छ्पी-अनछपी: विपक्ष और नीतीश के बीच हाय-हाय, नेपाल प्लेन क्रैश में 18 की मौत

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार विधानसभा में बुधवार को विपक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच हाय-हाय का आदान-प्रदान हुआ। नेपाल में प्लेन क्रैश में 18 लोगों की मौत हो गई। बिहार में बिना रजिस्ट्रेशन लिफ्ट और एस्केलेटर लगाने पर सजा और जुर्माना हो सकता है। सीबीआई की जांच में पता चला है कि नीट यूजी का पेपर 35 से 60 लख रुपए तक में बिका है।

आज के अखबारों की यह अहम खबरें हैं।

हिन्दुस्तान के अनुसार आरक्षण के मामले पर बुधवार को बिहार विधानसभा में विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया। वेल में उतरकर सरकार के विरोध में खूब नारेबाजी की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में विपक्षी सदस्य हाय-हाय का नारा लगाने लगे। इस पर सदन में मौजूद सीएम खड़े हुए और कहा कि विपक्षी सदस्य मुख्यमंत्री हाय-हाय का नारा लगा रहे हैं। उनको हाय-हाय। सब हाय-हाय। सीएम के इस बयान के बाद दिन भर वार-पलटवार का दौर जारी रहा।

नीतीश नाराज़ क्यों हुए?

जागरण की सबसे बड़ी खबर के अनुसार विधानसभा में बुधवार को विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज हो गए। बिहार को विशेष राज्य के दर्जे का सवाल हो या फिर 75% आरक्षण का मुद्दा, इसे लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा। मुख्यमंत्री ने सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आप लोग कुछ सुना नहीं चाहते, सिर्फ हंगामा करना चाहते हैं। “सभी पार्टियों के साथ मेरी पहल पर जाति आधारित गणना करवाई गई थी। आप लोग बैठकर उसके चर्चा करते लेकिन आप लोग सुनना नहीं चाहते। सभी पार्टियों ने जाति आधारित गणना का सपोर्ट किया था।” नीतीश ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि 2010 से बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगना शुरू किया था लेकिन कांग्रेस ने विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया। “आज केंद्र सरकार पूरी मदद कर रही है। विशेष पैकेज दिया जा रहा है।”

जब नीतीश बोले- महिला हो

बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही के दौरान राजद विधायक रेखा देवी बोलने लगीं तो इस पर मुख्यमंत्री ने उनको नसीहत दी, “महिला हो, कुछ जानती नहीं हो। अभी बोल रही हो। इन लोगों ने कभी महिला को आगे बढ़ाया था? वर्ष 2005 के बाद हम महिलाओं को आगे बढ़ा रहे हैं। चुपचाप सुनो।” नीतीश कुमार की इस टिप्पणी पर काफी विवाद हुआ और राजद ने उन पर महिला विरोधी होने का आरोप लगाया।

काठमांडू प्लेन क्रैश में 18 कई जान गई

हिन्दुस्तान के अनुसार काठमांडू में त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बुधवार को एक निजी घरेलू एयरलाइन का विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद गिर गया और उसमें आग लग गई। विमान में कुल 19 लोग सवार थे, जिनमें से एक बच्चे और महिला सहित 18 लोगों की मौत हो गई तथा पायलट घायल हो गया। मृतकों में पश्चिम चंपारण के रामनगर के मूल निवासी मनुराज शर्मा, उनकी पत्नी प्रीजा खटीवाडा व चार वर्षीय पुत्र अधिराज शर्मा शामिल हैं।

लिफ्ट और एस्केलेटर के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी

भास्कर की खबर है कि बिहार में अब बिना रजिस्ट्रेशन के लिफ्ट और एस्केलेटर संचालित नहीं होंगे। राज्य के सभी भवनों और प्रतिष्ठानों में पहले से लगे और भविष्य में लगने वाले लिफ्ट और एस्केलेटर का विद्युत निरीक्षणालय से रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। विधानसभा में बुधवार को बिहार लिफ्ट एवं एस्केलेटर विधायक 2024 पास कर दिया गया। ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि इस नियम का पालन नहीं करने वालों को 3 महीने की जेल या ₹50000 जुर्माना या दोनों सजा मिल सकती है। बिहार में लगभग 10 हज़ार लिफ्ट और एस्केलेटर हैं। नियम के अनुसार लिफ्ट एस्केलेटर इंस्टॉलेशन के लिए ₹2000 देना होगा और 3 वर्ष के बाद इंस्पेक्शन के लिए 1875 रुपए देने होंगे। किसी भी लिफ्ट और एस्केलेटर का जीवनकाल 20 वर्षों का होगा।

नीट के पेपर के लिए 35 से 60 लाख तक दिए

प्रभात खबर के अनुसार नीट यूजी 2024 पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच में यह बात सामने आई है कि पेपर खरीदने वालों ने 35 से 60 लख रुपए तक अदा किए थे। बिहार के छात्रों से 35 से 45 लाख और बाहर के छात्रों से 55 से 60 लाख रुपए तक में प्रश्न पत्र दिए गए थे। जांच में डेढ़ सौ से अधिक छात्रों को पेपर मिलने का प्रमाण मिला है। इनके सेंटर गुजरात के गोधरा, महाराष्ट्र के लातूर, हजारीबाग व पटना के अलावा अन्य शहरों में अलग-अलग स्थान पर थे। इसमें केवल पटना में 35 छात्रों को उत्तर के साथ प्रश्न पत्र देखकर रटवाया गया था। हाल में सुप्रीम कोर्ट में सौंपी गई सीबीआई की रिपोर्ट में इसका उल्लेख है।

ओसामा शहाब के घर क्यों पहुंची बंगाल पुलिस?

