छ्पी-अनछपी: बांग्लादेश में फिर बवाल-98 मरे, वक़्फ़ बोर्ड के अधिकारों को कम करने की तैयारी

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बांग्लादेश में एक बार फिर प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफ़े की मांग पर बवाल हुआ है और कम से कम 98 लोगों की मौत हुई है। मोदी सरकार वक़्फ़ ऐक्ट में संशोधन लाकर वक़्फ़ बोर्ड के अधिकारों में कटौती की तैयारी कर रही है। हाजीपुर में करंट लगने से 9 कांवरियों की मौत हो गई है। भारत ने ब्रिटेन को ओलंपिक के हॉकी मुकाबले में हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है।

जागरण के अनुसार बांग्लादेश में रविवार को फिर से हिंसा भड़क उठी। प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफ़े की मांग को लेकर हुए आंदोलन के परिणाम स्वरूप हुई हिंसक झड़पों में रात तक 98 लोग मारे जा चुके थे। मारे गए लोगों में 14 पुलिसकर्मी थे। पूरे बांग्लादेश में जारी हिंसक झड़पों में सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। इनमें 300 पुलिसकर्मी है। हालात बेकाबू होते देख गृह मंत्रालय ने शाम 6:00 बजे से पूरे देश में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू का ऐलान कर दिया है। सरकार ने इंटरनेट मीडिया पर भी रोक लगा दी है। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आंदोलन के नाम पर हिंसा करने वालों को आतंकवादी कहा है।

वक़्फ़ बोर्ड के अधिकारों को कम करने की सरकारी तैयारी

प्रभात खबर के अनुसार केंद्र सरकार वक़्फ़ बोर्ड को नियंत्रित करने वाले 1955 के कानून में संशोधन करने के लिए संसद में एक विधायक लाने वाली है। वक़्फ़ अधिनियम 1995 में संशोधन करने वाला विधायक वक़्फ़ बोर्ड के लिए अपनी संपत्तियों का वास्तविक मूल्यांकन सुनिश्चित करने को लेकर जिलाधिकारियों के पास पंजीकरण कराना अनिवार्य कर देगा। देश में 30 वक़्फ़ बोर्ड हैं। सभी वक़्फ़ बोर्ड संपत्तियों से प्रतिवर्ष 200 करोड़ रुपए का राजस्व आने का अनुमान है। यह वक़्फ़ के पास मौजूद संपत्तियों की संख्या के अनुरूप नहीं है। पूरे भारत में वक़्फ़ बोर्ड के पास करीब 52 हज़ार संपत्तियां हैं। वर्ष 2009 तक चार लाख एकड़ भूमि पर 3 लाख पंजीकृत वक़्फ़ संपत्तियां थीं। वर्तमान में 8 लाख 72 हज़ार 292 वक़्फ़ संपत्तियां हैं। मौजूदा कानून में 40 से अधिक बदलाव वाला संशोधन विधेयक मौजूदा संसद सत्र में लाया जा सकता है। मुस्लिम संगठनों का आरोप है कि नए विधेयक से वक़्फ़ बोर्ड के अधिकारों में कटौती हो जाएगी। इस विधेयक में सभी वक़्फ़ संपत्तियों के सत्यापन की बात कही गई है जो बड़े विवाद को जन्म दे सकता है।

हाजीपुर में आठ कंवरियों की करंट लगने से मौत

हिन्दुस्तान और जागरण की सबसे बड़ी खबर के अनुसार वैशाली जिले के हाजीपुर औद्योगिक थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर गांव में (नाइपर के सामने) रविवार की रात करीब 11:40 बजे हाई-वोल्टेज तार की चपेट में आने से 8 कांवरियों की मौके पर मौत हो गई, जबकि छह लोग गंभीर रूप से झुलस गए। कांवरियों का जत्था पहलेजा घाट से गंगाजल भरने और बाबा हरिहरनाथ का जलाभिषेक करने के लिए निकला था। हादसे में मृत कांवरिए जेठुई गांव के रहने वाले हैं। कांवरियों का जुलूस गांव से करीब 500 मीटर दूर बढ़ा था। एक ट्रॉली पर डीजे और माइक रखा हुआ था, जिससे 11 हजार वोल्ट का तार सट गया। इससे करंट फैल गया और इसकी चपेट में कांवरिए आ गए।

भारत ओलंपिक हॉकी के सेमीफाइनल में

भास्कर के अनुसार पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई है। क्वार्टर फाइनल में भारत ने ब्रिटेन को पेनाल्टी शूटआउट में 4-2 रे हरा दिया। फुल टाइम मैच में स्कोर एक-एक से बराबर था। शूटआउट में भारत ने लगातार चल गोल किए। ब्रिटेन की टीम दो ही गोल कर सकी। गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने मैच में लगभग 13 गोल बचाए। भारत की टीम ने यह जीत 42 मिनट तक केवल 10 खिलाड़ियों के साथ खेलते हुए हासिल की क्योंकि उसके एक खिलाड़ी को रेड कार्ड दिखा दिया गया था।

सरयू राय जदयू में

हिन्दुस्तान के अनुसार झारखंड के पूर्व मंत्री व जमदेशपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय ने जदयू की सदस्यता ग्रहण कर ली है। कुछ दिनों पहले ही वह पटना आकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले थे। सरयू राय झारखंड में भाजपा की सरकार में वर्ष 2014 में मंत्री थे। वर्ष 2019 के विस चुनाव के पहले उन्होंने भाजपा से दूरी बना ली और बतौर निर्दलीय तत्कालीन सीएम रघुवर दास को हराया। उन्होंने भारतीय जन मोर्चा पार्टी बनायी थी। संयुक्त बिहार में सरयू राय विधान परिषद के सदस्य रहे हैं।

