गिरफ्तार पप्पू यादव को कोरोना संक्रमित कर मार दिए जाने का खतरा

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट पटना

छपरा में ‘एम्बुलेंस छुपाए’ रखने के मामले में जाप अध्यक्ष पप्पू यादव ने भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूड़ी को जिस तरह से बेनकाब किया था, उसके बाद से उनकी छवि ‘सुपरमैन’ जैसी हो गई थी। ल्रेकिन दूसरी तरफ वो बिहार में सत्ताधारी दल भाजपा और जदयू के निशाने पर आ गए थे। इन दोनों पार्टियों के नेताओं ने उनपर लाॅकडाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए ‘छापामारी’ का आरोप लगाया था।

इसी कड़ी में मंगलवार को पटना पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और गांधी मैदान थाना में बैठा दिया।

श्री यादव ने मंगलवार को खुद सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर कहा कि उन्हें गिरफ्तार कर पटना के गांधी मैदान थाना ले जाया गया है। उन्होंने आगे ट्वीट में कहा, ‘कोरोना काल में जिंदगियां बचाने के लिए अपनी जान हथेली पर रख जूझना अपराध है, तो हां मैं अपराधी हूं। पीएम साहब, सीएम साहब, दे दो फांसी, या भेज दो जेल। झुकूंगा नहीं, रुकूंगा नहीं। लोगों को बचाऊंगा। बेईमानों को बेनकाब करता रहूंगा।’

इस बीच पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक उपेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि पप्पू यादव लगातार बिना पास के घूम रहे थे, जबकि उन्हें हिदायत दी गई थी कि वे बिना किसी ठोस वजह के घर से बाहर न निकलें। मंगलवार को सूचना मिली कि वह कोविड गाइडलाइन का उलंघन करते हुए पीएमसीएच के कोविड वार्ड में पहुंच गए हैं। इसके बाद पुलिस के पास फोन आया कि उनकी वजह से मरीजों को इलाज से परेशानी हो रही है। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

दूसरी तरफ, एक यूट्यूब चैनल से फोन पर बातचीत करते हुए पप्पू यादव ने खुद को कोरोना संक्रमित कर जान से मार दिए जाने का खतरा जाहिर किया।

उधर श्री यादव को हिरासत में लिए जाने पर राज्य की नीतीश सरकार में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नाराजगी जताई है । उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘कोई जनप्रतिनिधि अगर दिन-रात जनता की सेवा करे और उसके एवज में उसे गिरफ्तार किया जाए ऐसी घटना मानवता के लिए खघ्तरनाक है। ऐसे मामलों की पहले न्यायिक जाँच हो तब ही कोई कारवाई होनी चाहिए नहीं तो जन आक्रोश होना लाजमी है।’

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