छ्पी-अनछपी: कश्मीर में बिहार के तीन मज़दूरों की हत्या, सीवान में जेवर दुकान से 60 लाख की लूट

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। कश्मीर में एक कैंप में अंधाधुंध फायरिंग कर 7 लोगों की हत्या कर दी गई जिसमें बिहार के तीन मजदूर शामिल हैं। सीवान के एक जेवर दुकान से 60 लख रुपए की लूट की गई है। बिहार के 6422 पक्षों में चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। दरभंगा हवाई अड्डे पर 912 करोड़ रुपए की लागत से टर्मिनल बनेगा। इसराइल ईरान पर एक बड़े हमले की तैयारी में लगा हुआ है।

आज के अखबारों की यह अहम खबरें हैं।

भास्कर के अनुसार रविवार शाम को श्रीनगर से 20 किलोमीटर दूर गांदरबल के गगनगीरी इलाके में दो आतंकियों ने मजदूरों के कैंप पर ताबड़तोड़ फायरिंग की जिसमें 6 मजदूर और एक स्थानीय डॉक्टर की मौत हो गई। मारे गए मज़दूरों में तीन बिहार के हैं। पांच अन्य घायल हैं। मृतक डॉक्टर की पहचान बडगाम के नायदगम निवासी शाहनवाज के रूप में हुई है। हमले के बाद आतंकी भाग गए। आतंकियों ने रात करीब 8:30 बजे उस समय हमला बोला जब मजदूर कैंप लौट रहे थे। यह सभी गगनगीर में बन रहे टनल में काम कर रहे थे। हमले में बिहार के फहीम नासिर, कलीम और मोहम्मद हनीफ की मौत हुई है हालांकि उनका पता नहीं मालूम हो सका। जिस इलाके में यह हमला हुआ है वहां से मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह विधानसभा चुनाव जीते हैं।

सीवान की ज़ेवर दुकान से 60 लाख की लूट

प्रभात खबर के अनुसार सीवान में नौतन थाना क्षेत्र के मदन मोड़ और सोना चौक के बीच स्थित जेवर दुकान से रविवार को दिनदहाड़े अपराधियों ने 60 लाख के गहने लूट लिए। दोपहर एक बजे दो बाइकों से पहुंचे चार नकाबपोश अपराधियों ने 10-15 मिनट में पूरी वारदात को अंजाम दिया। दुकान में घुसते ही अपराधियों ने दुकानदार को पिस्तौल भिड़ाकर अलमारी की चाबी ले ली। दुकानदार के अनुसार बदमाशों ने उसमें रखे 60 लख रुपए से अधिक के सोने पर चांदी के जेवरात लूट लिए। काउंटर पर ग्राहकों को दिखाया जा रहे जेवरात और बिक्री के ₹12000 भी लूट लिए। भाग रहे अपराधियों ने फायरिंग की तो उनका पीछा कर रहे लोग रुक गए। इस कांड के अपराधियों को पकड़ने के लिए एसआईटी बनाई गई है।

6422 पैक्सों में चुनाव के लिए नोटिफिकेशन

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार बिहार में प्राथमिक कृषि साख समिति (पैक्स) चुनाव के लिए बिगुल बज गया है। बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार ने रविवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। पहले चरण का मतदान 26 नवंबर और अंतिम चरण का मतदान 3 दिसंबर को होगा। प्राधिकार ने 6422 पैक्सों के लिए चुनाव कार्यक्रम रविवार को जारी किया है।

912 करोड़ से बनेगा दरभंगा एयरपोर्ट का टर्मिनल

दरभंगा हवाई अड्डे पर 912 करोड़ की लागत से टर्मिनल बनेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को 54 एकड़ जमीन पर बनने वाले दरभंगा एयरपोर्ट के नए सिविल एन्क्लेव का वाराणसी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शिलान्यास किया। 24 एकड़ जमीन पर रनवे बनेगा। यहां बनने वाले एप्रन में एक साथ 14 विमानों की पार्किंग हो सकेगी। दरभंगा एयरपोर्ट के नये सिविल एन्क्लेव का निर्माण अयोध्या की तर्ज पर होगा। इसकी क्षमता एक वर्ष में 43 लाख यात्रियों की होगी। यहां 40 चेक इन काउंटर तथा चार कनवेयर बेल्ट होंगे।

ईरान पर इसराइल के बड़े हमले की तैयारी

ग़ज़ा, लेबनान के बाद इसराइल अब ईरान पर हमले की तैयारी कर रहा है। अमेरिकी खुफिया विभाग के दो दस्तावेज लीक हुए हैं, जिसमें बताया गया है कि मुमकिन है कि इसराइली सेना ईरान पर हमला कर सकती है। इन लीक दस्तावेजों में कथित तौर पर ईरान पर इसराइली हमले के लिए सैन्य तैयारियों का जिक्र किया गया है। अमेरिका की नेशनल जियोस्पेशियल इंटेलिजेंस एजेंसी (एनजीए) से प्राप्त इन दस्तावेजों में इस बात की जानकारी सामने आई है कि ईरान पर हमले की तैयारी के लिए इसराइली सेना खुद को तैयार कर रही है।

