छ्पी-अनछपी: वायनाड में ज़मीन खिसकने से 123 लोगों की मौत, झारखंड में मुंबई मेल बेपटरी

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। केरल के वायनाड में तीन-तीन बार जमीन खिसकने से 123 लोगों की मौत हो गई जबकि बहुत से लोग लापता हैं। झारखंड में हावड़ा से मुंबई जा रही मुंबई मेल के दुर्घटनाग्रस्त होने से दो लोगों की मौत हो गई। मनु भाकर ने ओलंपिक में दूसरा मेडल जीत लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि स्टेट बार काउंसिल वकीलों से रजिस्ट्रेशन के लिए अत्यधिक फीस नहीं ले सकती।

आज के अखबारों की यह अहम खबरें हैं।

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार केरल के वायनाड जिले में मंगलवार तड़के भारी बारिश विनाश लेकर आई। इस कारण पहाड़ी इलाकों में जबरदस्त भूस्खलन हुआ, जिसमें चार गांव बह गए और 123 लोग जिंदा दफन हो गए। इस आपदा 128 घायल हो गए, जबकि कई लोगों के लापता होने की आशंका है। सेना के दो जेसीओ और 40 जवान बचावकार्यों में जुटे हुए हैं। वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर भी मदद के लिए भेजे गए हैं। केरल में दो दिन का शोक घोषित किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया और मारे गए लोगों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

चार घंटे में तीन भूस्खलन

केरल के अधिकारियों ने बताया कि ज़मीन खिसकने का सिलसिला देर रात दो बजे शुरू हुआ। सुबह छह बजे तक भूस्खलन की तीन घटनाएं दर्ज हुईं, जिसकी चपेट में चार गांव आ गए। लोग सोए हुए थे, जिससे उन्हें संभलने तक का मौका नहीं मिला। भूस्खलन से कई मकान नष्ट हो गए, वाहन बह गए, जलाशयों में बाढ़ आ गई व सैकड़ों पेड़ उखड़ गए। प्रभावित गांवों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला व नूलपुझा शामिल हैं।

ट्रेन हादसे में दो की मौत

जागरण के अनुसार झारखंड के चक्रधरपुर रेल मंडल के बड़ाबांबो रेलवे स्टेशन के पास मंगलवार तड़के बेपटरी हुई एक मालगाड़ी के डिब्बों से टकराकर हावड़ा से मुंबई जा रही मुंबई मेल दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसके 20 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस दुर्घटना में दो यात्रियों की मौत हो गई और 42 लोग घायल हो गए। जान गंवाने वाले दोनों यात्री ओडिशा के थे और राउरकेला से ट्रेन पर सवार हुए थे। दोनों के शव एसी बोगी के बाथरूम में फंसे थे। रेलवे ने मरने वालों के घर वालों के लिए 10-10 लाख के मुआवजे का ऐलान किया है। इस दुर्घटना के बाद टाटानगर-चक्रधरपुर रेलवे खंड पर दिनभर ट्रेन का परिचालन ठप रहा। हावड़ा- मुंबई रूट की दर्जन भर से अधिक ट्रेनें रद्द कर दी गईं।

मनु ने ओलंपिक जीता दूसरा मेडल

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार पेरिस ओलंपिक में मनु भाकर ने एक और इतिहास रच दिया है। रविवार को महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने के बाद मंगलवार को मनु ने 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम वर्ग में सरबजोत सिंह के साथ मिलकर देश को दूसरा कांस्य पदक दिलाया। वह किसी एक ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली पहली बन गई हैं। मनु से पहले पहलवान सुशील कुमार व बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने दो-दो मेडल अलग-अलग ओलंपिक में जीते हैं। मनु भाकर को अभी 25 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में भी उतरना है और उनके पास तीसरा पदक जीतने का भी मौका है।

लॉ ग्रेजुएट्स से रजिस्ट्रेशन के लिए बार काउंसिल नहीं ले सकती भारी रकम

कानून की पढ़ाई करने के बाद बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के लिए लोग ग्रेजुएट्स को अब बड़ी रकम नहीं चुकानी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने बार से सामान्य और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति श्रेणी के लॉ ग्रेजुएट्स के रजिस्ट्रेशन के लिए 750 और 125 रुपए लेने के लिए कहा है। अभी ओडिशा में 42000 बिहार और गुजरात में 25-25 हज़ार रुपये लिए जा रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जी पार्डीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने मंगलवार को कहा कि लॉ ग्रेजुएट्स का रजिस्ट्रेशन करने में बार काउंसिल आफ इंडिया और स्टेट बर काउंसिल कानून का उल्लंघन कर रही हैं।

