छ्पी-अनछ्पी: ट्रेन हादसे में दस की मौत, एक साल में 5 लाख नौकरी देने की तैयारी

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी के पास सोमवार की सुबह कंचनजंघा एक्सप्रेस में मालगाड़ी की टक्कर से 10 लोगों की मौत हो गई। बिहार में अगले एक साल में पांच लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने की तैयारी शुरू की गई है। मुजफ्फरपुर में नौकरी के नाम पर एक सौ लड़कियों का शारीरिक शोषण किया गया है। प्रियंका गांधी वायनाड से लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। आज के अखबारों की यह अहम खबरें हैं।

हिन्दुस्तान के अनुसार भारतीय रेल में सात माह बाद एक बार फिर ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम फेल होने से बड़ा रेल हादसा हो गया। पश्चिम बंगाल में सोमवार की सुबह 8:55 बजे अगरतला-सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस में कंटेनर मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी। भिड़ंत इतनी तेज थी कि कंचनजंघा के पीछे के चार डिब्बे और मालगाड़ी का इंजन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई और 46 घायल हो गए। कटिहार रेल मंडल के सीनियर डीसीएम धीरज चंद्र कलिता ने बताया कि मृतकों में मालगाड़ी के लोको पायलट अनिल कुमार और कंचनजंघा एक्सप्रेस के गार्ड आशीष डे भी शामिल हैं।

ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम फेल था

रेलवे के किसी सेक्शन में ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम फेल होने पर अधिकारी यात्री ट्रेनों व मालगाड़ियों को लाल सिग्नल के बावजूद परिचालन जारी रखने के निर्देश लिखित में देते हैं, तभी ट्रेन आगे बढ़ पाती हैं। रानीपतरा स्टेशन और चटेरहाट स्टेशन के बीच सिग्नल सिस्टम सुबह से ही खराब था, इसलिए मालगाड़ी और कंचनजंघा के चालकों को लाल सिग्नल के बावजूद ट्रेन चलाने के लिखित आदेश जारी किए गए थे। यही कारण है कि मालगाड़ी कंचनजंघा ट्रेन में भिड़ गई। रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा ने स्पष्ट किया कि मालगाड़ी के चालक ने लाल सिग्नल की अनदेखी की और कंचनजंघा को पीछे से टक्कर मार दी।

अगले एक साल में 5.17 लाख नौकरी

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर है कि बिहार में वर्ष 2024-25 तक 5 लाख 17 हज़ार लाख सरकारी नियुक्तियां की जाएंगी। इसे मिशन मोड में पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है। इसमें से दो लाख दस हज़ार नई नियुक्ति के लिए रिक्विजिशन विभिन्न अयोगों को भेजी जा चुकी है।  इसके अलावा 11 लाख लोगों को रोजगार देने का इस साल लक्ष्य है। यह जानकारी सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय के जन संपर्क कोषांग ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है।

मुज़फ्फरपुर में एक और ‘बालिकागृह कांड’

हिन्दुस्तान की खबर है कि बालिका गृह कांड के बाद लड़कियों के शोषण को लेकर मुजफ्फरपुर एक बार फिर सुर्खियों में है। डीबीआर यूनिक नेटवर्किंग कंपनी में काम करने वाली तीन लड़कियों ने पुलिस को बताया है कि नशे की गोली खिलाकर उन्हें मारा-पीटा गया और जबरन शारीरिक संबंध बनाये गये। पीड़ित लड़कियों की संख्या 100 से अधिक बतायी जा रही हैं। बिहार, यूपी से लेकर नेपाल तक नेटवर्किंग कंपनी की शाखाएं हैं। मुजफ्फरपुर, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सारण, सीवान, गोपालगंज समेत बिहार के 10 से अधिक जिलों में लड़कियों का शारीरिक व मानसिक शोषण किया जा रहा है। यह दावा अहियापुर नेटवर्किंग मामले में सारण की पीड़िता ने पुलिस के समक्ष दिए बयान में किया है।

