छपी-अनछपी: पेपर लीक मामले में गिरफ्तारी, राहुल बोले- मुद्दों से भटकाने को फैलाई जा रही नफरत 

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार कर्मचारी चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक होने की खबर वैसे तो कल ही आई थी लेकिन आज इस मामले में गिरफ्तारी सभी अखबारों में सबसे अहम खबर है। बिहार में कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा अलर्ट रहने की बात भी सभी अखबारों ने प्रमुखता से दी है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दिल्ली पहुंचने की खबर भी अखबारों में प्रमुखता से ली गई है।

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी सुर्खी है: बीएसएससी पेपर लीक में सरगना समेत 5 गिरफ्तार। जागरण ने लिखा है मोतिहारी के केंद्र से बाहर आया था प्रश्न पत्र। भास्कर के सुर्खी है: BSSC: मोतिहारी के सेंटर से ही लीक हुआ पेपर, शिक्षक समेत 4 गिरफ्तार। बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) के स्तर से आयोजित तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रारम्भिक परीक्षा के पेपरलीक मामले का मुख्य अभियुक्त अजय कुमार गिरफ्तार हो गया है। वह सुपौल का रहने वाला है और उसे वहां के वार्ड नंबर चार से पकड़ा गया। उसके साथ उसके भाई विजय को भी ईओयू की जांच टीम ने गिरफ्त में लिया है। सरगना अजय की निशानदेही पर राजधानी पटना, मोतिहारी, आरा और सुपौल से चार अन्य आरोपियों (उसके भाई सहित) को भी उठाया गया है। पटना के खेमनीचक से जीतू पासवान नामक युवक को पकड़ा है। जांच में यह भी साफ हो गया है कि प्रश्न-पत्र को मोतिहारी स्थित शांति निकेतन जुबली स्कूल परीक्षा केंद्र से लीक किया गया था।

ध्यान भटकाने को फैलाई जा रही नफरत
हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी हेडलाइन है: जो प्यार मिला, वो बांट रहा हूं: राहुल। जागरण ने लिखा है: असली मुद्दों से ध्यान भटकाने को फैलाई जा रही नफरत: राहुल। भास्कर की हेडलाइन की है: केवल टीवी पर ही पूरे समय हिंसा और नफरत, देश में ऐसा कहीं नहीं: राहुल। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा शनिवार को  दिल्ली पहुंची। इसमें सोनिया गांधी, प्रियंका समेत कई बड़े नेता शामिल हुए। इस मौके पर राहुल ने कहा कि जो प्यार मिला, वो बांट रहा हूं। वहीं, शाम को लालकिले के निकट उन्होंने एक जनसभा को भी संबोधित किया। यात्रा दिल्ली पहुंचने पर राहुल गांधी ने कहा, मैंने आरएसएस और भाजपा के लोगों से कहा है कि हम आपके नफरत के बाजार में प्यार की दुकान खोलने आए हैं।

बिहार में कोरोना का एक्टिव केस शून्य
कोरोना से सम्बंधित भास्कर में पहले पेज पर सुर्खी है: नीतीश बोले- अलर्ट रहें, बाहर से आने वालों की कोरोना की रैंडम जांच कराएं। हिन्दुस्तान की हेडलाइन है: अस्पताल में दवा और ऑक्सीजन की पूरी उपलब्धता रखें: मुख्यमंत्री। जागरण ने लिखा है कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश ने स्वास्थ्य विभाग को किया अलर्ट। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के नये वैरिएंट को देखते हुए कोरोना के फिर से बढ़ने की आशंका जतायी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो जानकारी दी गयी है, उसमें बताया गया है कि राज्य में आज की तिथि में कोरोना का एक्टिव केस शून्य है। इसलिये घबराने की कोई जरूरत नहीं है।

बालू उठाने पर राहत
हिन्दुस्तान के पहले पेज पर यह अहम खबर है: राहत बालू खनन मार्च तक होगी, सुप्रीम रोक हटी। जागरण ने लिखा है बंद नहीं होगा बालू खनन, 3 महीने का अवधि विस्तार मिला। बिहार सरकार के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने न केवल बालू खनन की अवधि बढ़ाई है बल्कि संबंधित प्राधिकार को भी इस दौरान बंदोबस्तधारियो को आवेदन करने पर पर्यावरणीय स्वीकृति देने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ही पिछली बार सूबे में 25 दिसंबर तक ही बालू खनन को मंजूरी दी थी। खान एवं भूतत्व विभाग के अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर बम्हारा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च तक बालू खनन की अवधि विस्तारित किया है। ऐसे में 25 दिसंबर के बाद प्रदेश में बालू का खनन बंद नहीं होगा।

