छ्पी-अनछपी: डेढ़ लाख किसानों को 101 करोड़ का मुआवजा, वक़्फ़ संसदीय समिति 13 को पटना आएगी
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार के डेढ़ लाख बाढ़ प्रभावित किसानों को 101 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया है। वक़्फ़ संशोधन बिल के लिए बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति 13 नवंबर को पटना आएगी। मंगलवार को धनतेरस पर पूरे भारत में 60 हज़ार करोड़ रुपए के कारोबार होने का अनुमान है। हिजबुल्लाह ने नईम कासिम को अपना नया नेता चुना है।
जागरण के अनुसार बाढ़ की वजह से हुए फसल नुकसान के मद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को 1.52 लाख किसानों के बैंक खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से 101 करोड़ रुपए ट्रांसफर किये। सितंबर में हुई बारिश तथा गंगा, कोसी, गंडक, बागमती व दूसरी नदियों के जलस्तर में हुई वृद्धि की वजह से आई बाढ़ में फसल क्षति की रिपोर्ट के आधार पर प्रभावित किसानों को कृषि इनपुट अनुदान की राशि दी गई है। अभी पहले चरण में प्रभावित हुए किसानों को मुआवजे की राशि दी गई है। सरकार की रिपोर्ट के अनुसार पहले चरण में 16 जिलों के 66 प्रखंडों और 580 पंचायतों में खेती को नुकसान पहुंचा था। हर किसान को अधिकतम 2 हेक्टेयर के लिए अनुदान दिया जा रहा है।
वक़्फ़ संसदीय समिति का दौरा
हिन्दुस्तान की खबर है कि वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसदीय पैनल ने अपनी रिपोर्ट जमा करने की समय सीमा नजदीक आने के मद्देनजर बैठकों की एक श्रृंखला आयोजित करने और पांच राज्यों की राजधानियों का दौरा करने का कार्यक्रम बनाया है। इससे मुद्दे पर विभिन्न हितधारकों के विचार सुने जा सकेंगे। नौ नवंबर से समिति गुवाहाटी से पांच राज्यों का अपना दौरा शुरू करेगी। समिति 11 नवंबर को भुवनेश्वर, 12 को कोलकाता, 13 को पटना और 14 को लखनऊ में हितधारकों के इसी तरह के समूह के साथ चर्चा करेगी। समिति को 25 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के अंतिम दिन तक विधेयक पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।
एक दिन में 60 हज़ार करोड़ का कारोबार
प्रभात खबर के अनुसार इस त्योहारी सीजन में धनतेरस के मौके पर देश भर में 60 हज़ार करोड़ रुपए का कारोबार होने का अनुमान है। कनफेडरेशन आफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय महामंत्री और भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक सोने-चांदी की ऊंची कीमतों के बावजूद खरीदारी पिछले साल की तरह बनी रहे। इस साल धनतेरस पर लगभग 20 हज़ार करोड़ रुपए का सोना और 2500 करोड़ रुपए की चांदी की खरीदारी का अनुमान है। इधर पटना में सभी सेक्टर में 2800 से 3000 करोड़ के कारोबार का अनुमान है। सबसे बड़ी खरीदारी डेढ़ करोड़ रुपए की बीएमडब्ल्यू कार की हुई। यह रांची से पटना आई। रांची से ही 27 लाख की बाइक भी आई। इलेक्ट्रॉनिक बाजार में 98 इंच के दो टीवी की बिक्री हुई जिनकी कीमत 9 लाख रुपए बताई जा रही है।
नईम कासिम हिज़्बुल्लाह के नए प्रमुख
हिन्दुस्तान के अनुसार लेबनान के चरमपंथी संगठन हिजबुल्ला ने नईम कासिम को अपना नया नेता चुना है। कासिम पिछले महीने इजरायली हमले में मारे गए हसन नसरल्लाह की जगह लेंगे। कासिम लंबे समय से नसरल्लाह का सहायक थे और उनकी मौत के बाद से वह इस चरमपंथी समूह के कार्यवाहक नेता के रूप में काम कर रहे हैं। समूह ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि हिजबुल्लाह की निर्णय लेने वाली शूरा परिषद ने तीन दशक से अधिक समय तक नसरल्लाह के उपनेता रहे कासिम को नया महासचिव चुना है।
70 साल और ज़्यादा उम्र वालों के लिए मुफ्त मेडिकल बीमा शुरू
प्रभात खबर के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 6 करोड़ बुजुर्गों के लिए आयुष्मान योजना की शुरुआत की। इसके तहत 70 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों को 50 हजार रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। बिहार के लगभग 50 लाख लोगों को इस योजना का लाभ मिल सकेगा। हालांकि दिल्ली और पश्चिम बंगाल में यह योजना लागू नहीं की गई है। इस योजना का लाभ लेने के लिए आयुष्मान ऐप या पीएमजेएनवाई पोर्टल से आवेदन किया जा सकता है।
