छ्पी-अनछपी: पूर्व डीजीपी सिंघल पर 10% कमीशन लेने का आरोप, जमीन सर्वे का काम नहीं रुकेगा

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। इकोनॉमिक  ऑफेंस यूनिट (ईओयू) की चार्जशीट में बिहार के पूर्व डीजीपी एसके सिंघल पर सिपाही भर्ती पेपर छपाई में 10% कमीशन लेने का आरोप लगाया गया है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने कहा है कि बिहार में हो रहा जमीन सर्वे का काम नहीं रुकेगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि भारत में सिखों के बीच असुरक्षा का माहौल है। आईजीआईएमएस में गायनी डिपार्टमेंट की हेड ने दो डॉक्टरों से उठक बैठक कराने के मामले में माफी मांग ली है। बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपना कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम शुरू किया है।

भास्कर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार सिपाही बहाली प्रश्न पत्र लीक मामले में पूर्व डीजीपी व केंद्रीय चयन पर्षद के तत्कालीन अध्यक्ष एस के सिंघल ने मोटी रकम ली। पैसा प्रिंटिंग प्रेस मलिक के से कमीशन के रूप में लिया गया। ईओयू की ओर से कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में इसका जिक्र है। सिंघल ने एक कमरे में चलने वाली प्रिंटिंग प्रेस कालटेक्स मल्टीवेंचर को 10% कमीशन लेकर प्रश्न पत्र छापने का ठेका दिया था। ब्लेसिंग सिक्योर के निदेशक कौशिक कर और कालटेक्स के निदेशक सौरभ बंधोपाध्याय ने अपने बयान में इस बात को स्वीकार किया है। ध्यान रहे कि 2023 में सिपाही बहाली का विज्ञापन निकाला था। इसके लिए पेपर छपाई का ठेका कालटेक्स कंपनी को दिया गया। सौरभ ने कमीशन के पैसे अध्यक्ष के आवास के पीछे वाले गेट पर पहुंचाए। इस बात को वह अदालत में भी कहने को तैयार हैं।

जमीन सर्वे का काम नहीं रुकेगा: मंत्री

हिन्दुस्तान के अनुसार राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा है कि कुछ जमीन माफिया नहीं चाहते हैं कि बिहार में सर्वे का काम पूरा हो। उन्होंने कहा कि जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले लोग सर्वे को लेकर अनाप-शनाप बातें प्रचारित करने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जमीन का सर्वे होकर रहेगा। इसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होगा। सर्वे का काम बदस्तूर अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत चलेगा और समय पर पूरा होगा। उन्होंने जमीन सर्वे पर किसी तरह की रोक या इसमें बदलाव करने की खबरों को अफवाह बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया। कहा कि गांव में इसे लेकर कोई विवाद नहीं है।

भारत मे सिखों के बीच असुरक्षा: राहुल

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान कहा है कि उनकी लड़ाई राजनीति को लेकर नहीं है बल्कि इस बात की है कि एक सिख तौर पर उन्हें भारत में पगड़ी पहनने की अनुमति मिलेगी या नहीं और क्या वह गुरुद्वारा जा सकेंगे। उनके इस बयान पर भाजपा ने आपत्ति व्यक्त की है। वर्जीनिया में भारतीय समुदाय से बातचीत के दौरान राहुल ने कहा सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि लड़ाई किस बारे में है। “लड़ाई राजनीति को लेकर नहीं है. यह सतही है। लड़ाई इस बात की है कि क्या एक सिख के तौर पर उन्हें भारत में पगड़ी पहनने की अनुमति दी जाएगी या एक सिख तौर पर उन्हें भारत में कड़ा पहनने की अनुमति दी जाएगी या एक सिख गुरुद्वारा जा सकेगा, लड़ाई इस बारे में है और सिर्फ उनके लिए नहीं सभी धर्म के लिए है।”

आईजीआईएमएस में जूनियर महिला डॉक्टरों से कराई उठक-बैठक

प्रभात खबर के अनुसार आईजीआईएमएस में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की दो पीजी छात्राओं या जूनियर महिला डॉक्टर के साथ विभागाध्यक्ष नीरू गोयल ने दुर्व्यवहार किया और उनसे उठक बैठक कराई। दोनों जूनियर डॉक्टरों ने आईजीआईएमएस से इस मामले में शिकायत की तो प्रशासन ने बैठक की और एनएमसी की गाइडलाइन के तहत 6 सितंबर को डॉक्टर ओम कुमार की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय कमेटी बना दी। 7 सितंबर को इसके समक्ष विभाग अध्यक्ष नीरू गोयल ने अपनी बात रखी और गलती मानते हुए माफी मांग ली। हालांकि मंगलवार को भी अंतिम बैठक में उन्हें उन डॉक्टरों की गाइड और परीक्षक के पद से भी हटा दिया गया।

7559 नए पदों पर होगी बहाली

जागरण की सबसे बड़ी खबर के अनुसार बिहार के विभिन्न सरकारी महकमों में जल्द ही 7559 पदों पर नियुक्तियां होंगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 7559 पद सृजन का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉक्टर एस सिद्धार्थ ने बताया कि प्रदेश में स्थापित 6421 उत्क्रमित उच्च माध्यमिक स्कूलों में एक-एक सहायक नियुक्त किए जाएंगे। इसके अलावा पीएचईडी में 350 जूनियर इंजीनियर बहाल होंगे और दूसरे विभागों में भी बहाली होगी।