भास्कर के अनुसार सीवान नगर थाना क्षेत्र के नया किला स्थित दिवंगत पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब के घर पर बुधवार की दोपहर बंगाल पुलिस ने एसटीएफ व स्थानीय पुलिस के साथ छापेमारी की। टीम को रानीगंज में हुई डकैती के मामले में ओसामा शहाब के ड्राइवर की तलाश थी। हालांकि यहां पुलिस को कुछ हाथ नहीं लगा और छापेमारी टीम बैरंग ही लौट गई। बताते हैं कि पुलिस जिस बदमाश की तलाश कर रही थी वह फरार हो गया था। एसपी अमितेश कुमार ने बताया कि बुधवार को पश्चिम बंगाल की रानीगंज पुलिस पहुंची थी। रानीगंज में 10 जून 2024 को हुए डकैती के मामले में गोपालगंज के हथुवा के रहने वाले हसन की तलाश थी।

बिहार और आंध्र प्रदेश को बजट आवंटन पर हंगामा

हिन्दुस्तान के अनुसार इंडिया गठबंधन ने बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश को मिली सौगातों को लेकर सरकार पर विपक्ष शासित राज्यों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए लोकसभा और राज्यसभा में बुधवार को हंगामा किया। सांसदों ने संसद परिसर में प्रदर्शन कर अन्यायपूर्ण बजट पेश करने का आरोप लगाया। इंडिया गठबंधन के घटक दलों के सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में बजट का विरोध किया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार और आंध्र को पकौड़ा और जलेबी परोसी गई। अन्य राज्यों को कुछ नहीं मिला। आरोपों पर वित्त मंत्री की तरफ से उचित जवाब नहीं मिलने पर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। वहीं, लोकसभा में अपनी बात रखने की इजाजत न मिलने पर विपक्षी सांसदों ने विरोध दर्ज कराते हुए सदन से वॉकआउट किया।

कुछ और सुर्खियां

  • उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का आरोप- मॉनसून सत्र छोड़ सैर कर रहे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
  • शेरघाटी में पेशी के लिए अदालत लाए गए हिस्ट्रीशीटर पर गोलीबारी, कैदी और सिपाही घायल
  • बीपीएससी ने जारी किया परीक्षा कैलेंडर, शिक्षक नियुक्ति परीक्षा अगस्त में नहीं
  • मधेपुरा शिक्षा विभाग में सैलरी वाले खाते से फर्जी चेक और दस्तखत से 2.99 करोड़ की अवैध निकासी
  • सोने के दाम में ₹4000 की कमी, चांदी भी ₹3600 सस्ती
  • जेडीयू एमएलसी राधाचरण सेठ व उनके पार्टनर अशोक गुप्ता का रिजॉर्ट-स्कूल होगा ज़ब्त
  • सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा का शंभू बॉर्डर खोलने के हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक

अनछपी: बिहार में लिफ्ट और एस्केलेटर लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन को जरूरी कर दिया गया है और ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान भी किया गया है। इस कानून बनाने के पीछे मकसद क्या है इसका पता अखबारों से नहीं चलता। फिलहाल तो ऐसा लगता है कि सरकार की मंशा इससे भी पैसे कमाने की है। यह काम रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) भी कर सकता था लेकिन सरकार ने इसकी जिम्मेदारी विद्युत विभाग को दी है। क्या सरकार लिफ्ट और एस्केलेटर की गुणवत्ता की जांच भी सुनिश्चित करेगी? यह बात सबको पता है कि लिफ्ट और एस्केलेटर में जरा सी गड़बड़ी भी जानलेवा साबित हो सकती है। मगर सरकार की घोषणा में सुरक्षा मानकों का कोई जिक्र नहीं मिलता है। ध्यान देने की बात यह है कि अपार्टमेंट्स के लिए जो मानक तय हैं उसे लागू कराने में रेरा बुरी तरह नाकाम है। फिलहाल सभी मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए जब जहां चाहे अपार्टमेंट बना लिए जा रहे हैं। सवाल यह है कि लिफ्ट और एस्केलेटर के लिए रजिस्ट्रेशन को जरूरी करार देने के बाद सरकार क्या करेगी? क्या वह बिहार के सभी अपार्टमेंट और उन जगहों की जांच पड़ताल करेगी जहां लिफ्ट और एस्केलेटर लगे हुए हैं और उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है? बिजली विभाग के पास पहले से ही स्टाफ की कमी है तो क्या इस काम को उनसे कराना सही होगा? सरकार की मंशा अगर सुरक्षा प्रदान करना होता तो इस तरह का कानून नहीं लाया जाता बल्कि रजिस्ट्रेशन को सुरक्षा के साथ भी जोड़ा जाता। कानून बनाने के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि कानून लागू हो मगर जिस तरह रेरा के रहते कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं उससे निराशा होती है। अफसोस की बात यह है कि विपक्षी दल के नेता भी ऐसे कानून पर कोई बहस नहीं करते और इस तरह का कानून आसानी से पास हो जाता है। सरकार को चाहिए कि रजिस्ट्रेशन के कानून को सुरक्षा से भी जोड़े और लिफ्ट और एस्केलेटर के सुरक्षा मानकों की जांच की व्यवस्था भी करे।

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