छपी-अनछपीः अग्निपथ के विरोध में बवाल तो सरकार ने दिया नया लाॅलीपाॅप, रांची एसएसपी से शो काॅज
बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। सेना में बहाली की नयी योजना का नाम ’अग्निपथ’ दिया गया और नौकरी करने वालों को ’अग्निवीर’ का नाम दिया लेकिन लगता है कि यह स्कीम युवाओं को पसंद नहीं आयी है।
अधिकतर अखबारों में विरोध की बात तो दबा दी गयी है लेकिन भास्कर ने पहले पेज पर पहली खबर की सुर्खी लगायी हैः अग्निपथ के विरोध में बवाल, ट्रेनें रोकीं…एनएच जाम। इसके साथ ही दूसरी खबर है- सरकार बोली- सशस्त्रबल भर्ती में अग्निवीरों को प्राथमिकता। यही खबर ’हिन्दुस्तान’ और ’प्रभात खबर’ की लीड है। बवाल बिहार के बाहर भी कई शहरों में हुआ है और लाॅलीपाॅप यह है कि चार साल के बाद अग्निवीरों को दूसरी जगह नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी।
केन्द्र सरकार की नयी नौकरी स्कीम जारी होने के बाद इसके बारे में कई सवाल खड़े हो रहे हैं। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि नौकरियों में आरक्षण समाप्त किया जा रहा है। यह खबर हिन्दुस्तान ने प्रमुुखता से छापा है।
’जागरण’ ने राष्ट्पति पद के लिए साझा उम्मीदवारों की कोशिश की खबर सबसे प्रमुखता से छापी है। इसमें बताया गया है कि शरद पवार के इनकार के बाद गोपालकृष्ण गांधी या फारूक अब्दुलला का नाम सुझाया गया है। दूसरी ओर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रपति उम्मीदवार पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात की है।
राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ की खबर लगातार तीसरे दिन सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी है। बिहार में एनडीए के पास महागठबंधन से दोगुने से अधिक वोट है क्योंकि लोकसभा में महागठबंधन के सदस्य सिर्फ एक हैं।
’हिन्दुस्तान’ ने मुस्लिम संगठनों से बातचीत कर एक अलग खबर छापी है जिसका शीर्षक हैः मुस्लिम संगठनों का पैगाम, अमन चैन से ही होगी देश की तरक्की। वास्तव में यह अजीब कोशिश है क्योंकि इससे संदेश यह जा रहा कि मुस्लिम समाज को इसकी जरूरत है। शायद सही यह होता कि इस बारे में सभी धर्मगुरुओं की बात एक साथ छापी जाती।
कल एक खबर अखबारों में आयी थी कि अब बिहार में टीईटी नहीं आयोजित होगा और शिक्षकों की पात्रता के लिए केन्द्र सरकार की परीक्षा सीटीईटी से तय होगी। लेकिन अब बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया है कि सरकार ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है। यानी बिहार टीईटी जारी रहेगा।
अनछपीः कल ’हिन्दुस्तान’, पटना में यह खबर प्रमुखता से छपी थी कि कैसे रांची में कथित उपद्रवियों की तस्वीरों वाला पोस्टर रांची के जाकिर पार्क में लगाया गया और कुछ ही देर बात उतार लिया गया। उसमें थानेदारों के नंबर भी दिये गये थे ताकि उन्हें जानकारी दी जा सके। मतलब रांची की हिंसा में कथित रूप से शामिल लोगों की जानकारी बिहार से भी दी जा सकती थी। खैर, कल ही यह हुआ कि झारखंड के गृह विभाग के प्रधान सचिव राजीव एक्का ने रांची के एसएसपी सुरेन्द्र कुमार झा की इस कार्रवाई को विधिसम्मत न मानते हुए उनसे दो दिन में स्पष्टीकरण मांगा है। श्री झा ने पहले यह कहा था कि पोस्टर में कुछ गड़बड़ी थी और इसे ठीक कर दोबारा लगाया जाएगा। लेकिन हुआ यह कि पोस्टर तो वे न लगवा सके लेकिन उन्हें शो काॅज नोटिस जरूर मिल गया। ध्यान रहे कि पोस्टर लगाने का आदेश गवर्नर रमेश बैस ने दिया था जिसे झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कार्यपालिका के काम में साफ हस्तक्षेप मानते हुए इसका विरोध किया था।
695 total views