छपी-अनछपी: अमृतपाल सिंह पंजाब से गिरफ्तार, सत्यपाल मलिक को खाप पंचायत का साथ

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। यह खबर अखबारों में तो नहीं है लेकिन समय रहते मिल गई इसलिए यहां शामिल है कि पंजाब से खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को सीबीआई से बुलावे के बाद उनकी खाप पंचायत से उन्हें समर्थन मिला है। यह खबर सभी जगह है। वैसे अखबारों की सबसे बड़ी खबर अलग-अलग है।

बीबीसी के अनुसार 18 मार्च से फरार चल रहे ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है। अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी की पुष्टि पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने की है। अमृतपाल सिंह ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख हैं। वह सिखों के लिए एक स्वायत्त राज्य (खालिस्तान) को अपना लक्ष्य बताते हैं। कई साल दुबई में रहने के बाद वह पिछले साल अगस्त में पंजाब लौटे और अमृत संचार और नशा मुक्ति आंदोलन के नाम पर उन्होंने युवाओं को अपने साथ जोड़ना शुरू किया।

सत्यपाल मलिक और खाप का समर्थन

जागरण ने पहले पेज पर खबर दी है: सीबीआई के समन के बाद मलिक के समर्थन में खाप। जम्मू-कश्मीर में कथित बीमा घोटाले में सीबीआई के समन देने के अगले ही दिन खाप नेता पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के समर्थन में उतर आए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर केंद्र सरकार ने मलिक के साथ कुछ भी गलत किया तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। मलिक के समर्थन में शनिवार को दिल्ली पहुंचे खाप नेता आरके पुरम स्थित सोम विहार के एक पार्क में बैठक करने जा रहे थे। इसकी अनुमति नहीं होने के कारण पुलिस ने उन्हें रोका और नहीं मानने पर 24 लोगों को हिरासत में ले लिया। इससे नाराज मलिक गिरफ्तारी देने थाने पहुंच गए हालांकि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। इधर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम में सत्यपाल मलिक के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि आखिर हम से अलग होने के बाद ही उनकी आत्मा जागती है।

शिक्षकों की भर्ती

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: तैयारी: शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जून तक। राज्य के सरकारी विद्यालयों में नयी नियमावली के तहत शिक्षकों की भर्ती का खाका (ब्लूप्रिंट) तैयार हो गया है। जून में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) विज्ञापन निकालने की तैयारी में है। इस संबंध में शिक्षा विभाग इसी हफ्ते उन्हें रिक्तियों की सूचना भेज देगा। नियुक्ति के लिए आयोजित परीक्षा में नियोजित शिक्षक और नियुक्ति का इंतजार कर रहे शिक्षक अभ्यर्थी, दोनों ही बैठेंगे। नियुक्त होने वाले शिक्षक जिला कैडर के होंगे।

पाकिस्तान की साजिश

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: पाक के इशारे पर रचा गया था पुंछ में हमले का षड्यंत्र। अखबार लिखता है: पुंछ जिले में सैन्य वाहन पर हुए आतंकी हमले के तार भी पाकिस्तान से जुड़ रहे हैं। हमले की पूरी साजिश सीमा पर गुलाम जम्मू कश्मीर में रची गई और इस का मास्टरमाइंड था रफीक नाई। आतंकी संगठन गजनवी फोर्स के प्रमुख रफीक नाई ही ने ही पुंछ में सक्रिय अपने नेटवर्क के जरिए जैश, लश्कर और पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट के आतंकियों को मदद मुहैया करवाई।

बिहार में बारिश

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: बिहार में बारिश का सिस्टम सक्रिय, 31 जिलों में 2 दिन का ऑरेंज अलर्ट। बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाओं में नमी से बिहार में हवा की नमी 70% तक पहुंच गई है। इसी कारण बिहार के 38 जिलों में 25 अप्रैल तक बारिश का सिस्टम सक्रिय है। मौसम विभाग ने पटना, गया, नालंदा, नवादा और शेखपुरा सहित 31 जिलों में 48 घंटे तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। दूसरी और बिहार के 17 जिलों में 110 एमएम बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश अररिया में 23.2 एमएम हुई।

नीतीश कुमार की मुबारकबाद

जागरण की खबर है: कई जगहों पर जाकर मुख्यमंत्री ने दी ईद की बधाई। अखबार लिखता है कि ईद के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजधानी और आसपास की कई जगहों पर जाकर लोगों को अपनी मुबारकबाद दी। फुलवारीशरीफ के खानकाह मुजिबिया जाकर आकर वहां के सज्जादा नशीन सय्यद शाह आयतुल्लाह कादरी से मुलाकात कर उनकी दुआएं लीं। इसके बाद वह इमारत-ए-शरिया गए और वहां के नायब अमीरे शरियत शमशाद रहमानी व कार्यकारी सचिव मौलाना शिब्ली कासमी सहित अन्य लोगों को ईद की बधाई दी। फुलवारी शरीफ के बाद मुख्यमंत्री सुल्तानगंज स्थिति इदारा-ए-शरिया गए। इसके बाद मुख्यमंत्री मिथुन घाट स्थित खानकाह मुनिमिया गए। नीतीश कुमार एग्जीबिशन रोड स्थित डॉ अहमद अब्दुल हई के आवास पर भी गए। इसके अलावा वे सांसद अहमद अशफाक करीम के घर भी पहुंचे और दानापुर छावनी स्थित हाजी मोहम्मद इलियास उर्फ सोनू बाबू को भी ईद की शुभकामनाएं दीं।

