छ्पी-अनछपी: 102 सीटों पर प्रचार खत्म, दुबई की सड़कें दरिया बनीं
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 102 सीटों पर प्रचार खत्म हो चुका है। यहां कल यानी 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। दुबई में भारी बारिश के कारण सड़कें दरिया में तब्दील हो गई हैं। बिहार के कई जिलों में पारा 40 डिग्री से पार कर चुका है। इन खबरों के अलावा चुनावी भाषणों की खबर भी अखबारों में प्रमुखता से छपी है।
हिन्दुस्तान के अनुसार पहले चरण में 19 अप्रैल को देशभर के 102 सीटों पर मतदान होगा। ये 102 सीटें 21 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में हैं। बिहार में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में चार सीटों औरंगाबाद, गया (सु), नवादा व जमुई (सु) में चुनाव होगा। इन सीटों पर चुनाव प्रचार का दौर बुधवार की शाम को थम गया। पहले चरण में 38 उम्मीदवार मैदान में हैं। गया में 14, औरंगाबाद में 9, जमुई में 7 और नवादा में 8 प्रत्याशी हैं। प्रदेश में पहले चरण की चार सीटों के लिए होने वाले मतदान के दौरान 76 लाख 1 हजार 629 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। भास्कर के अनुसार बिहार की इन चार सीटों पर लगभग 92 हजार ऐसे वोटर है जो पहली बार अपना वोट डालेंगे।
दुबई दरिया बना
भास्कर के अनुसार संयुक्त अरब अमीरात में हो रही भारी बारिश के बाद हालत खराब हो गए हैं। 75 सालों में यह सबसे अधिक बारिश रिकार्ड की गई है। दुबई में बारिश और तूफान का दौर बुधवार को भी जारी रहा। यहां 24 घंटे में करीब 10 इंच रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई। समंदर बनी सड़कों ने लोगों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। रेगिस्तान में बसे यूएई में 3 दिन पहले से इस भारी बारिश का अलर्ट था और सरकारी संस्थाएं मुस्तैद थीं। दुनिया का सबसे व्यस्त एयरपोर्ट दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पानी भर जाने से अब सब की निगाहें बचाव और राहत अभियान पर हैं। दिल्ली समेत दुनिया के कई हिस्सों से दुबई एयरपोर्ट की 100 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। 16 -17 अप्रैल को सभी स्कूल और ऑफिस को ऑनलाइन घोषित कर दिया गया था।
पारा 40 डिग्री के पार
बिहार में गर्मी धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ती जा रही है। रोहतास का तिलौथू प्रखंड बीते दिन सबसे गर्म क्षेत्र रहा। बिहार मौसम सेवा केन्द्र द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार यहां का तापमान 42.9 डिग्री रहा। पांच ज़िलों- शेखपुरा, सीवान, बांका, नवादा और रोहतास में यह 40 के पार चला गया है। बिहार में औसत अधिकतम तापमान 40 डिग्री के आसपास पहुंच गया है।
मोदी का दावा- आशा, विश्वास, गारंटी
लोकसभा चुनाव के पहले चरण का प्रचार थमने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को त्रिपुरा और असम में अपनी चुनावी रैलियों में कांग्रेस समेत विपक्षी गठबंधन पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी ने लूट ईस्ट नीति अपना रखी थी, जबकि भाजपा ने उसे एक्ट ईस्ट नीति में बदल दिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में आशा, 2019 में विश्वास और 2024 में गारंटी लेकर आया हूं।
कांग्रेस का पलटवार: बीजेपी होगी सत्ता से साफ
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बुधवार को कहा कि भाजपा ने 2014 की उम्मीदों पर पानी फेर दिया, 2019 से लोगों के साथ विश्वासघात किया और अब 2024 में उनका सत्ता से बाहर होना तय है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कर्नाटक में रैली को संबोधित करने के अलावा गाजियाबाद में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। राहुल गांधी ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी 150 सीटों पर सिमट जाएगी।
तेजस्वी बोले- चाचा को भाजपा ने हाई जैक किया
पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को अपने चुनावी भाषण में कहा कि चाचा नीतीश कुमार को भाजपा वालों ने हाईजैक कर लिया है। बीजेपी वाले चाचा को बाहर निकलने नहीं दे रहे हैं। उन्हें डर हो गया है कि कहीं कुछ बोल ना दें। गया में प्रधानमंत्री की सभा में सीएम दिखाई नहीं दिए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने घबराकर चाचा नीतीश को हाईजैक कर लिया नहीं तो 10 लाख लोगों को रोजगार देते।
