छपी-अनछपी: “बीजेपी अति पिछड़ा विरोधी हो गई है?” बाघ आदमखोर था, मारा गया

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। नगर निकाय चुनाव में बिहार सरकार द्वारा घोषित आरक्षण पटना हाई कोर्ट से रद्द होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा को आड़े हाथों लिया है। इससे पहले भाजपा लगातार नीतीश कुमार पर हमलावर थी। उसकी दलील थी कि नीतीश कुमार की शिथिलता के कारण अत्यंत पिछड़ा वर्ग को आरक्षण से वंचित होना पड़ा है। उधर पश्चिम चंपारण में आदमखोर बाघ को मार दिया गया है। ये दोनों खबरें आज सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी है।

हिन्दुस्तान की पहली खबर की सुर्खी है: सभी दलों की राय से निकायों में आरक्षण का हुआ था फैसला। यह बयान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का है जिन्होंने इस बारे में सवाल किया है कि क्या भाजपा अति पिछड़ा विरोधी हो गई है। उन्होंने शनिवार को गांधी मैदान के पास लोकनायक जयप्रकाश की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद पत्रकारों से इस बारे में बात की। नगर निकायों में आरक्षण के भाजपा नेताओं के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे लोग गलत बोल रहे हैं। प्रभात खबर की लीड है: हम लोग एक साथ आए हैं इसलिए हो रही सीबीआई की कार्रवाई: मुख्यमंत्री।

इसी बातचीत में उन्होंने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बारे में सवालों का जवाब दिया। यही खबर जागरण की सबसे बड़ी हेडलाइन है: नीतीश का पलटवार, कहा- कांग्रेस में जदयू का विलय करवाना चाहते थे पीके। 

गंगा नदी का पानी पाइप के ज़रिए गया की फल्गू नदी तक पहुंचाने में मिली कामयाबी की ख़बर भी प्रमुखता से छपी है।

भास्कर की सबसे बड़ी खबर: शिक्षकों के स्थानांतरण नीति एक माह में पुरुषों को एक तबादला नहीं।

पश्चिम चंपारण में बाघ के मारे जाने पर हिन्दुस्तान ने खबर दी है: आदमखोर का अंत, शूटरों ने दागीं चार गोलियां। जागरण में इस खबर की सुर्खी है: नौ लोगों को मारने वाला बाघ ढेर। हिन्दुस्तान के अनुसार: “रामनगर की बगही पंचायत के बलुआ गांव में शनिवार को दोपहर बाद 3:22 बजे आदमखोर बाघ को ढेर कर दिया गया। हाथी व केजनुमा वाहन पर सवार एसटीएफ व रेस्क्यू टीम के शूटरों ने बाघ को चार गोलियां मारीं। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सूबे में पहली बार किसी बाघ को गोली मारकर ढेर किया गया है।” भास्कर में लंबी हेडलाइन है: पहले घेरे बंदी, फिर ड्रोन से तलाशी के बाद मिला बाघ…शूटरों ने हाथी पर चढ़कर पीछा किया और मार गिराया। प्रभात खबर ने लिखा है: एक था टाइगर। 

रेलवे में भर्ती के बदले जमीन लेने के मामले में सीबीआई की घेराबंदी लालू परिवार के खिलाफ जारी है। हिन्दुस्तान में खबर है: तेजस्वी के निजी सचिव से सीबीआई ने की पूछताछ। सीबीआई ने इस मामले में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और उनकी उनकी बेटी मीसा भारती समेत 16 लोगों पर चार्जशीट दाखिल की है। इसके अलावा सीबीआई ने बिहार और जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भी पूछताछ की है। सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि जब वे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे तो उन्हें दो फाइलों पर दस्तखत करने के लिए 300 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया था।

हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: सूबे में 60% मेडिकल कचरे का निपटारा नहीं। इस खबर में बताया गया है कि बिहार के अस्पतालों में एक लाख से अधिक बेड हैं। इसके अनुसार 10 मेडिकल कचरा निस्तारण केंद्र होना चाहिए, जबकि ये सिर्फ चार ही हैं।

अनछपी: बॉयोमेडिकल कचरे के निपटारे मैं बिहार में कितनी लापरवाही बरती जाती है इसका अंदाजा किसी भी अस्पताल के बाहर फेंके गए कचरे से लगाया जा सकता है। यह कचरा सिर्फ निजी छोटे अस्पतालों के आसपास नहीं बल्कि बड़े और सरकारी अस्पतालों के बाहर भी देखा जा सकता है। यहां तक कि पटना मेडिकल कॉलेज, जो बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल है, उसके परिसर के अंदर काटे हुए प्लास्टर, पेशाब के लिए इस्तेमाल होने वाली थैली और दूसरे बायोमेडिकल कचरा को जहां-तहां फेंका हुआ देखा जा सकता है। पटना एम्स और आईजीआईएमएस में इसके निपटारे की व्यवस्था कुछ हद तक बेहतर है लेकिन बाकी जगहों पर यह बड़े बुरे हाल में है। बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड बीच-बीच में ऐसे सर्वे कराते रहता है जिससे इस तरह के कचरे के बारे में अंदाजा लगता है। इस बारे में अस्पतालों पर जितनी सख्ती की जानी चाहिए उसमें भारी कमी देखी जाती है। अफसोस है कि यह मुद्दा वोट दिलाने लायक नहीं माना जाता इस पर हमारे राजनीतिक दल भी बहुत चर्चा नहीं करते हैं। किसी विकसित देश में अगर ऐसा पाया जाए तो वहां हंगामा मच सकता है। इसके साथ ही आम लोगों में भी जागरूकता की जरूरत है कि वह अपने घरों में इस्तेमाल किए हुए सिरिंज और अन्य सामान सही तरीके से सही जगह पर निपटारे के लिए दें। 

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