सर्टिफिकेट और फिंगर प्रिंट से पकड़ी जा रही बहाली की धांधली

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना।
बिहार में नौकरियों में बहाली में फर्जीवाड़ा कोई नयी बात नहीं है। आजकल दो जगहों से बहाली में हुई धांधली सामने आ रही है। एक में तो बहाली हो चुकी है और दूसरे के लिए बहाली हो रही है। जिसमें बहाली हो चुकी है वह है अमीन का पद और जिसमें बहाली ली जा रही है वह है इंटरस्तरीय पद के लिए ली गयी परीक्षा।
गौर करने बात यह है कि इतनी सारी सावधानियों और जांच-परख के बाद भी ऐसा फर्जीवाड़ा कैसे हो जाता है। हालांकि ऐसे फर्जीवाड़े को पकड़ने की कोशिश की जा रही है लेकिन इससे सही उम्मीदवारों में भी निराशा फैलती है।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में काॅन्ट्रैक्ट पर बहाल घोषित किये गये 3456 अमीनों ने अपनी सेवा शुरू की थी लेकिन अब इनमें से 3264 ही कार्यरत हैं। इसके दो कारण हैं। एक तो बहाल हुए बहुत से उम्मीदवार की सेवा फर्जी प्रमाण पत्र के कारण समाप्त कर दी गयी। दूसरी ओर, करीब 80 लोगों ने खुद ही नौकरी छोड़ दी। इसका कारण स्पष्ट नहीं है। हो सकता है उनमें से कुछ की कहीं और नौकरी लग गयी हो और बाकी को पकड़े जाने का डर हो गया हो।
रोचक बात यह है कि अमीन के पद पर बहाली के लिए इंजीनियरिंग में डिग्री और डिप्लोमा लियेे लोगों ने भी आवेदन दिया और उनका चयन भी हो गया।
अब 96 बहाल अमीनों को नौकरी से हटाया गया है क्योंकि उनके प्रमाण पत्र फर्जी पाये गये हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि अभी जांच चल रही है। अगर और लोगों की डिग्री फर्जी पायी जाती है तो उन्हें भी हटाया जाएगा। फर्जी प्रमाण पत्रों पर बहाल अमीनों को हटााने के अलावा उनसे मानदेय के पैसे भी वसूला जाएगा। साथ ही उन पर फर्जीवाड़े का केस भी होगा।
दूसरी ओर लंबे इंतजार के बाद बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने पहली इंटर स्तरीय परीक्षा मंे कामयाब 14200 उम्मीदवारों की काउंसलिंग शुरू की तो उसे फर्जी उम्मीदवारों को पकड़ने में मशक्कत करनी पड़ रही है। दो ही दिनों में 99 फर्जी उम्मीदवार पकड़े गये हैं। इनके फर्जीवाड़ा का भंडाफोड़ बायोमीट्रिीक जांच में हुआ है। परीक्षा के दौरान की फिंगर प्रिंट और काउंसलिंग के दौरान की फिंगर प्रिंट में अंतर पाये जाने के बाद फर्जीवाड़ा करने वाले पकड़े गये। उनके खिलाफ एसके पुरी थाने में एफआईआर दर्ज की गयी है।

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