बिहार उपचुनाव के लिए उम्मीदवार तय

भास्कर के अनुसार बिहार विधानसभा की चारों सीटों पर उपचुनाव के लिए एनडीए और महागठबंधन प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही चुनावी लड़ाई की बिसात बीच गई है। दोनों गठबंधनों की आमने-सामने की सीधी लड़ाई को इस बार जन सुराज पार्टी और बहुजन समाज पार्टी त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में लगी हैं। बड़ी बात यह है कि इस बार तीन सीटों बेलागंज, इमामगंज और रामगढ़ में एनडीए और महागठबंधन से एक ही जाति से उम्मीदवार आमने-सामने है। बेलागंज में यादव के सामने यादव, इमामगंज में मांझी के सामने मांझी और रामगढ़ में राजपूत के सामने राजपूत उम्मीदवार होने से दोनों गठबंधन की प्रतिष्ठा दांव पर होगी। 2020 में विधानसभा चुनाव में तीन सीट पर महागठबंधन और एक सीट पर एनडीए विजयी हुआ था।

…तो मुसलमानों की भी जातियां गिनी जाएंगी

जागरण की खबर है की जातिवार जनगणना होने की स्थिति में पहली बार देश में मुसलमान की भी जातियां गिनी जाएंगी। भारत के रजिस्ट्रार जनरल और सेंसस कमिश्नर इसके लिए जरूरी तैयारी में जुड़ गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी महीने महाराष्ट्र में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुसलमानों में जातियों की जनगणना के मुद्दे पर चुप्पी को लेकर विपक्ष को आड़े हाथों लिया था। प्रधानमंत्री के बयान को हिंदुओं की तरह मुसलमानों में भी जातियों की जनगणना कराई जाने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि कोरोना महामारी और फिर लोकसभा चुनाव के कारण अटकी हुई 2021 की जनगणना 2025 में हो सकेगी। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने जनगणना के साथ जातिवार जनगणना करने को लेकर फैसला नहीं किया है लेकिन विपक्ष की ओर से जातिवार जनगणना के लिए बढ़ते दबाव और उसे राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश को देखते हुए मोदी सरकार इसे कराने का फैसला ले सकती है।

कुछ और सुर्खियां

  • न्यूज़ीलैंड ने भारत से भारत में 36 साल बाद टेस्ट मैच जीता
  • दुबई में न्यूज़ीलैंड ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर टी 20 महिला विश्व कप क्रिकेट प्रतियोगिता जीती
  • भाजपा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए 99 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की
  • इमामगंज से राजद के रौशन मांझी, बेलागंज से विश्वनाथ यादव व रामगढ़ से अजीत सिंह होंगे उम्मीदवार
  • पटना से खुली लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस ट्रेन में सदिसोपुर के बाद लूटपाट, एक यात्री को गोली लगी
  • जमाबंदी का ब्यौरा नहीं देने पर प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि के तहत मिलने वाला ₹6000 नहीं मिलेगा

अनछपी: दिवाली वैसे तो आतिशबाजी और धन दौलत कमाने का त्योहार माना जाता है लेकिन इस मौके पर उल्लुओं की शामत आ जाती है। यह बात सुनने में जरूर अजीब लगेगी लेकिन वन विभाग का कहना है कि दीपावली के अवसर पर अंधविश्वास की वजह से उल्लू की बलि देने की कुप्रथा जारी है। शायद ऐसा अंधविश्वास है कि अगर उल्लू की बलि दी जाएगी तो धन दौलत में इजाफा होगा। चूंकि उल्लू एक लुप्तप्राय प्राणी है और इसका संरक्षण वन जीव अधिनियम के तहत होता है इसलिए इसके शिकार पर रोक लगी है। इस रोग की वजह से उल्लू की तस्करी होती है और बलि देने वाले उसे खरीदते हैं। उल्लू को देवी लक्ष्मी की सवारी माना जाता है लेकिन उसकी बलि देने की कुप्रथा क्यों है, यह सोचने की बात है। धार्मिक विद्वान कहते हैं कि उल्लू की पूजा से देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है। उल्लू की पूजा के बदले उसकी बलि देने की प्रथा कैसे शुरू हुई? बताया जाता है कि कुछ लोग दिवाली पर उल्लू के अंगों का तंत्र विद्या में उपयोग करते हैं। तंत्र विद्या में पशुओं की बलि के अलावा कई बार मानव बलि भी दी जाती है इसलिए इस पर सख्ती करना जरूरी है। इस वजह से संरक्षित और शिकार के लिए मना किए गए उल्लू की कीमत हजारों रुपए तक पहुंच जाती है। अब बिहार के सभी डीएफओ को एक पत्र भेज कर कहा गया है कि वह उल्लू की तस्करी की रोकथाम की कोशिश करें। उल्लू की तस्करी करते हुए पकड़े जाने पर काम से कम 3 साल की सजा हो सकती है लेकिन ऐसी खबर शायद ही आती है कि किसी को इस मामले में सजा दी गई हो। बहरहाल यह काम वन विभाग के अलावा समाज का भी है कि लोगों को इस मामले में जागरूक किया जाए और उल्लू की तस्करी और बलि को रोका जाए।

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