प्रियंका वायनाड से चुनाव लड़ेंगी

जागरण के अनुसार कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट से इस्तीफा देने का निर्णय कर उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट का संसद में प्रतिनिधित्व करने का फैसला किया है। कांग्रेस ने साथ ही वायनाड सीट से प्रियंका गांधी वाड्रा को चुनाव मैदान में उतारने का भी ऐलान कर दिया है। पार्टी की घोषणा से प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनावी राजनीति की पारी शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है।

देवेशचंद्र ठाकुर बोले, यादव-मुसलमान का काम नहीं करेंगे

भास्कर के अनुसार जदयू के सीतामढ़ी से नवनिर्वाचित सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि क्योंकि यादव व मुसलमानों ने उन्हें वोट नहीं दिया इसलिए वह उनका काम नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “जब मुझे वोट देते वक्त दोनों को पीएम नरेंद्र मोदी का चेहरा दिखा मेरा चुनाव चिन्ह तीर नहीं दिख तो मैं भी उनके काम में लालू या राजद के चुनाव चिन्ह लालटेन को क्यों नहीं देखूं। मैंने ऐसा करना शुरू कर दिया है। दोनों को लौटाना शुरू कर दिया है।” देवेश अपने लोकसभा क्षेत्र सीतामढ़ी में अपने नेता-कार्यकर्ताओं से बात कर रहे थे। उनकी बातों पर राजनीति गरमाई तो सांसद ने अपने बयान को थोड़ा सुधारा। कहा, व्यक्तिगत नहीं, सार्वजनिक काम करूंगा। कुशवाहा जमात पर भी तंज़ कसते हुए कहा, जिसको वोट दिए हैं उसी से काम करा लें।

मुजाहिद ने कहा, भाजपा ने हराया

भास्कर के अनुसार किशनगंज के जदयू प्रत्याशी मुजाहिद आलम ने कहा कि भाजपा नेताओं ने मिलकर उन्हें हराया। उनके अनुसार इसके सैकड़ों सबूत हैं। उन्होंने कहा, “भाजपाइयों ने नारा तो दिया 400 पार का लेकिन मेरे खिलाफ काम किया। इसके केंद्र में भाजपा के बड़े नेता रहे जो विधायक भी थे। उनकी पत्नी विधानसभा चुनाव हारती रही हैं। भाजपाइयों को खतरा था कि मैं जीता तो यहां जदयू की लीडरशिप स्थापित हो जाती, तो हरा दिया। इन लोगों ने ऐसा माहौल बनाया कि वोटिंग के ठीक पहले की रात वोटों का ध्रुवीकरण हो गया।”

एनसीईआरटी: भारत व इंडिया दोनों लिखा जाएगा

एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा कि एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में ‘भारत’ और ‘इंडिया’ शब्द का परस्पर प्रयोग किया जाएगा, जैसा कि देश के संविधान में है। एनसीईआरटी प्रमुख ने कहा कि किताबों में दोनों शब्दों का इस्तेमाल होगा। परिषद को भारत या इंडिया से कोई परहेज नहीं है। ये टिप्पणियां सामाजिक विज्ञान पाठ्यक्रम पर काम कर रही एक उच्चस्तरीय समिति द्वारा यह सिफारिश किए जाने के मद्देनजर महत्वपूर्ण हैं कि सभी कक्षाओं की स्कूली पाठ्यपुस्तकों में इंडिया के स्थान पर भारत शब्द होना चाहिए।

