Bihar में बन रहा है बिजली मीटर के लिए जनता विरोधी कानून

बिहार लोक संवाद डॉट नेट।

बिहार में एक ओर जहां बिजली की दर में लगातार इजाफा हो रहा वहीं सरकार प्रीपेड बिजली मीटर लगवाने पर पूरा जोर दे रही। ऐसे में उपभोक्ताओं पर दोहरी मार पड़ रही है। एक ओर बिजली दर बढ़ने से मासिक शुल्क में 100 प्रतिशत से अधिक का इजाफा हो गया है तो दूसरी तरफ बिना बिजली खर्च किये लोगों को पैसे देने पड़ रहे हैं।
राज्य में हर जगह इस प्रीपेड बिजली मीटर का विरोध हो रहा है। लोगों की शिकायत है कि इससे बहुत से लोगों को बिजली बिल बेतहाशा बढ़ कर मिल रहा और इसकी सुनवाई भी नहीं हो रही।
एक बात और ध्यान देने की है कि अभी बिहार में स्मार्ट मीटर के लिए क़ानून बनाने की बात चल रही है लेकिन उसे लागू पहले से कराया जा रहा है।

इस बारे में भाकपा माले पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन कर रही है। माले का कहना है कि बिहार सरकार पूरे राज्य में प्रीपेड बिजली मीटर लगाने जा रही जिससे आम उपभोक्ताओं पर भारी बोझ पड़ने वाला है। ग्रामीण आबादी के साथ साथ शहरी आबादी भी इसे सहने में सक्षम नहीं है।
माले इस विषय पर ट्रेड यूनियन संगठनों, किसान संगठनों और सिविल सोसाइटी के संगठनों के साथ मिलकर सरकार के इस जनविरोधी कदम का प्रतिकार करने के लिए कार्यक्रम तैयार कर रही है।
इस बारे में फुलवारीशरीफ के भाकपा माले विधायक गोपाल रविदास ने बिहार लोक संवाद से बात करते हुए कहा कि भाकपा माले प्रीपेड मीटर लगाने के विरोध में आंदोलन चला रही है और जनता को भी इसका विरोध करना चाहिएफुलवारी शरीफ की अल्बा कॉलोनी की अल्बा वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष अरमान मलिक ने कहा कि बिजली विभाग के लोग बिना इजाज़त घरों में घुसकर मीटर बदलने की ज़बर्दस्ती करना चाहते हैं।
वे घर की महिलाओं का भी ध्यान नहीं रखते। अभी कोरोना का समय चल रहा। उनके कर्मी झुंड बनाकर और बिना मास्क अपार्टमेंट में प्रवेश कर रहे। उन्होंने कहा कि प्रीपेड मीटर जनविरोधी कदम है और हम इसे स्वीरकार नहीं करेंगे।

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