छ्पी-अनछ्पी: मोदी के हलफनामे में जशोदाबेन पत्नी, ईरान से समझौते पर भारत को अमेरिकी धमकी

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से भरे अपने नामांकन पत्र में पत्नी के रूप में जशोदा बेन का नाम लिखा है। इस खबर को अक्सर अखबारों ने नजरअंदाज कर दिया है। ईरान के साथ चाबहार बंदरगाह के समझौते के बाद अमेरिका ने भारत को प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है। राजद विधायक रीतलाल को हत्याकांड में बरी करने का फैसला आया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अस्वस्थ बताए गए हैं।

हिन्दुस्तान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र के साथ जो हलफनामा दाखिल किया है, उसके मुताबिक मोदी के पास न तो कार है और न ही कोई जमीन। उन्होंने 10 साल से कोई ज्वेलरी नहीं खरीदी। 10 वर्षों के दौरान उनकी पूरी सम्पत्ति 87 लाख रुपये बढ़ी है। मोदी ने कुल 3.02 करोड़ की संपत्ति बताई है। पांच साल में यह संपत्ति 87 लाख रुपये बढ़ी है। उनके पास 52 हजार 920 रुपये कैश है। वाराणसी में अपने पहले चुनाव (2014) में मोदी ने अपनी कुल संपत्ति 1.65 करोड़ रुपये बताई थी। 2019 में यह 2.15 करोड़ हो गई थी। मोदी ने अपने नामांकन पत्र में पत्नी के रूप में जशोदाबेन का नाम लिखा है लेकिन पत्नी की आय समेत दूसरी जानकारी नहीं दी है।

भारत को अमेरिकी धमकी

भास्कर के अनुसार भारत और ईरान के बीच चाबहार बंदरगाह को 10 वर्षों के लिए संचालित करने के समझौते पर हस्ताक्षर से अमेरिका बेचैन हो गया है। अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने चेतावनी दी है कि तेहरान के साथ व्यापार सौदे पर विचार करने पर किसी भी इससे जुड़े प्रतिबंधों से संभावित जोखिम के बारे में पता होना चाहिए। हालांकि पटेल ने यह भी कहा कि भारत सरकार अपनी विदेश नीति को अपनाने के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने कहा कि मैं बस यही कहूंगा कि ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू रहेंगे और हम उन्हें लागू करना जारी रखेंगे।

आरजेडी विधायक रीतलाल हत्याकांड में बरी

हिन्दुस्तान के अनुसार भाजपा नेता सत्यनारायण सिन्हा हत्याकांड में एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विनय प्रकाश तिवारी ने मंगलवार को राजद विधायक रीतलाल यादव समेत अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। पुलिस और अभियोजन इनपर हत्या का आरोप साबित करने में पूरी तरह विफल रहा। सत्यनारायण सिन्हा की हत्या 30 अप्रैल 2003 को दानापुर थाना क्षेत्र के जमालुउद्दीन चक में कर दी गई थी। उसी दिन गांधी मैदान में राजद की रैली थी। दिनदहाड़े हुई हत्याकांड के बाद काफी बवाल मचा था। इस हत्याकांड में पुलिस ने अनुसंधान करने के बाद राजद विधायक रीतलाल यादव के अलावा सुनील यादव, श्रवण यादव, रंजन कुमार समेत अन्य पर चार्जशीट दायर की गई थी।

नीतीश कुमार अस्वस्थ

जागरण के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को अस्वस्थ हो गए। इस वजह से उनके सारे कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया। मुख्यमंत्री को वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन कार्यक्रम में शामिल होना था। अस्वस्थता की वजह से उनका यह कार्यक्रम टल गया। बताया गया है कि उन्हें बुखार लग रहा है।

सुशील मोदी को अंतिम विदाई

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है कि उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। उनका पार्थिव शरीर मंगलवार देर शाम को पंचतत्व में विलीन हो गया। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार दीघा घाट पर किया गया। बड़े पुत्र उत्कर्ष तथागत ने रात करीब 8 49 बजे मुखाग्नि दी। उनकी अंतिम यात्रा 7.30 बजे भाजपा प्रदेश कार्यालय से दीघा घाट के लिए निकली। इसके पहले पटना एयरपोर्ट से पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास राजेंद्र नगर लाया गया। यहां से आरएसएस क्षेत्रीय कार्यालय और फिर विधानमंडल परिसर पहुंचा। पार्टी कार्यालय में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्थिव शरीर पर पार्टी का झंडा ओढ़ाकर उन्हें सम्मानपूर्वक विदाई दी। गले के कैंसर से पीड़ित सुशील मोदी का सोमवार की रात 9.29 बजे दिल्ली एम्स में निधन हो गया था। उनका पार्थिव शरीर मंगलवार दोपहर 1.52 बजे पटना हवाईअड्डा पहुंचा।

वकील उपभोक्ता क़ानून के दायरे में नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में कहा कि सेवाओं में कमी के लिए अधिवक्ताओं पर उपभोक्ता कानून के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वकीलों की ओर से प्रदान की गई सेवाएं उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के दायरे में नहीं आती है। न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की खंडपीठ ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के फैसले को निरस्त कर दिया।