कुछ और सुर्खियां

  • झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम में पुलिस ने पांच इनामी नक्सलियों को मुठभेड़ में ढेर करने का दावा किया
  • भाजपा के अवधेश नारायण सिंह फिर बन सकते हैं बिहार विधान परिषद के सभापति
  • बिहार में 24 घंटे में लू से दो दर्जन लोगों की जान गई
  • नीट कांड: एनटीए से जानकारी लेने आज दिल्ली जाएगी ईओयू की टीम
  • जम्मू कश्मीर के रियासी में तीर्थ यात्रियों की बस पर हुए हमले की जांच एनआईए को
  • इसराइल के प्रधानमंत्री ने वॉर केबिनेट भंग की
  • नेशनल मेडिकल कमिशन ने पीएमसीएच को एक करोड़ के जमाने की चेतावनी दी

अनछ्पी: सीतामढ़ी से नवनिर्वाचित जदयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने जिस तरह यादवों और मुसलमानों का नाम लेकर कहा कि वह उनका काम नहीं करेंगे उसके बारे में अगर यह कहा जाए कि ठाकुर साहब सांसद बने रहने लायक नहीं है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। सांसद ने अपने अभिनंदन समारोह में मुसलमान और यादवों पर तंज़ करते हुए कहा कि वह उनसे आकर मिलें, चाय-नाश्ता करें और वापस हो जाएं। लेकिन उनके ऐसे अलोकतांत्रिक और जातीय व सांप्रदायिक बातों को सुनने के बाद कौन उनसे मिलने जाएगा और कौन उनके चाय नाश्ते का इंतजार करेगा? यादव या मुस्लिम समुदाय का कोई आदमी अगर उनके पास मदद के लिए पहुंचता है तो वह एक कैसे तय करेंगे कि उसने उसे वोट दिया है या नहीं? और अगर वह यह तय कर लेते हैं तो भी क्या संविधान उन्हें इसका अधिकार देता है कि वह उनका काम नहीं करने की बात सार्वजनिक मंच से करें? अपनी बात का रफू करने के लिए उन्होंने यह बयान भी दिया कि उनका मतलब यह था कि वह यादव और मुसलमान समुदाय के लोगों का व्यक्तिगत काम नहीं करेंगे। यादव और मुसलमान समुदाय के अलावा वह कुशवाहा जाति से भी नाराज हैं क्योंकि उनका आरोप है कि उसने भी उन्हें वोट नहीं दिया। क्या भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को यह बात सही लगती है जो कुशवाहा समुदाय से आते हैं? क्या यह बात उपेंद्र कुशवाहा को भी आपत्तिजनक नहीं लगती है? हर चुनाव में पक्ष विपक्ष को वोट पड़ता है तो देवेश चंद्र ठाकुर के तर्क के हिसाब से बाकी सांसदों को भी उनका काम नहीं करना चाहिए जिनके बारे में उन्हें लगे कि उन्होंने उन्हें वोट नहीं दिया है। कोई भी सांसद अपनी शपथ में बिना राग द्वेष के काम करने की बात करता है लेकिन यहां तो देवेश चंद्र ठाकुर साफ तौर पर कह रहे हैं कि वह काम करने के मामले में जातीय और धार्मिक भेदभाव करेंगे। किसी भी लोकतांत्रिक विचारों वाले व्यक्ति से यह उम्मीद की जाती है कि अगर उसके किसी बयान से गलतफहमी पैदा हुई है तो वह उसे दूर करें लेकिन देवेश चंद्र ठाकुर तो अपनी इस विद्वेषपूर्ण बात पर अड़े हुए हैं। ऐसे में स्वाभाविक सवाल यह है कि क्या चुनाव आयोग उस व्यक्ति को सांसद बने रहने देना चाहता है जो भारतीय संविधान में दर्ज समानता के सिद्धांत के विरुद्ध साफ-साफ कहता है कि वह धार्मिक और जातीय आधार पर देखेगा कि किसका काम करें और किसका नहीं। लोकतांत्रिक मूल्य का तकाजा यही है कि देवेश चंद्र ठाकुर अपना यह बयान वापस लें और अगर यह बयान वापस नहीं लेते तो उनकी सांसदी रद्द की जाए।

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