निजी स्कूलों को संकट से उबारने के लिए स्पेशल पैकेज की मांग

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट पटना
प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से निजी स्कूलों को संकट से उबारने के लिए स्पेशल पैकेज की मांग की है। एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने बताया कि केरल के एर्नाकुलम (कोचिन) में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान स्पेशन पैकेज की मांग की गई। उन्होंने कहा कि
लॉकडाउन के दौरान एसोसिएशन ने केंद्र एवं राज्य सरकार के सामने लगातार प्राइवेट स्कूलों से संबंधित हजारों शिक्षकों एवं विद्यालयों से जुड़े कर्मचारियों की पीड़ा से अवगत कराते रहे। इसके बावजूद प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की जो घोषणा की उसमें कहीं भी प्राइवेट स्कूलों से संबंधित लोगों का जिक्र नहीं है।
शमायल अहमद ने कहा कि अगर केन्द्र सरकार ने एसोसिएशन की मांगों पर विचार नहीं किया तो हजारों प्राइवेट स्कूल बंद हो जाएंगे और देश का एक बड़ा हिस्सा बेरोजगार हो जाएगा।
एसोसिएशन की आठ सूत्री मांगें इस प्रकार हैं-

1. केंद्र सरकार के पत्रांक के आलोक में निजी विद्यालयों को संचालित करने का आदेश अविलम्ब पारित किया जाये।

2. राज्य सरकारें निजी विद्यालयों के सभी टैक्स की राशि को माफ करने के लिए उचित दिशानिर्देश पारित करें। बिजली का बिल , ट्रांसपोर्ट में लगने वाले विभिन्न प्रकार के टैक्स को माफ किया जाए एवं बैंक के ईएमआई पर लगने वाले ब्याज को नहीं लिया जाए।

3. राज्य बोर्ड एवं राज्य सरकार के दिशानिर्देश से निजी विद्यालयों के भवनों में संचालित होने वाली परीक्षाओं में भवनों का इस्तेमाल वर्षो से निःशुल्क किया जा रहा है जो न्यायसंगत नहीं है। अगर बिहार बोर्ड अपनी बोर्ड परीक्षा एवं बिहार सरकार विभिन्न परीक्षाएं निजी विद्यालयों में संचालित करना चाहती है तो उन्हें भवन इस्तेमाल करने का शुल्क देना पड़ेगा जो संघठन के द्वारा तय किया जाएगा अन्यथा निजी विद्यालय संचालक अपना भवन परीक्षा सं्चालन के लिए बोर्ड या सरकार को नहीं देंगे।

4. जल्द से जल्द शिक्षा के अधिकार की राशि सभी निजी विद्यालयों को निर्गत करने हेतु उचित दिशानिर्देश सभी प्रदेश के शिक्षा विभाग को देने की कृपा करें।

5. सभी निजी विद्यालयों के भवनों का किराया माफ करने के लिए उचित दिशानिर्देश जारी किया जाए।

6. निजी विद्यालयों को पुनसर्््थापना के लिए उचित पैकेज की घोषणा की जाये ताकि लाखों शिक्षकों, शिक्षिकाओं एवं कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में जाने से बच सके साथ ही विद्यार्थियों को भी शिक्षा का लाभ निरंतर मिल सके।

7. शिक्षा विभाग ने वर्ष 2011 में आदेश जारी किया था कि 30 नवंबर तक हर हाल में स्कूलों को मान्यता की फाइल संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में जमा कर दें। साफ आदेश था कि ऐसा नहीं करने वाले विद्यालय नहीं चलेंगे, लेकिन आज भी प्रदेश में हजारों की संख्या में ऐसे ही विद्यालय चल रहे हैं। 2011 में आवेदन करने वाले विद्यालयों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और न ही भौतिक सत्यापन किया गया।

8. सरकारी स्कूलों में प्रति बच्चा प्रतिमाह खर्च के आधार पर प्रत्येक प्राइवेट स्कूलों को उसके बच्चों की संख्या के अनुसार विद्यालय अकाउंट में एक वर्ष की विशेष आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान बनाकर अतिशीघ्र सहायता राशि सभी निजी विद्यालयों को उपलब्ध कराई जाए।

इस प्रेस वार्ता में एसोसिएशन की केरल अध्यक्ष श्रीमती अनु चाको, चेयरमैन रामाचंद्रन नायर, स्टेट जनरल सेक्रेट्री अब्दुल नजर, सेक्रेटरी जे मोसेस, नेशनल टीचर्स अवॉर्डी डॉक्टर दीपा चंद्रन ज्वाइंट सेक्रेट्री एम जौहर, डॉक्टर दीपक चंद्रन, जिला अध्यक्ष डॉ. थौमस पौलोस नेचुपडम, एड ग्लोब के को-फाउंडर एवं डायरेक्टर जयाकुमार, फाउंडर एवं डायरेक्टर श्रीकुमार, फाउंडर एवं डायरेक्टर रंजीत एम आर और सीबस्टैंड के फाउंडर एवं डायरेक्टर मनोज भी मौजूद थे।

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