छ्पी-अनछपी: नीतीश को याद आया भागलपुर का दंगा, पाकिस्तान में आतंकी हमले में 27 मरे
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपचुनाव के लिए अपनी सभा में भागलपुर दंगे का जिक्र करते हुए मुसलमान से विपक्ष को वोट नहीं देने की अपील की। पाकिस्तान के क्वेटा रेलवे स्टेशन पर आतंकी हमले में 27 लोगों की मौत हो गई। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पीए के खिलाफ 16 जगहों पर इनकम टैक्स की छापेमारी हुई है। आज रिटायर हो रहे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि निष्पक्ष रहने के लिए नास्तिक होना जरूरी नहीं।
आज के अखबारों की यह खास खबरें हैं।
हिन्दुस्तान के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपचुनाव को लेकर शनिवार को एनडीए प्रत्याशियों के पक्ष में तरारी और रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सभाओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमलोग 2005 से ही बिहार के विकास में लगे है। शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सड़क, पुल-पुलिया, सिंचाई समेत हर क्षेत्र में कार्य हुआ है। केंद्र सरकार से भी अब भरपूर मदद मिल रही है। इससे विकास और तेजी से होगा। उन्होंने मुस्लिम समुदाय को आगाह करते हुए कहा कि ‘वे लोग’ केवल वोट लेने का काम करते थे और हिन्दू-मुस्लिम में झगड़ा कराते थे। 1989 के भागलपुर दंगे का जिक्र करते हुए कहा कि हम लोगों ने सरकार में आने पर इसकी जांच कराई और दोषियों पर कार्रवाई हुई। “पीड़ितों को मदद भी दिलाई। 2006 से कब्रिस्तान की घेराबंदी शुरू कराई और हिन्दू-मुस्लिम का झगड़ा बंद हुआ। इसलिए अब फिर से उन्हें वोट दीजिएगा तो वे लोग गड़बड़ करेंगे। हम लोगों ने सबके लिए काम किया है।”
पाकिस्तान में आतंकी हमला
भास्कर के अनुसार पाकिस्तान में बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा रेलवे स्टेशन पर शनिवार को आत्मघाती हमले में 25 लोगों की मौत हो गई। हिन्दुस्तान ने मरने वालों की संख्या 27 बताई है। भारतीय समय अनुसार सुबह लगभग 9:30 बजे हुए धमाके में मृतकों में फ्रंटियर्स कॉर्प के 14 सैनिक भी शामिल थे। धमाके में 46 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पेशावर जाने वाली जाफर एक्सप्रेस के लिए क्वेटा स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ जमा थी। उसी समय यह विस्फोट हुआ। पुलिस के अनुसार सीसीटीवी फुटेज में दिखा है कि एक संदिग्ध व्यक्ति के सूटकेस लेकर प्लेटफार्म पर पहुंचने के 2 मिनट में धमाका हो गया। आशंका है कि सूटकेस लेकर आत्मघाती हमलावर आया था।
हेमंत सोरेन के पीए के खिलाफ छापेमारी
जागरण के अनुसार झारखंड में विधानसभा चुनाव की गतिविधियों के बीच आयकर विभाग ने शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पीए और झारखंड मुक्ति मोर्चा केंद्रीय समिति के सदस्य सुनील श्रीवास्तव व उनसे जुड़े सहयोगियों के 16 ठिकानों पर छापेमारी की। इसमें सात ठिकाने रांची और नौ ठिकाने पूर्वी सिंहभूम और सरायकला खरसावां जिले में हैं। चुनाव में हवाला के जरिए भारी मात्रा में काले धन का इस्तेमाल होने की सूचना पर विभाग की टीम छापेमारी कर रही है। इनकम टैक्स विभाग ने कहा है कि शनिवार को दिनभर चली छापेमारी में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, कागजात व इलेक्ट्रॉनिक डेटा आदि मिले हैं।
निष्पक्ष रहने के लिए नास्तिक होना ज़रूरी नहीं: जस्टिस चंद्रचूड़
हिन्दुस्तान के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को न्यायपालिका के भीतर नियुक्तियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा न्यायिक शक्तियों के उपयोग में संयम के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस धारणा को भी खारिज किया कि जजों को निष्पक्ष बने रहने के लिए नास्तिक होना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ने हिन्दुस्तान टाइम्स को शनिवार को दिए साक्षात्कार में अपने कार्यकाल पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की सच्ची स्वतंत्रता जजों को निष्पक्ष रूप से निर्णय लेने की अनुमति देती है, भले ही परिणाम सरकार के पक्ष में हो या चुनौती दे। न्यायिक नियुक्तियों को सुविधाजनक बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को शक्तियों का उपयोग करने में बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने नियुक्ति प्रक्रिया में न्यायिक हस्तक्षेप का सहारा लेने के बजाय सरकार के साथ खुली बातचीत की आवश्यकता पर बल दिया।