सुल्तान पैलेस में बनेगा फाइव स्टार होटल

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार बिहार में पर्यटकों की बढ़ती संख्या और बेहतर औद्योगिक वातावरण को ध्यान में रखते हुए राजधानी पटना में तीन नए पांच सितारा होटलों के निर्माण को राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को स्वीकृति दे दी है। पटना में होटल पाटलिपुत्र अशोक, बांकीपुर बस स्टैंड और सुल्तान पैलेस परिसर की भूमि पर पीपीपी मोड पर पांच सितारा होटल बनेगा। इन तीनों होटल में मॉल भी होंगे। सुल्तान पैलेस के वर्तमान ऐतिहासिक भवन को संरक्षित रखते हुए पांच तारा होटल बनेगा।

तेजस्वी कर रहे ‘कार्यकर्ता संवाद’

हिन्दुस्तान के अनुसार पूर्व उप मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मंगलवार को कहा कि राज्य की जमीनी हकीकत जानने के लिए कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम शुरू किया गया है। पहले चरण में समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी और मुजफ्फरपुर में कार्यक्रम होगा। इस दौरान संगठन की मजबूती पर भी चर्चा होगी। तेजस्वी ने कहा कि बेरोजगारी, गरीबी, पलायन, बेतहाशा अपराध और भ्रष्टाचार से लोग परेशान हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति लोगों का भरोसा खत्म हो गया है। तेजस्वी ने कहा कि हर वर्ग के लोगों की वास्तविक आर्थिक, शैक्षणिक स्थिति के डाटा के आधार पर विकास की योजना बनायी जाएगी।

कुछ और सुर्खियां

  • मणिपुर में हिंसा के बाद तनाव और कर्फ्यू, कई जिलों में इंटरनेट बंद
  • सुप्रीम कोर्ट की डेडलाइन खत्म होने के बावजूद कोलकाता के हड़ताली डॉक्टर काम पर नहीं लौटे
  • भवन निर्माण कामगारों की बेटियों के जन्म पर जमा होंगे 50 हज़ार रुपये
  • बिहार में सहकारी बैंक से ग्राहक दिसंबर से ले सकेंगे गोल्ड लोन
  • साइबर ठगों से निपटने के लिए अगले 5 साल में 5000 साइबर कमांडो को ट्रेनिंग दी जाएगी
  • बिहार में मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना फिर शुरू होगी
  • बांका में पोखर में नहाने के दौरान चार सहेलियों की मौत

अनछपी: बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल जमीन सर्वे में हो रही परेशानियों से बिलकुल बेखबर नजर आते हैं। अगर उन्हें गांव में हो रही परेशानियों और जिला मुख्यालय में लग रही भीड़ का अंदाजा होता या वह उसे जानबूझकर नजरअंदाज नहीं करते तो वह ऐसा बयान नहीं देते कि बिहार के गांव में जमीन सर्वे को लेकर कोई परेशानी नहीं है। दिलीप जायसवाल ने यह दावा प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया जहां उन्होंने बताया कि जमीन सर्वे रोकने का सरकार का कोई इरादा नहीं है। दिलीप जायसवाल चाहे तो अपने बारे में यह बता सकते हैं कि उन्होंने खुद की जमीन का सर्वे कैसे करवाया। दिलीप जायसवाल को इस बारे में सही फीडबैक नहीं है और उन्हें चाहिए कि वह खुद किसी गांव में जाकर किसी आम आदमी से पूछें कि जमीन के सर्वे में उन्हें क्या दिक्कत पेश आ रही है। बहुत से लोगों की राय है कि जमीन सर्वे शुरू करने से पहले जमीन के कागजात जमा करने का मुहिम चलाया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए कहा जा रहा है कि वंशावली बनाना बेहद आसान काम है लेकिन जहां डेथ सर्टिफिकेट बनाना हो वहां यह काम बहुत मुश्किल है। आम आदमी के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना बहुत मुश्किल काम माना जाता है। इसी तरह जिन्हें खतियान की जरूरत है उन्हें भी लंबी-लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है। यह दावा किया जा रहा है कि सभी कागजात ऑनलाइन मौजूद है तो फिर लोगों को इसके लिए कचहरी का चक्कर क्यों लगाना पड़ रहा है? एक बात और ध्यान देने की है कि जो दस्तावेज ऑनलाइन मौजूद है उनमें से अक्सर में नाम और रकबा की गलती पाई जाती है। इस गलती को सुधारने के लिए परिमार्जन का उपाय बताया जाता है लेकिन उससे भी अक्सर लोगों को राहत नहीं मिलती है। कई अंचलों में तो सीओ ही नहीं हैं और वहां प्रभार से काम चल रहा है जिसके कारण परिमार्जन का काम नहीं हो पा रहा है। दिलीप जायसवाल या सरकार को पहले इन कागजात को हासिल करने की प्रक्रिया को आसान बनाना चाहिए। फिलहाल तो यह शिकायत आ रही है कि जमीन सर्वे के लिए जरूरी कागजात हासिल करने में लोगों का पसीना छूट रहा है और सर्किल ऑफिस में कर्मचारी खूब घूस वसूल रहे हैं। क्या दिलीप जायसवाल को इस बात का पता नहीं कि बिहार में पुश्त दर पुश्त जमीन का मालिक आना हक चलाता है और लंबे समय से इसके कागजात तैयार नहीं हुए हैं।

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