Hajj 2021 बिहारवासी इस साल भी नहीं कर पाएंगे हज!
VO बिहार लोक संवाद डाॅट नेट पटना
कोविड-19 की वजह से बिहार के आज़मीन इस बार भी हज का मुक़द्दस फ़रीज़ा अदा नहीं कर पाएंगे। वैश्विक महामारी की वजह से सऊदी सरकार ने सिर्फ़ 60 हज़ार लोगांें को ही हज करने की अनुमति दी है। इनमें से 15 हज़ार आज़मीन सऊदी अरब के जबकि शेष 45 हज़ार विदेशी होंगे। इनमें से भारत के कितने आज़मीन को हज करना नसीब होगा, यह कहना मुश्किल है। भारत में हाजियों का कोटा लगभग 2 लाख है।
जहां तक बिहार का संबंध है, यहां का कोटा लगभग 12 हज़ार है। लेकिन पिछले कई वर्षों से आज़मीने हज की तादाद 5 हज़ार से ऊपर नहीं जा पा रही है। कोविड-19 और लाॅकडाउन ने और भी बुरा हाल कर दिया। पिछले साल किसी को हज करना नसीब नहीं हुआ। इस साल बिहार से महज़ 1449 लोगों ने ही बिहार स्टेट हज कमिटी के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराया है। लेकिन देश के अन्य प्रदेशों की तरह बिहार से भी किराया राशि की कोई क़िस्त जमा नहीं कराई गई है। इसके अलावा फ़्लाइट का शिड्यूल भी तय नहीं हुआ है।
अगर कोरोनाकाल से पहले के हज पर एक नज़र डालें तो हर साल दुनिया भर के 25 लाख लोग हज करते रहे हैं। कोरोनाकाल में हज के दौरान कई तरह की बंदिशें लग गई हैं। पिछले साल सिर्फ़ सऊदी अरब में रहने वाले 10 हज़ार लोगांें को हज करने की इजाज़त दी गई थी।
इस साल हज के सभी अरकान 17 से 22 जुलाई के बीच होंगे। शैतान को कंकड़ी मारने के लिए इस बार छोटे-छोटे बैग में स्ट्रेलाइज़्ड पत्थर दिए जाएंगे। कंकड़ी मारते वक़्त हर एक फ़्लोर पर 50 से ज़्यादा हजयात्री एक बार में जमा नहीं होेंगे।
इस बीच बिहार स्टेट हज कमिटी के चेयरमैन हाजी इलियास उर्फ़ सोनू बाबू ने कहा है कि अगर सऊदी सरकार और भारत सरकार रजिस्ट्रेशन करा चुके लोगों के लिए हज की अनुमति दी भी देती है तो आज़मीने हज को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ लगवाना ज़रूरी होगा। इसके अलावा, वहां लैंड करने के बाद तीन दिन क्वारेंटाइन में रहना होगा। वैसे लोग ही जा सकेंगे जो उड़ान भरने से छह माह पहले किसी अस्पताल में एडमिट नहीं हुए हों। उन्हें मेडिकल सर्टिफ़िकेट साथ रखना होगा। 18 साल से नीचे और 60 साल के ऊपर के लोग हज पर नहीं जाएंगे।
कुल मिलाकर हालात ऐसे हैं, जिनमें हज पर जाने की संभावना व्यक्त करना दूर की कौड़ी लाने के बराबर है।
सैयद जावेद हसन, बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना
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