मथुरा की मस्जिद
जागरण की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: मथुरा की मस्जिद का होगा निरीक्षण। भास्कर की सुर्खी है कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह  का सर्वे वाराणसी के ज्ञानवापी की तर्ज पर होगा। जागरण लिखता है कि ज्ञानवापी के बाद शाही ईदगाह मस्जिद मामले में अपर सिविल जज ने यह आदेश दिया है। अमीन से निरीक्षण कराने के आदेश की रिपोर्ट 20 जनवरी तक अदालत ने मांगी है। अदालत में हिंदू सेना की ओर से कहा गया था कि श्री कृष्ण जन्म स्थान की 13.37 एकड़ भूमि पर मंदिर था। मुगल शासक औरंगजेब ने 1669-70 में इसे तोड़कर शाही मस्जिद ईदगाह बनाई थी। वादी ने 1968 में शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी और श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ के बीच समझौते को भी गलत करार दिया है और इसे रद्द करने की मांग की। वादी पक्ष का कहना है कि यह हिंदू पक्ष की बहुत बड़ी जीत है। दूसरी और शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के सचिव तनवीर अहमद का कहना है कि अमीन के निरीक्षण का न्यायालय का आदेश असंवैधानिक है। हमें इस संबंध में पहले नोटिस जारी करना चाहिए था। हम इस आदेश को निरस्त करने की मांग न्यायालय से करेंगे।

वाम-राम का साथ
भास्कर की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: नई बिसात: ममता को रोकने को वाम समर्थक कुछ जगहों पर भाजपा के साथ। पश्चिम बंगाल में अप्रैल 2023 में पंचायत चुनाव होने हैं। करीब 59,000 पंचायत प्रतिनिधियों के पद के चुनाव पार्टी सिंबल पर लड़े जाते हैं। 2018 के पंचायत चुनाव में 20 से ज्यादा हत्याएं चुनावी रंजिश में हुई थी। हालांकि दावे 30 से ज्यादा मौतों की है। इस बार चुनाव में खून खराबे का डर ज्यादा ही गहरा है। इसकी वजहें भी हैं। दरअसल अब हर पंचायत को साल में चार पांच करोड़ रुपये का फंड मिलने लगा है। इस बीच नया नारा ‘पहले राम, फिर वाम’ चल रहा है। तृणमूल कांग्रेस को हरवाने के लिए वामदलों और कांग्रेस ने उम्मीदवार ही नहीं दिए। हालांकि यह रणनीति विधानसभा चुनाव के दौरान अपनाई गई थी लेकिन ऐसा समझा जाता है कि पंचायत चुनाव में भी वामपंथी दल के समर्थक तृणमूल कांग्रेस को हराने के लिए भाजपा का समर्थन कर सकते हैं।

बिहार में बने रिकॉर्ड पासपोर्ट
हिन्दुस्तान की ख़ास खबर है: बिहार में रिकॉर्ड 4 लाख ने बनवाया पासपोर्ट, 53 हजार खाड़ी देश गए। बिहार से विदेश जाने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सबसे अधिक इस वर्ष 53 हजार लोग खाड़ी देश गए हैं। प्रदेश में पिछले वर्ष की तुलना में लोगों ने पासपोर्ट भी अधिक बनवाया है। साथ ही खाड़ी देशों में जाने वालों की संख्या भी दोगुनी हुई है। इनमें सबसे अधिक सीवान, गोपालगंज और पटना जिले के 25 से 40 साल आयु वर्ग के युवा हैं। प्रदेश में अब तक हर साल पासपोर्ट बनवाने वालों की संख्या ढाई से तीन लाख होती थी लेकिन इस वर्ष यह संख्या चार लाख तक पहुंच गई है।

अनछपी: बिहार में नौकरी के लिए दी जाने वाली परीक्षा के पेपर आउट होने की खबर बेहद अफसोसनाक और गंभीर है। बिहार कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा का पेपर चाहे जहां से लीक हुआ हो यह तय है कि यह लीक हुआ है। आयोग ने अब तक इस परीक्षा को रद्द करने की घोषणा नहीं की है। यह तय होने के बाद भी कि पेपर आउट हुआ है परीक्षा को रद्द नहीं करना अजीब बात लगती है। यह बात भी सही है कि जो लाखों लोग परीक्षा देते हैं उनके लिए परीक्षा का रद्द होना और दोबारा परीक्षा देना कम मुसीबत की बात नहीं है लेकिन आउट हुए पेपर के आधार पर परीक्षा को सही मानना और रिजल्ट घोषित करना उससे भी बड़ी मुसीबत होगी। इसके साथ ही ऐसे फैसलों से राज्य सरकार की छवि पर भी बट्टा लगता है। यह कहना कि इस मामले के अपराधी पकड़े गए हैं काफी नहीं है। अपराधियों का पकड़ा जाना अच्छी बात है लेकिन पेपर का सही तरीके से होना भी जरूरी है। इसलिए आयोग को चाहिए कि बिना झिझक पेपर रद्द करने की घोषणा करें और अगली बार ऐसी पुख्ता व्यवस्था करें के क्वेश्चन पेपर लीक ना हो और परीक्षार्थियों को नाइंसाफी से बचाया जा सके।

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