जाति गणना पर अनुराग ठाकुर के आपत्तिजनक बोल

हिन्दुस्तान के अनुसार  लोकसभा में आम बजट पर चर्चा के दौरान मंगलवार को जातीय जनगणना के मुद्दे पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और विपक्ष के नेता राहुल गांधी में तीखी नोकझोंक हुई। दरअसल, अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि जिसकी जाति का पता नहीं है, वह जाति जनगणना की बात कर रहे हैं। इस पर राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि अनुराग ठाकुर ने उन्हें गाली दी है पर उन्हें माफी नहीं चाहिए। हालांकि, अनुराग ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया।

कुछ और सुर्खियां

  • कृषि मंत्री और गया से भाजपा के विधायक प्रेम कुमार के खिलाफ पार्षदों पर टिप्पणी के मामले में एफआईआर
  • एप्पल फोन में अब मिलेगी कॉल रिकॉर्डिंग की भी सुविधा
  • आठवें वेतन आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव नहीं: केंद्र सरकार
  • मिनिमम बैलेंस न रखने पर एक साल में ग्राहकों से बैंकों ने कमाए 2331 करोड़ रुपए
  • एम्स, पटना में एलवी प्रसाद आई इंस्टीट्यूट, हैदराबाद की मदद से जल्द ही बनेगा आई बैंक
  • केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ इंडिया गठबंधन का जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन
  • लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन टैक्स से केंद्र सरकार को एक साल में मिले 98661 करोड़ रुपए

अनछपी: यह बहस बहुत पुरानी है कि टेक्नोलॉजी ने इंसान की जिंदगी को आसान बनाया है या उसके लिए मुश्किलें खड़ी की हैं। इस बहस को उस पुराने उदाहरण से भी समझा जा सकता है कि चाकू इंसान के काम के लिए बनाया गया लेकिन इसका इस्तेमाल किसी की जान लेने में भी हो सकता है। इसी कड़ी में मोबाइल फोन का ताज़ा मामला भी है जिसकी लत के शिकार छोटे बच्चों से लेकर बड़े लोग तक हो रहे हैं। जहां तक छोटे बच्चों का सवाल है तो अक्सर यह देखने में आ रहा है कि मां-बाप छोटे बच्चों को चुप करने या खुश करने के लिए मोबाइल फोन देकर अपना पिंड छुड़ा लेते हैं। अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि चार-पांच साल के बच्चे मोबाइल फ़ोन में इस तरह खो जा रहे हैं कि वह समय पर बोलने में सफल नहीं हो पा रहे। ऐसे बच्चे पेशाब-पाखाना के लिए भी नहीं बोल पा रहे। कुछ मां-बाप तो दो-तीन साल के बच्चे को भी मोबाइल फोन देखकर चुप कराने में लगे रहते हैं। जिन बच्चों के घरों में दादा-दादी या नाना-नानी नहीं होते उन्हें मोबाइल फोन देकर फुसलाना उनकी मजबूरी होती है। लेकिन यह मजबूरी बच्चों को कई चीज़ सीखने से भी रोकती है। समय आ गया है कि अब इस बात पर जोर देकर मां-बाप से कहा जाए कि बच्चों को फुसलाने के लिए वह उन्हें अपने पास रखें और अपने साथ बातचीत में लगाएं। बच्चों को जो पुराने खिलौने दिए जाते थे उनके इस्तेमाल की भी सलाह दी जा सकती है क्योंकि बच्चों को उसकी लत नहीं लगती थी। फिलहाल मोबाइल फोन की लत ऐसी लग चुकी है कि कई बच्चे फोन लेने पर चिड़चिड़े हो जाते हैं। कई बच्चों को बोलने के लिए तैयार करने में डॉक्टर की मदद लेनी पड़ रही है। डॉक्टर की स्पीच थेरेपी के बाद ही वह बोल पाने में कामयाब हो रहे हैं। इसलिए यह जरूरी हो गया है कि मोबाइल फोन के साथ यह चेतावनी भी आए कि कम उम्र के बच्चों को मोबाइल फोन देखकर चुप करने का उपाय सही नहीं है। छोटे बच्चों के लिए मोबाइल फोन की जरूरत इसलिए भी पड़ती है कि कई स्कूल और कोचिंग ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था करते हैं। वहां भी यह बात ध्यान में रखने की है कि कम उम्र के बच्चों को ऑनलाइन क्लास से दूर ही रखें तो बेहतर है और इसके लिए स्कूलों और कोचिंग सेंटरों से कहना होगा कि वह छोटे बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास ना कराएं।

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