छ्पी-अनछपी: कई जिलों में जमीन के पुराने दस्तावेज गायब, अशोक चौधरी की पोस्ट पर सियासी बवाल

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार के कई जिलों से यह शिकायत मिली है की जमीन के पुराने दस्तावेज गायब हो गए हैं और इस सिलसिले में कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज की गई है। मंत्री अशोक चौधरी की एक पोस्ट को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज माना गया और उसके बाद सियासी बवाल हो गया। फुलवारी शरीफ के जाहिद को उत्तर प्रदेश पुलिस ने एनकाउंटर में मारने का दावा किया है। ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी पटना में अपना कैंपस खोलेंगी।

आज के अखबारों की यह अहम खबरें हैं।

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार बिहार में भूमि सर्वे की शुरुआत के बाद रजिस्ट्री कार्यायलयों के रिकॉर्ड रूम में रखे दशकों पुराने रजिस्ट्री दस्तावेज की महत्ता बढ़ गई है। अपनी जमीन की रजिस्टर्ड डीड की सत्यापित कॉपी पाने के लिए हर दिन सैकड़ों लोग रजिस्ट्री कार्यालय के रिकॉर्ड रूम का चक्कर लगा रहे हैं। इनमें से कई को महीनों बाद भी सत्यापित कॉपी नहीं मिल सकी है। रिकॉर्ड रूम के प्रबंधन का कहना है कि उनके रिकॉर्ड या तो गुम हो गए या कचरा बन गए हैं जिनको छूने की हिम्मत सर्चर नहीं जुटा पा रहे। पटना, सारण, बक्सर और भागलपुर सहित कई जिलों में फाइल गायब होने की शिकायत पर संबंधित कर्मियों के खिलाफ स्थानीय थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई है

अशोक चौधरी का तंज और सफाई

भास्कर के अनुसार ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी के सोशल मीडिया की एक पोस्ट पर मजे का राजनीतिक बवाल हुआ। पोस्ट की एक लाइन थी- एक उम्र के बाद कोई आपको ना पूछे या कोई पीठ पीछे आपके बारे में गलत कह रहा है तो दिल पर लेना छोड़ दीजिए। यह लाइन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज के रूप में प्रचारित हुई। कुछ ने तो नीतीश को रिटायर होने की सलाह दी तो कई ने इस घोर आपत्तिजनक बताया। राजद ने कहा कि जदयू में विद्रोह शुरू हो चुका है। यह ताश के पत्ते की तरह बिखर जाएगा। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अशोक चौधरी की पोस्ट आपत्तिजनक है। जदयू प्रवक्ता नीरज ने कहा छद्म भाषा में नहीं, जो भी उन पर सीधा सवाल खड़ा करेगा, जवाब सुनने को तैयार रहे। जब हंगामा बढ़ गया तो अशोक चौधरी ने सफाई दी और कहा कि नीतीश कुमार उनके मानस पिता हैं। उन्होंने कहा, “मैं मूर्ख नहीं कि अपने नेता के खिलाफ पोस्ट करूंगा।” उनका कहना था कि उनकी पार्टी के कुछ लोग उन्हें नीतीश कुमार से दूर करना चाहते हैं इसलिए बात का बतंगड़ बनाते हैं।

फुलवारी के जाहिद का एनकाउंटर

जागरण के अनुसार उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में एसटीएफ ने दो आरपीएफ जवानों की हत्या में मुख्य आरोपित एक लाख के इनामी शराब तस्कर मोहम्मद जाहिद उर्फ सोनू को सोमवार की देर रात मुठभेड़ में मार गिराया। एसपी ईरज राजा ने बताया कि फुलवारी शरीफ निवासी जाहिद के खिलाफ पटना, दानापुर व गहमर में अपहरण, मारपीट और शराब तस्करी के चार मुकदमे दर्ज हैं। मुगलसराय जंक्शन पर तैनात आरपीएफ जवान गाजीपुर निवासी जावेद खान और भोजपुरी निवासी प्रमोद कुमार 19 अगस्त की रात मोकामा ट्रेनिंग सेंटर के लिए बाड़मेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस में सवार हुए। रास्ते में चेन पुलिंग कर ट्रेन में शराब चढ़ा रहे तस्करों को रोकने की कोशिश की। तस्करों ने दोनों की पिटाई करने के बाद चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया था। एसटीएफ ने 28 अगस्त को पटना से शराब तस्कर गिरोह के सरगना रेलवे कर्मचारी बिलेन्द्र पासवान को गिरफ्तार किया था। उसकी निशानदेही पर पटना में ही मुठभेड़ के बाद चार और आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। जाहिद पर एक लाख का इनाम घोषित किया गया था। एसपी ने बताया कि जाहिद सोमवार रात दिलदारनगर व जमानिया के बीच ट्रेन में शराब चलाने की फिराक में था। पुलिस को देखते ही जाहिद और उसके साथियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में जाहिद मारा गया। इधर जाहिद के चचेरे मामा असगर अली ने आरोप लगाया कि पुलिस ने भांजे को तीन दिन पहले ही गांव से उठा लिया था और उसे फर्जी मुठभेड़ में मार दिया।

ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज का कैंपस खुलेगा

भास्कर की खबर है कि ब्रिटेन ने भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी पहल की है। 5 साल में भारतीय महानगरों सहित टीयर 2 शहरों में ऑक्सफोर्ड व कैंब्रिज जैसी 24 यूनिवर्सिटी अपने कैंपस खोलने जा रही है। इसके लिए पटना, जयपुर, भोपाल, कानपुर और इंदौर जैसे शहरों का चयन किया गया है। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी आफ साउथहैंपटन सबसे पहले अपना कैंपस खोलने जा रही है। इसे पिछले हफ्ते ही लाइसेंस मिला है।

बाइक- फ्रिज वालों को भी मिलेगा पीएम आवास

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार मोटरसाइकिल और फ्रिज रखने वालों को भी अब प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का लाभ मिलेगा। नये मानकों पर ही इस बार लाभुकों का चयन होगा। इसको लेकर ग्रामीण विकास विभाग ने जिलों को दिशा-निर्देश जारी किया है। अगले महीने से नये सिरे से लाभुकों के चयन के लिए सर्वे शुरू होने के आसार हैं। पूर्व में हुए सर्वे में मोटरसाइकिल और फ्रिज रखने वालों को आवास योजना की स्वीकृति नहीं दी जाती थी। नये नियम में मोटरसाइकिल और फ्रिज रखने वाले को भी आवास की स्वीकृति दी जाएगी।

यूपी में ढाबा मालिकों को लिखना होगा नाम पता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खान-पान की वस्तुओं में गंदी चीजों की मिलावट करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ढाबों-रेस्टोरेंट में मालिक का नाम-पता लिखना अनिवार्य किया जाए। साथ ही इनमें रसोई समेत सभी स्थानों पर सीसीटीवी लगवाए जाएं।

कुछ और सुर्खियां

  • लेबनान पर दूसरे दिन भी इसराइल का हमला, दो दिनों में 558 लोगों की मौत
  • बिहार ने बनाया रिकॉर्ड, 8005 मेगावाट बिजली की सप्लाई हुई
  • एम्स, दरभंगा के निर्माण के लिए बची 37.31 एकड़ जमीन भी केंद्र को सौंप दी गई
  • जम्मू कश्मीर में दूसरे चरण में विधानसभा की 26 सीटों पर आज हो रही वोटिंग
  • जमीन सर्वे में भूस्वामियों की मदद के लिए टोल फ्री नंबर 18003456215

अनछपी: सरकारी स्तर पर भी कैसे अजीबोगरीब फैसले होते हैं इसका ताजा उदाहरण पंजाब सरकार के फैसले से मिला है जिसमें एनआरआई कोटे का दायरा बढ़ा दिया गया और इसमें चाचा, चाची, मामा-मामी, दादा- दादी, नाना-नानी और चचेरे भाई आदि को भी शामिल कर लिया गया था। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार के फैसले को रद्द कर दिया तो पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। अब सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले को सही करार देते हुए इस मामले में कड़ी टिप्पणी की है। दरअसल मामला यह है कि पंजाब सरकार मेडिकल कॉलेज में एनआरआई कोटा के तहत 15% सीटें आरक्षित रखती है और पहले केवल एनआरआई माता-पिता के बच्चों को ही इस कोटे में दाखिला मिलता था। लेकिन पंजाब सरकार ने इसका दायरा बढ़ाने का फैसला किया तो इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। कोर्ट ने एनआरआई कोटे का लाभ देने के लिए तय शर्तों को देखकर कहा कि यह पूरी तरह फ्रॉड है, अब यह बंद होना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि इससे बैक डोर एंट्री को रास्ता मिलता है और देश की शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता कमजोर होती है। कोर्ट के शब्दों में यह और कुछ नहीं पैसा बनाने का जरिया है। सवाल यह है कि फ्रॉड का यह रास्ता पंजाब सरकार ने क्यों अपनाया और उसे पैसा कमाने के लिए ऐसी हरकत करने की जरूरत क्यों पड़ी? सच्चाई यह है कि सरकार अब उच्च शिक्षा में पैसे खर्च कम करना चाहती है और हर हथकंडे अपना रही है जिससे उसे कमाई का जरिया मिले। यह बात केवल पंजाब सरकार तक सीमित नहीं है बल्कि दूसरे राज्य और यहां तक कि केंद्र सरकार भी उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा पर पैसे कम लगाना चाहती है। सरकार के आईएएस अधिकारी दरअसल ऐसी सलाह देते रहते हैं। इससे उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा आम लोगों की पहुंच से दूर होती जा रही है और पैसे वालों के लिए फ्रॉड का रास्ता खुलता जा रहा है। क्या यह बेहतर नहीं होगा कि सुप्रीम कोर्ट के पास एक अर्जी लाई जाए जिसमें यह कहा जाए कि केंद्र सरकार और दूसरी सरकारें भी उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा में पैसे खर्च करने से हाथ खींच रही है और यह देश के लिए नुकसानदेह है? इसी तरह प्राइवेट कॉलेजों में मैनेजमेंट कोटा का भी खेल चलता रहा है लेकिन उस पर किसी का ध्यान नहीं जाता। अगर प्राइवेट कॉलेजों के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप करे तो यह भारतीय शिक्षा व्यवस्था के लिए ऐतिहासिक कदम होगा।

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