संस्कृत में जमाबंदी

जागरण की एक रोचक खबर है: संस्कृत में जमाबंदी …म्यूटेशन: केसेस: नॉट: फाउंड: यहम् एकम् कम्प्यूटरम् जनितम् प्रति है। अखबार लिखता है कि आप ऐसे वाक्य पड़ेंगे तो सोचेंगे कि यह क्या पढ़ रहे हैं। यह कौन सी भाषा है। असल में यह राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की नई सेवा का कमाल है। विभाग के मंत्री आलोक कुमार मेहता ने इसी मंगलवार को इसकी शुरुआत की। उन्होंने दावा किया कि अब राज्य के रयत संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में अपनी जमाबंदी देख सकेंगे। एक रयत ने संस्कृत में अपनी जमाबंदी देखने की कोशिश की। यही परिणाम आया। इस बारे में विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा कि यह सॉफ्टवेयर पर आधारित सुविधा है। गड़बड़ी की शिकायत मिलेगी तो केंद्र सरकार की एजेंसी को सूचित किया जाएगा।

आरक्षण, धर्म और अमित शाह

हिन्दुस्तान की सुर्खी है: धर्मिक आधार पर आरक्षण देना असंवैधानिक: शाह। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि किसी को भी धर्म के आधार पर आरक्षण देना असंवैधानिक है। कांग्रेस ने कर्नाटक में असंवैधानिक तरीके से मुस्लिमों को चार फीसदी आरक्षण दिया था, भाजपा ने इस प्रथा को खत्म कर दिया। सरकार ने एससी, एसटी, वोक्कालिगा और लिंगायत के आरक्षण को बढ़ा दिया है। शाह ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि संविधान धर्म के आधार पर किसी को आरक्षण देने की अनुमति नहीं देता।

कुछ और सुर्खियां

  • अतीक अहमद के समर्थन में नारे लगाने वाले को पटना पुलिस ने भेजी धारा 107 की नोटिस
  • सरकारी बंगला खाली कर राहुल गांधी मां के घर पहुंचे, कहा-ये सच की सज़ा
  • नीतीश कुमार पीएम उम्मीदवार हों तो अच्छी बात: सुब्रमण्यम स्वामी
  • भारतीयों को 1000000 ज्यादा वीजा देगा अमेरिका
  • पटना में गंगाजल 2 साल में 10 गुना हुआ प्रदूषित

अनछपी: भारतीय जनता पार्टी ने सत्यपाल मलिक को जब गवर्नर का पद दिया होगा तो शायद उन्हें इसका अंदाजा नहीं होगा कि पद छोड़ने के बाद वे कुछ ऐसे सवाल करेंगे जिससे उनका नेतृत्व असहज महसूस करेगा। यह बात भी अपनी जगह सही है कि जम्मू-कश्मीर में सत्यपाल मलिक से जो कुछ भारतीय जनता पार्टी की सरकार करवाना चाहती थी वह उसमें सफल रही। सत्यपाल मलिक भी एक नेता हैं और भारत में किसी नेता की विचारधारा के बारे में कोई बात तो उस तरीके से कहना बहुत मुश्किल काम है। अलबत्ता यह बात रोचक है कि एक ही तरह की विचारधारा के लोग जब आपसी हित के लिए टकराते हैं तो उसके नतीजे में क्या कुछ देखने को मिलता है। सत्यपाल मलिक ने पुलवामा हमले के बारे में बयान देने से पहले भी कई बातें से कही थीं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ जाती थीं। उन्होंने किसान आंदोलन के समय भी प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह को कटघरे में खड़ा किया था। ऐसा लगता है कि करण थापर को दिए इंटरव्यू में सत्यपाल मलिक ने जिस तरह उन दोनों नेताओं को घेरा है उससे वह असहज हैं। आमतौर पर यह माना जाता है कि जब भाजपा सरकार से कोई टक्कर लेता है तो उसके जवाब में सीबीआई और ईडी की जांच बिठा दी जाती है। अब यह नई टक्कर भी देखने लायक होगी क्योंकि सत्यपाल मलिक को उनके खाप पंचायत का समर्थन मिल चुका है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कह रहे हैं कि सभी की आत्मा उनसे अलग होने के बाद ही क्यों जगती है। यह उन्होंने अच्छा सवाल किया है लेकिन यही सवाल उनसे भी उनकी पार्टी के बारे में किया जा सकता है। फिलहाल सत्यपाल मलिक बनाम भाजपा की यह जंग विपक्ष को मजबूत हथियार देने का काम कर रहा है

 

 

 

 

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