यूपी में कांग्रेस का खाता नहीं खुलेगा: मोदी

जागरण की सबसे बड़ी खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वाराणसी लोकसभा सीट से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल करने के बाद कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का खाता नहीं खुलेगा। उन्होंने चार सेट में नामांकन दाखिल किया। उनके प्रस्तावक अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने के साथ अनुष्ठान के आचार्य रहे गणेशेश्वर शास्त्री द्रविड़, जनसंघ के समय से कार्यकर्ता बैजनाथ पटेल, भाजपा के पदाधिकारी संजय सोनकर व कार्यकर्ता लाल चंद्र कुशवाहा थे। नामांकन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने टीवी चैनलों से बातचीत में कहा कि राम मंदिर चुनाव का नहीं, श्रद्धा का मुद्दा है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “मैं कभी हिंदू मुसलमान नहीं करूंगा, जिस दिन हिंदू मुसलमान करूंगा उस दिन सार्वजनिक जीवन में रहने योग्य नहीं रहूंगा।” उनके नामांकन कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पूर्व मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस भी शामिल थे।

रफा में पूर्व भारतीय कर्नल की हमले में मौत

रफा में सोमवार को एक हमले में पूर्व भारतीय कर्नल वैभव अनिल काले की मौत हो गई। वह दो महीने पहले ही संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा एवं संरक्षा विभाग (डीएसएस) में सुरक्षा समन्वय अधिकारी नियुक्त किए गए थे। माना जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र के किसी अंतरराष्ट्रीय कर्मी की मौत का यह पहला मामला है। हमला उस समय हुआ, जब वह संयुक्त राष्ट्र के वाहन में सवार थे और चपेट में आ गए। उन्होंने भारतीय सेना में 11 जम्मू-कश्मीर राइफल्स में सेवाएं दी थीं। इस रिपोर्ट में यह बात साफ नहीं है कि हमला इसराइली सेना का था या किसी और का।

कुछ और सुर्खियां

  • श्रीनगर के मतदान में भी साबित किया 370 को हटाने का फैसला सही: अमित शाह
  • आम आदमी पार्टी ने माना, राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल के साथ हुई थी बदसलूकी
  • दिल्ली के इनकम टैक्स ऑफिस भवन में आग लगने से एक अधिकारी की मौत
  • झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम से ईडी ने की पूछताछ
  • पीएमसीएच के स्त्री रोग विभाग से युवती 10 दिन के बच्चे को दादी से दोस्ती कर ले भागी
  • पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सेना की फायरिंग में तीन की मौत
  • भूमि सुधार विभाग का आदेश, 90 दिनों के अंदर निपटाएं जमीन के विवाद

अनछ्पी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुश्किल सवालों से कैसे मीडिया बचाता है और उसकी चर्चा करने से बचता है इसका एक उदाहरण मंगलवार को उनके द्वारा वाराणसी से नामांकन पत्र दाखिल करने की खबर भी है। नामांकन पत्र के साथ शपथ पत्र दाखिल करना जरूरी होता है और उस हलफनामे में नरेंद्र मोदी ने अपनी पत्नी के रूप में जशोदाबेन का नाम लिखा है लेकिन इसकी चर्चा अधिकतर अखबारों में नहीं है। देश को यह मालूम होना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब भी जशोदाबेन को अपनी पत्नी की मान्यता देते हैं। अपने शपथ पत्र में उन्होंने अपनी पत्नी जशोदाबेन के बारे में संपत्ति और अन्य जानकारी नहीं दी है। इस मामले में मीडिया को दो तरह से देखा जा सकता है। एक तो जिसे गोदी मीडिया कहा जाता है, उसकी दिलचस्पी इस बात में बिल्कुल नहीं है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी के बारे में कोई ऐसी जानकारी विस्तार से दे जिससे उन्हें असहज होना पड़ सकता है। मीडिया का दूसरा हिस्सा वह है जो इस बात की चर्चा तो करना चाहता है लेकिन प्रताड़ना से बचने के लिए इस खबर पर आंख मूंद लेना बेहतर समझता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं की चर्चा करते समय मुस्लिम महिलाओं का बहुत उल्लेख करते हैं और उन्हें तीन तलाक से प्रताड़ित बताते हैं लेकिन क्या उनसे यह सवाल नहीं किया जाना चाहिए कि जिस महिला को वह पत्नी की हैसियत देते हैं वह उनके साथ क्यों नहीं रहते। क्या नरेंद्र मोदी से जशोदाबेन के अधिकारों के बारे में नहीं पूछा जाना चाहिए? क्या आपने किसी इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी से यह पूछते सुना है कि उनकी पत्नी जशोदा बेन उनसे अलग क्यों रहती हैं? क्या यह सवाल करना सामाजिक या कानूनी रूप से गलत है? बहुत से लोगों को यह बात अफसोसनाक लगती है कि प्रधानमंत्री होते हुए भी नरेंद्र मोदी अपनी पत्नी को अपने साथ नहीं रखते और इस बारे में कोई जानकारी भी सामने नहीं आती है। क्या यह कहना सही होगा कि यह उनका निजी मामला है? क्या यह मानना गलत होगा कि नरेंद्र मोदी अपनी पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारी निभाने में नाकाम हैं?

 

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