सूखने लगीं बिहार की नदियां
हिन्दुस्तान की खास खबर है कि मानसून की विदाई के साथ सूबे की नदियों के सूखने का सिलसिला शुरू हो गया है। हाल यह है कि कुछ दिन पहले तक जिन नदियों में 80 से 100 मीटर तक जलस्तर था, वह भी सूख गयी हैं। इस संबंध में राज्य सरकार को मिली रिपोर्ट चौंकाने वाली है। तीन नदियां पूरी तरह सूख चुकी हैं जबकि 11 नदियों में पानी मापने योग्य भी नहीं रह गया है। कई जगहों पर सिर्फ गीली सतह ही शेष रह गयी है। पानी गेज स्थल के नीचे जा चुका है। इनमें से कई नदियां तो मानसून के दौरान खतरे के निशान तक पहुंची थीं। नदियों के सूखने का सिलसिला तेजी से बढ़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार यदि ऐसा ही रहा तो कुछ ही दिनों में बड़ी संख्या में नदियां सूख जाएंगी।
कुछ और सुर्खियां
- पटना मेट्रो के टनल हादसे में मारे गए मजदूरों के आश्रितों को मिलेगा 5-5 लाख रुपये का मुआवजा
- जेईई मेन में 300 के परफेक्ट स्कोर पर सभी को मिलेगी ऑल इंडिया में पहली रैंक
- सलमान खान को जान से मारने की धमकी देने वाला युवक नोएडा से गिरफ्तार
- वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने, हटवाने और बदलाव का काम शुरू, 28 नवंबर तक जारी रहेगा
- गिरफ्तार आईएएस अधिकारी संजीव हंस की ईडी को दी गई रिमांड का समय पूरा हुआ, बेऊर जेल लौटे
अनछपी: वक़्फ़ संशोधन बिल पर विचार विमर्श के लिए बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति की बैठकों में हो रहे हंगामों पर ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि इससे ऐसा लगता है कि सरकार और इसका समर्थन करने वाले लोग हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं जिससे वह यह साबित कर सके कि प्रस्तावित संशोधन सही हैं। इस बिल में प्रस्तावित संशोधनों के बारे में पहले ही भारी विरोध दर्ज कराया जा चुका है और इसे वक़्फ़ के मामले में डीएम राज और वक़्फ़ पर सरकारी कब्जे की साजिश बताया जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी यह आरोप लगाते हैं कि भाजपा के सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय ने वक़्फ़ संशोधन बिल की समिति की बैठक के दौरान उन्हें गालियां दीं इसलिए उन्होंने गुस्से में आकर कांच की बोतल तोड़ी थी। इसी तरह का एक हथकंडा दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के मामले में अपनाया गया। दिल्ली के वक़्फ़ बोर्ड ने अपने प्रेजेंटेशन में सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधनों को सही बताया। इस समय दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के सीईओ अश्विनी कुमार हैं जो वक़्फ़ बिल के उस प्रावधान के खिलाफ है जिसमें कहा गया है के सीईओ कोई मुसलमान होगा लेकिन यहां एक गैर मुस्लिम इस पद पर बैठा हुआ है। जिस तरह अश्विनी कुमार ने सरकार के प्रस्तावों का समर्थन किया उससे वह डर सही साबित हो रहा है कि अगर वक़्फ़ बोर्ड का सीईओ गैर मुस्लिम हुआ तो वह उसके हितों की रक्षा नहीं करेगा। हालांकि सरकार द्वारा दबाव देने पर कोई मुस्लिम अधिकारी भी उसके प्रस्तावों का समर्थन कर सकता है लेकिन गैर मुस्लिम होने की स्थिति में यह काम आसान हो जाता है। दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया कि अश्विनी कुमार की नियुक्ति को दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने अनुमोदित नहीं किया है। यह पता नहीं चल पाया कि उन्हें इस पद पर कौन लेकर आया है। शायद दिल्ली के एलजी ने यह नियुक्ति की होगी। वक़्फ़ बिल संसदीय समिति के अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी के जगदंबिका पाल हैं और उन पर पक्षपात का आरोप लग रहा है। उन पर ही यह आरोप है कि उन्होंने दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के उस सीईओ को प्रेजेंटेशन देने का मौका दिया जिसकी नियुक्ति का अनुमोदन दिल्ली सरकार ने नहीं किया है। अब भारी विरोध के बाद उन्होंने दिल्ली सरकार को अपनी ओर से इस मामले में प्रेजेंटेशन देने का मौका दिया है। इस मामले से यह समझा जा सकता है कि सरकार किस तरह हर स्तर पर संशोधन बिल का समर्थन लेने के लिए हथकंडे अपना रही है।
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