बरौनी जंक्शन पर दर्दनाक हादसा
बरौनी जंक्शन के प्लेटफार्म -5 पर शनिवार को लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस ट्रेन से इंजन की शंटिंग करने के दौरान कपलिंग खोलने के वक्त दबने से ड्यूटी पर तैनात प्वाइंट मैन की दर्दनाक मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो प्लेटफॉर्म पर खड़े कुछ लोगों ने उक्त कर्मी को दबा देखा तो ट्रेन के चालक को आवाज भी लगाई लेकिन चालक इंजन को आगे बढ़ाने की बजाय वहां से भाग निकला। लोगों ने बताया कि अगर चालक ने थोड़ी भी सतर्कता दिखाई होती तो कर्मी की जान बच सकती थी। अब यह मामला जांच का विषय है। घटना सुबह साढ़े 8 बजे की है। लगभग दो घंटे के प्रयास के बाद साढ़े दस बजे मृतक के शव को इंजन व कंपलिंग के बीच से निकाला गया। पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान बरौनी जंक्शन पर तैनात 30 वर्षीय अमर कुमार के रूप में हुई है। वह बरौनी रेलवे कॉलोनी में रहता था।
कुछ और सुर्खियां
- झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पीए के 16 ठिकानों पर इनकम टैक्स की छापेमारी
- सुपौल में युवक की जेब में ही फट गया मोबाइल फोन, झुलसने से चार लोग जख्मी
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- भागलपुर में सोख्ता में दम घुटने से पति-पत्नी समय तीन मरे
- पटना के कंकड़बाग से तनिष्क शोरूम से चार लाख के गहनों की लूट
- बिहार के सरकारी स्कूल की क्लासों में लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे
- गुजरात हाई कोर्ट ने कहा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को स्थाई कर्मियों के समान माना जाए
- रणजी ट्रॉफी में मध्य प्रदेश ने बिहार को पारी व 108 रनों से हराया
- मोकामा में राजेंद्र सेतु पर 15 घंटे भीषण जाम, एंबुलेंस में मरीज की मौत
अनछपी: विधानसभा के चुनाव नजदीक आने के साथ ही नेताओं के सभा में हिंदू मुस्लिम शुरू हो चुका है। स्वास्थ्य के बारे में तरह-तरह की चर्चा के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने चुनावी भाषण में भागलपुर दंगे की चर्चा कर मुसलमानों को यह संदेश देने की कोशिश की कि उन्हें राजद और कांग्रेस के उम्मीदवारों को वोट नहीं देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू मुस्लिम का झगड़ा बंद हुआ है। पता नहीं नीतीश कुमार को ऐसी बात करने की सलाह कौन देता है या वह खुद इस तरह की बात करते हैं। नीतीश कुमार चाहे जो दावा कर लें लेकिन इस सच्चाई से कोई इनकार नहीं कर सकता कि भारतीय जनता पार्टी के नेता खूब हिंदू मुसलमान करते हैं और झगड़ा लगाने में भी लगे रहते हैं। बेगूसराय से भाजपा सांसद गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा हो या अररिया में भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रदीप सिंह का यह कहना कि अररिया में रहना है तो हिंदू बनकर रहना होगा, नीतीश कुमार के इस दावे को झुठलाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह किशनगंज में आकर कहते हैं कि यहां घुसपैठिए हैं और नीतीश कुमार इस बात का कोई जवाब नहीं दे पाते हैं। उधर झारखंड में अमित शाह चुनाव में अपनी मुस्लिम विरोधी भड़काऊ बात कहने से कोई परहेज नहीं कर रहे हैं। अमित शाह ने आदिवासियों को भड़काने के लिए यह कहा कि कांग्रेस आदिवासियों का आरक्षण मुसलमान को देना चाहती है। अमित शाह ने यह भी कहा कि जब तक देश में भाजपा है तब तक मुसलमान को आरक्षण नहीं मिलेगा। भारतीय जनता पार्टी के नेता इसी तरह की मुस्लिम दुश्मनी की बात दूसरे राज्यों में भी कह चुके हैं। यह बात तो लगभग सब लोग मानते हैं कि नीतीश कुमार अब 2010 के नीतीश कुमार नहीं रह गए हैं। उस समय वह भारतीय जनता पार्टी के साथ रहकर भी उसे काबू में रखते थे बल्कि 2013-14 में तो वह उससे अलग भी हो गए थे। अब तो ऐसा लगता है कि नीतीश कुमार भारतीय जनता पार्टी के काबू में हैं। तेजस्वी यादव के शब्दों में कहा जाए तो भारतीय जनता पार्टी ने नीतीश कुमार को हाईजैक कर लिया है। ऐसे में मुसलमान से उनकी अपील बहुत असर नहीं दिखाने वाली है।
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