM से बर्खास्त करने की मांग

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट

ये हैं अब्दुल कय्यूम अंसारी। बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशन बोर्ड के चेयरमैन। इल्जाम है कि बोर्ड के कामकाज में इनकी दिलचस्पी कम, सरकार को खुश करने में ज्यादा रहती है। इसीलिए अखबारों में एक-एक पन्ने का विज्ञापन प्रकाशित कराते हैं और शराबबंदी मुहिम को कामयाब बनाने के नाम पर जागरूकता रैलियां निकालते हैं, साथ ही आमिर सुबहानी के चीफ सेक्रेटरी बनने पर उन्हें बधाई देते हैं। इसी के तहत फौकानिया और मौलवी की परीक्षाओं को कदाचार मुक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री विजय कुमार चैधरी की ओर से संदीश भी छपवाया गया था। लेकिन सोमवार को मौलवी के फस्र्ट पेपर में पूछे गए सवालों ने विद्यार्थियों से लेकर शिक्षाविदों में भूंचाल ला दिया। सवाल में ऐसी-ऐसी त्रुटियां थीं कि ईमान और धर्म पर आंच आने का विवाद खड़ा हो गया।

पटना स्थित बिहार के एकमात्र सरकारी मदरसा, मदरसा इस्लामिया शम्सुलहोदा के प्रिंसिपल मशहूद अहमद कादरी नदवी बिहार लोक संवाद डाॅट नेट से बातचीत करते हुए मौजूदा विवाद के लिए चेयरमैन अब्दुल कययूम अंसारी को दोषी ठहराते हैं।

मदरसा शम्सुलहोदा के ओल्ड ब्वायज एसोसिएशन के मेम्बर मोहम्मद नज्मुल हसन ने एक-एक सवाल की खामियों को विस्तार से बताया।

एसोसिएशन के जेनरल सेक्रेटरी दानिश आबिदीन ने पूरे मामले की जांच कराने और मदरसा बोर्ड के चेयरमैन अब्दुल कययूम अंसारी को उनके पद से फौरन बर्खास्त करने की मांग तक कर डाली।

विद्यार्थियों और शिक्षाविदों में रोष इस बात को लेकर है कि कुरान और हदीस जैसे संवेदनशील विषय पर मदरसा बोर्ड ने बड़ी लापरवाही बरती।

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