छ्पी-अनछपी: सीवान में एनआईए की छापेमारी, वक़्फ़ बिल संसदीय समिति का बिहार दौरा टला
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) ने सीवान समेत 9 जगहों पर अलकायदा संगठन को लेकर छापेमारी की है। वक़्फ़ संशोधन बिल के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का बिहार दौरा टल गया है। मणिपुर पुलिस का कहना है कि मुठभेड़ में 11 उग्रवादी मारे गए हैं। राजगीर में शुरू हुई महिला चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी में भारत ने मलेशिया को 4-0 से हरा दिया।
यह हैं आज के अखबारों की अहम खबरें।
एनआईए ने प्रतिबंधित बांग्लादेशी संगठन अलकायदा से जुड़े एक बेहद संवेदनशील मामले में बिहार में सीवान समेत 6 राज्यों के 9 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। सोमवार को सुबह से शुरू हुई है छापेमारी देर शाम तक चलती रही। बिहार के अलावा जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की गई। इन स्थानों पर छापेमारी में मोबाइल फोन, टैब और दूसरे डिजिटल डिवाइस के साथ बैंकिंग लेनदेन से जुड़े कागजात और दूसरे दस्तावेज ज़ब्त किये गए। एनआईए की टीम ने सीवान के सराय थाना क्षेत्र के पुराने किला मोहल्ले में एक सब्जी दुकानदार के घर को खंगाला। इस दौरान सब्जी दुकानदार अख्तर अली और उनके दोनों पुत्रों सोहेल अली और आमिर अली से पूछताछ की गई। घर से एक मोबाइल फोन भी जब्त किया गया है। यह पूछताछ 5 घंटे तक चली।
वक़्फ़ बिल संसदीय समिति का बिहार दौरा स्थगित
हिन्दुस्तान के अनुसार केंद्र सरकार के वक्फ बिल को लेकर बिहार की जनता, राजनीतिज्ञ, सामाजिक और धार्मिक संगठनों की राय जानने के लिए 12 और 13 नवंबर को प्रस्तावित संयुक्त संसदीय समिति का कार्यक्रम स्थगित हो गया है। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। वहीं, राष्ट्रीय सामाजिक न्याय मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र चौहान ने बताया कि लोकसभा के अवर सचिव और संसदीय समिति का कार्य देख रहे धीरज जी से इस मुद्दे पर बात की तो उन्होंने कार्यक्रम स्थगित होने की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि बिहार के 25 से ज्यादा हिंदूवादी संगठनों ने वक्फ बिल को लेकर अपनी राय रखने का आग्रह किया था।
मणिपुर में मुठभेड़, 11 उग्रवादियों की मौत
भास्कर के अनुसार मणिपुर के जिरिबाम जिले में सोमवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 11 उग्रवादी मारे गए। पुलिस के अनुसार दोपहर 3:00 बजे हथियारबंद उग्रवादियों ने जाकुरघोर स्थित सीआरपीएफ पोस्ट और पास ही स्थित बोरोबेकरा थाने पर हमला किया। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई के बाद हालात पर काबू पाया जा सका। करीब 45 मिनट चली मुठभेड़ में सीआरपीएफ के दो जवान घायल हुए। पुलिस ने कहा कि 11 उग्रवादी मारे गए हैं। इस बीच कुकी जो काउंसिल संगठन ने मारे गए लोगों को विलेज वॉलिंटियर बताया। काउंसिल ने इस घटना के विरोध में आज दिन भर के बंद की घोषणा की है।
भारत ने मलेशिया को हराया
जागरण की सबसे बड़ी खबर के अनुसार महिला एशियाई हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी की सोमवार को राजगीर में रंगारंग शुरुआत हुई। पहले दिन हुए तीसरे मुकाबले में पिछले वर्ष की विजेता भारतीय टीम ने मलेशिया को 4-0 से हराकर अपना विजय अभियान शानदार तरीके से शुरू किया। उद्घाटन मैच जापान और कोरिया के बीच खेला गया जो दो-दो की बराबरी पर खत्म हुआ। दिन के दूसरे मुकाबले में चीन ने थाईलैंड को 15-0 से रौंद डाला। प्रतियोगिता का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया।
उपचुनाव के लिए प्रचार थमा
बिहार की चार विधानसभा सीटों बेलागंज, इमामगंज, तरारी और रामगढ़ में होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार का शोर कल थम गया। यहां कल यानी 13 नवंबर को मतदान होगा। मुख्य मुकाबला एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच बताया जा रहा है लेकिन तीसरी शक्ति के रूप में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी मैदान में है। उपचुनाव को लेकर बेलागंज में 14, इमामगंज में 9, तरारी में 10 और रामगढ़ में पांच उम्मीदवार हैं। उधर झारखंड में भी पहले चरण में 43 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनाव का प्रचार थम गया। इसके अलावा कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी लोकसभा के लिए केरल की वायनाड से किस्मत आजमा रही हैं। वहां भी चुनाव प्रचार थम गया और 13 नवंबर को वोटिंग होगी।