असम में हिन्दू-मुस्लिम के बीच ज़मीन खरीद-बिक्री के लिए मुख्यमंत्री की सहमति ज़रूरी

प्रभात खबर के अनुसार असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने रविवार को तीन अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जल्द ही लव जिहाद के मामलों में आजीवन कारावास की सजा के लिए नया कानून लाएगी। असम में सरकारी नौकरी केवल उन्हें मिलेगी जिनका जन्म राज्य में हुआ हो। इसके लिए जल्द ही एक नई अधिवास नीति पेश की जाएगी। असम सरकार ने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच जमीन की बिक्री से पहले मुख्यमंत्री की सहमति लेना जरूरी कर दिया गया है। सरमा ने कहा कि असम सरकार ने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच जमीन की बिक्री को लेकर भी फैसला किया है। राज्य सरकार इस तरह के लेनदेन को रोक नहीं सकती लेकिन आगे बढ़ने से पहले मुख्यमंत्री की सहमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है।

ब्रिटेन में बवाल

ब्रिटेन के साउथपोर्ट में बच्चों की डांस क्लास में किए गए चाकू से हमले में तीन बच्चियों की मौत की वजह से फैले आक्रोश ने लोगों को सड़कों पर ला दिया। भड़के लोगों ने ब्रिटेन के कई शहरों में शनिवार को जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने 100 लोगों को गिरफ्तार किया। सरकार ने उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया है, जिनके बारे में कहा गया है कि वे अव्यवस्था फैलाने के लिए तीन लड़कियों की हत्या के बहाने फायदा उठा रहे हैं।

कुछ और सुर्खियां

  • बिहार के मुख्यमंत्री कार्यालय को उड़ाने की धमकी देने वाले की हुई पहचान, गिरफ्तारी के लिए छापेमारी
  • कोटा में पटना के कोचिंग छात्र की संदिग्ध हालत में मौत
  • नालंदा की बरसाती नदियों का बांध करायपरसुराय, हिलसा और एकंगरसर प्रखंडों में छह जगह टूट गया, दर्जन भर गांव में घुसा बाढ़ का पानी
  • जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर की मांग, बिहार में लागू हो डोमिसाइल नीति
  • बेगूसराय के सांसद और कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह को स्वास्थ्यकर्मियों ने घेरा तो कार से निकलकर बाइक से गए
  • मिड डे मील में अधिक बच्चे दिखाने वाले 42 प्रधानाध्यापकों से 16 लाख वसूले जाएंगे

अनछपी: प्रधानमंत्री शेख हसीना से बांग्लादेश नहीं संभल पा रहा है। बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के दूसरे दौर में कम से कम 98 लोगों की मौत आने वाले दिनों के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। इससे पहले भी लगभग डेढ़ सौ लोगों की मौत हो चुकी है। ध्यान देने की बात यह है कि आंदोलनकारी छात्रों का मुकाबला केवल पुलिस से नहीं बल्कि सत्ताधारी दल अवामी लीग से भी है। यानी इस आंदोलन को कुचलने के लिए हसीना सरकार पुलिस और सेना के अलावा अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की मदद भी ले रही है। हम इस कॉलम में पहले भी लिख चुके हैं कि बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन सिर्फ आरक्षण के लिए नहीं बल्कि यह प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ गंभीर जन आंदोलन का प्रतीक है। यहां याद दिलाना जरूरी है कि दो बार से शेख हसीना विपक्ष के वॉक आउट के बाद प्रधानमंत्री बन रही हैं और उसको लेकर बांग्लादेश में काफी गुस्सा है। बांग्लादेश और पाकिस्तान में यह व्यवस्था चली आ रही थी कि नए चुनाव से पहले एक कार्यकारी सरकार बनाई जाए और सत्तारूढ़ दल सरकार से अलग हो जाए। लेकिन शेख हसीना ने सरकार में रहते हुए कथित चुनाव करवाए और खुद को विजय घोषित करवा लिया। इस बार बांग्लादेश में छात्र नेताओं ने शेख हसीना के सिर्फ इस्तीफे की मांग को लेकर आंदोलन की घोषणा की है। विरोध कर रहे छात्रों के ग्रुप ने टैक्स या बिल अदा न करने की अपील की है। छात्र नेताओं का कहना है कि शेख हसीना को केवल इस्तीफा ही नहीं देना चाहिए बल्कि उनके खिलाफ हत्याओं, लूट और भ्रष्टाचार के लिए मुकदमा चलना चाहिए। आंदोलन कर रहे छात्रों के बारे में प्रधानमंत्री शेख हसीना कितनी नफरत रखती हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है उन्होंने कहा कि यह छात्र नहीं, टेररिस्ट हैं। लेकिन शेख हसीना के लिए मुश्किल यह है कि इस बार कई पूर्व सैन्य प्रमुखों और सैन्य अधिकारियों ने सुरक्षा बलों से आग्रह किया है कि वह छात्रों की भीड़ पर कार्रवाई न करें। एक पूर्व सेनाध्यक्ष ने तो प्रदर्शनों के दौरान छात्रों की मौत और शूटिंग की घटनाओं की संयुक्त राष्ट्र से जांच करने की मांग की है। विपक्षी नेताओं को दबाने-कुचलने में माहिर शेख हसीना को इस बार छात्र नेताओं का सामना है और देखना है कि वह इस आंदोलन से कैसे निपटती हैं या उन्हें पीछे हटने को मजबूर होना पड़ता है।

 

 

 

 374 total views

Share Now