हिना शहाब ने किया श्रीराम को नमन
जागरण की खबर है कि पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी और इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुनाव मैदान में उतरीं हिना शहाब सीवान के गांधी मैदान में आयोजित राम कथा में दर्शन को पहुंचीं। यहां उन्होंने श्रीराम को नमन कर भगवा चादर कंधे पर लिया। क्षेत्र में इसकी चर्चा थमी भी नहीं थी कि बुधवार को हिना शहर के मालवीय नगर में एक परिवार द्वारा आयोजित कन्या पूजन अनुष्ठान में शामिल होने पहुंच गईं। यहां उन्होंने कुंवारी कन्याओं के पैर में महावर लगाया और उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
100 सीओ को नोटिस
हिन्दुस्तान की ख़बर है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने पिछले तीन महीने के दौरान दाखिल-खारिज के काम में लापरवाही बरतने वाले 100 सीओ (अंचलाधिकारी) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन्हें 15 दिनों में अपना जवाब देने की मोहलत दी गई है। इसमें कई ने अपना जवाब भी दे दिया है। विभागीय स्तर पर सभी से प्राप्त जवाब की समीक्षा करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। राज्य में जमीन की प्रक्रिया में दाखिल-खारिज अब भी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है।
कुछ और सुर्खियां
- चौथे चरण का नामांकन आज से, 5 सीटों पर उम्मीदवार भरेंगे पर्चा
- आज बेगूसराय से नामांकन करेंगे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के अवधेश राय
- राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र यादव और भागलपुर के पूर्व सांसद शैलेश उर्फ बुलो मंडल ने पार्टी से दिया त्यागपत्र
- कश्मीर के अनंतनाग में बांका के मजदूर की गोली मारकर हत्या
- पटना में बाघ की खाल और हाथी दांत के साथ चार गिरफ्तार
- बिहार में राहुल गांधी की पहली सभा भागलपुर में 20 अप्रैल को
अनछपी: दो-तीन दिन की बारिश ने दुबई को और उन इलाकों को जहां भारी बारिश से जल जमाव की समस्या पैदा होती है, बहुत कुछ सीखने का मौका दिया है। कहा जा रहा है कि यूएई ने आर्टिफिशियल रेन यानी कृत्रिम वर्षा की व्यवस्था की थी जिसके बाद इतनी भारी बारिश हुई। आर्टिफिशियल रेन को क्लाउड सीडिंग भी कहा जा रहा है। तो समझने की सबसे पहली बात यह है कि कुदरत की व्यवस्था से छेड़छाड़ करना वास्तव में तबाही को दावत देना है। यूएई एक रेगिस्तानी देश है और यहां वर्षा कम ही होती है लेकिन कृत्रिम वर्षा की कोशिश से इतनी भारी बारिश हुई कि जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। दुबई का हवाई अड्डा दुनिया का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा माना जाता है लेकिन भारी बारिश के कारण यहां की 100 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। आर्टिफिशियल रेन का सही इस्तेमाल करना प्रकृति की व्यवस्था के अनुरूप चलने के लिए जरूरी है। ऐसा लगता है कि मौसम विज्ञानियों को अभी आर्टिफिशियल रेन पर अधिक काम करना पड़ेगा ताकि अगर इसकी जरूरत पड़े तो इसके इस्तेमाल से दुबई जैसे भारी जल जमाव का सामना नहीं करना पड़े। बिहार जैसे राज्यों को दुबई जैसी समस्या से निपटने की सीख मिल सकती है। यूएई ने आर्टिफिशियल रेन के बाद होने वाली समस्या का अंदाजा पहले लगा लिया था और उसी हिसाब से उसने तैयारी भी कर रखी थी। इसका फायदा यह हुआ कि किसी की जान का नुकसान नहीं हुआ। वहां पहले से स्कूल और ऑफिस को ऑनलाइन कर दिया गया था। ऐसा नहीं है कि यूएई में केवल आर्टिफिशियल रेन हुई। वहां के अलावा बहरीन, कतर और सऊदी अरब में भी भारी बारिश हुई। ओमान में दो दिनों से जारी तेज बारिश के चलते 18 से अधिक लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि यूएई ने मौसम को लेकर वार्निंग और अलर्ट सिस्टम पर काफी खर्च किया है और वहां की सरकार ड्रेनेज सिस्टम को भी बेहतर करने में लगी हुई है। वहां का ड्रेनेज सिस्टम 90 के दशक का है और उसे बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है लेकिन बिहार में ड्रेनेज सिस्टम दशकों पुराना है, फिर भी इसके बारे में कोई विशेष व्यवस्था नहीं हो रही है। हर साल बिहार में जल निकासी के लिए बड़ी योजना का ऐलान तो किया जाता है लेकिन इस पर अमल कहीं नजर नहीं आता।
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