ट्रंप-पुतिन बातचीत की खबर को रूस ने झूठा बताया
हिन्दुस्तान के अनुसार अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच पर फोन पर बातचीत की खबरों का रूस ने सोमवार को खंडन किया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा कि पुतिन और ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत की खबरें पश्चिमी मीडिया में चल रहीं हैं, जो कि पूरी तरह झूठी हैं। हाल ही में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद ट्रंप ने 70 से अधिक वैश्विक नेताओं से बात की है।
कुछ और सुर्खियां
- जस्टिस संजीव खन्ना ने भारत के 51वें चीफ जस्टिस की शपथ ली
- सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में उपचुनाव की तारीख बढ़ाने की जन सुराज की मांग ठुकराई
- विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला कल से शुरू होगा, 14 सितंबर तक चलेगा
- भागलपुर के सुल्तानगंज में बन सकता है नया हवाई अड्डा, जिले से भेजा गया प्रस्ताव प्रक्रिया में
- सीवान में जींस पहनकर पहुंचे 60 छात्रों को परीक्षा देने से रोकने पर हंगामा
- जमुई में बर्थडे पार्टी के बाद रेस में तीन मोटरसाइकिलें टकराईं, दो की मौत
अनछपी: सुप्रीम कोर्ट ने वैसे तो दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को इस बात पर फटकार लगाई है कि वह पटाखों पर पाबंदी के आदेश पर अमल क्यों नहीं करवा पाई, लेकिन यह समस्या पूरे देश की है। चूंकि दिवाली पर बेधड़क और बेइंतिहा पटाखे फोड़े जाते हैं इसलिए इस आदेश को दिवाली से जोड़ दिया जाता है। ऐसा लगता है कि सरकार और पुलिस सुप्रीम कोर्ट के पटाखे पर पाबंदी के आदेश को लागू करने के लिए बस दिखावा करती रही हैं और कोर्ट का भी लगभग यही मानना है। सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर प्रतिबंध को दिवाली से जोड़े जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसे दिवाली से क्यों जोड़ते हैं, कोई भी धर्म प्रदूषण को बढ़ावा नहीं देता। दरअसल हुआ यह है कि पटाखों पर पाबंदी के आदेश के बाद कुछ लोगों ने जानबूझकर पटाखे फोड़ने को अपना मिशन बना लिया और इस आदेश की धज्जियां उड़ाये जाने पर खुशी का इजहार किया है। सुप्रीम कोर्ट ने ठीक ही कहा है कि यह लोगों के स्वास्थ्य का मामला है। अफसोस की बात यह है कि पटाखा फोड़ना भी लोगों को धर्म का मामला लगता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रदूषण मुक्त जीवन नागरिकों का मौलिक अधिकार है। दिल्ली वैसे भी स्मॉग से परेशान रहती है। अहम बात यह है कि अदालत ने यह बात साफ की है कि पटाखे पर पाबंदी केवल दिवाली पर ही नहीं बल्कि सभी मौक़ों जैसे चुनाव और शादियों में भी लगनी चाहिए। वैसे दिल्ली के साथ समस्या यह है कि वहां सरकार कहने के लिए तो आम आदमी पार्टी की है लेकिन पुलिस पर नियंत्रण केंद्र सरकार का है। ऐसे में अगर दिल्ली पुलिस पटाखों पर पाबंदी के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करवा पाती तो सवाल केंद्र सरकार से भी होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने तो दिल्ली पुलिस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सब आंखों में धूल झोंकने जैसा है। ऐसा लगता है कि दिल्ली पुलिस पटाखों पर पाबंदी के लिए वह काम भी नहीं कर रही है जो आसानी से किया जा सकता है। इसी तरह का एक मामला पटाखे की ऑनलाइन बिक्री है जिस पर आसानी से रोक लगाई जा सकती है लेकिन पटाखों की ऑनलाइन बिक्री बेधड़क जारी है। अफसोस की बात यह है कि जिस काम को आम आदमी की सेहत के लिए जरूरी मानकर बंद कर देना चाहिए उसके लिए सुप्रीम कोर्ट को इतनी मशक्कत करनी पड़ रही है।
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