छपी-अनछपी: आज पेश होगा सेंट्रल बजट, धनबाद के अपार्टमेंट में 14 लोग ज़िंदा जले
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। केंद्र सरकार द्वारा आज बजट पेश किए जाने की खबर सभी जगह पहले पन्ने पर है। धनबाद के एक अपार्टमेंट में आग लगने से 14 लोगों के जिंदा जलने की खबर भी प्रमुखता से ली गई है। बिहार में आज से इंटर की परीक्षाएं शुरू हो रही है जिसे अखबारों ने काफी अहमियत दी है।
जागरण की सबसे बड़ी खबर है: धनबाद के अपार्टमेंट में लगी आग, 10 महिलाओं समेत 14 की मौत। हिन्दुस्तान ने लिखा है: शादी की खुशी के बीच अपार्टमेंट में आग, 14 जिंदा जले। अखबारों के अनुसार जोड़ाफाटक में शक्ति मंदिर के पास 10 मंजिला अपार्टमेंट आशीर्वाद टावर के बी ब्लॉक में मंगलवार की शाम को भीषण आग लग गई। इस घटना में 14 लोग जिंदा जल गए। मरने वालों में 10 महिलाएं, तीन बच्चे और एक बुजुर्ग पुरुष शामिल हैं। 15 घायलों को पाटलिपुत्र अस्पताल में भर्ती किया गया है। पौने चार घंटे तक चले राहत कार्य में 100 से अधिक लोगों की जान बचाई गई। ये सभी आग लगने के बाद अपार्टमेंट की छत पर चले गए थे। चर्चा है कि आग दीये से लगी थी।
केंद्रीय बजट आज
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी सुर्खी है: भारत अगले वर्ष और तेज बढ़ेगा। जागरण की दूसरी सबसे बड़ी हेडलाइन है: मंदी और महंगाई जैसी चुनौतियों के बावजूद विकास की लगेगी छलांग। आज यानी बुधवार को पेश होने वाले केंद्रीय बजट से पहले यह बात संसद में मंगलवार को पेश आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर लिखी गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, अगले वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान देश में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर छह से 6.8 प्रतिशत के बीच रह सकती है जो दुनिया में सबसे तेज होगी। इससे एक दिन पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी भारत के लिए यही अनुमान जताया था।
बिहार की विकास दर
भास्कर की दूसरी सबसे बड़ी खबर है बिहार में महंगाई 15 राज्यों से कम जीडीपी में भी 15% का बड़ा उछाल। हिन्दुस्तान की सुर्खी है: बिहार की विकास दर 10.98% रहेगी। बिहार ने आर्थिक मोर्चे पर कोरोना के बाद आई गिरावट को पाट लिया है तथा इससे उबरते हुए अपने पूर्व की स्थिति में पहुंचता दिख रहा है। भारत सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार बिहार की विकास दर 10.98 रहने का अनुमान है। देश के सिर्फ दो ही राज्य आंध्र प्रदेश 11.41 फीसदी और राजस्थान 11 फीसदी विकास दर के साथ बिहार से आगे है। बिहार के तीन पड़ोसी राज्यों की स्थिति की बात करें तो झारखंड 8.15 फीसदी, ओडिशा 10.01 तथा उत्तर प्रदेश की विकास दर 4.41 फीसदी है। गौर हो कि कोविड महामारी के कारण 2020-21 में विकास दर उसके पिछले वर्ष की तुलना में नकारात्मक थी।
पटना का आईएसआईएस मॉड्यूल
भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: पटना का मोहसिन ISIS मॉड्यूल से जुड़ा क्रिप्टो से सीरिया भेजता था पैसा। अखबार के अनुसार एनआईए ने भारत में इस आईएसआईएस मॉड्यूल से जुड़ी गतिविधियाँ चलने के मामले में पटना के मोहम्मद मोहसिन अहमद के खिलाफ़ दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है। मोहसिन पर आईएसआईएस के लिए भारत में फंड इकट्ठा कर क्रिप्टो करेंसी के जरिए सीरिया भेजने का आरोप है। मोहसिन को पिछले साल 6 अगस्त को दिल्ली के बटला हाउस स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया था। एनआईए ने भारत में आईएसआईएस के मॉड्यूल की गतिविधियों को लेकर स्वतः संज्ञान लेते हुए पिछले साल 25 जून को मामला दर्ज कराया था। मोहसिन पटना के दीघा के न्यू कॉलोनी का रहने वाला है।
13 लाख देंगे इंटर की परीक्षा
हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: इंटर की परीक्षा में सूई वाली घड़ी को छोड़ बाकी पर रोक। इंटर वार्षिक परीक्षा 2023 बुधवार से शुरू होगी। राज्यभर में 1464 केंद्रों पर 13 लाख परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होंगे। परीक्षार्थी केवल सूई वाली घड़ी पहन कर ही आ सकते हैं। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक, स्मार्ट और मैग्नेटिक घड़ी पहनने पर रोक रहेगी। अगर कोई छात्र इलेक्ट्रॉनिक, स्मार्ट या मैग्नेटिक घड़ी पहन कर परीक्षा देते पकड़े गए तो उन्हें निष्कासित कर दिया जायेगा। इसकी जानकारी बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने मंगलवार को दी।
जिन्होंने इंदिरा गांधी को कानूनी मात दी थी
मशहूर वकील और पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण के मंगलवार को निधन की खबर सभी अखबारों ने प्रमुखता से दी है। वह 97 वर्ष के थे और काफी दिनों से बीमार थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया। शांति भूषण मोरारजी देसाई सरकार में 1977 से 1979 तक कानून मंत्री रहे। वह हाल तक कानूनी पेशे में सक्रिय रहे, जिसमें उन्होंने राफेल विमान सौदे की अदालत की निगरानी में जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बहस की। शांति भूषण ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के प्रसिद्ध मामले में राजनारायण का प्रतिनिधित्व किया था। इसके परिणामस्वरूप 1974 में इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में हटा दिया गया। राजनारायण ने इंदिरा गांधी पर रिश्वत लेने और चुनाव जीतने के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। राजनारायण के लिए शांति भूषण ने केस लड़ा और जीता। न्यायमूर्ति जगमोहन लाल सिन्हा ने इंदिरा गांधी को संसद सदस्य के रूप में प्रतिबंधित कर दिया और उन्हें अगले छह वर्षों के लिए चुनाव लड़ने से रोक दिया था। इस निर्णय के बाद राजनीतिक विरोध हुआ और देश में आपातकाल की घोषणा हुई थी।
जल्द बढ़ेगा एमवीआर
जागरण की अपनी खबर है: राज्य में जल्द बढ़ेगा जमीन और मकान का एमवीआर। अखबार के अनुसार राज्य सरकार जमीन और मकान का एमवीआर यानी सर्किट रेल बढ़ाने पर जल्द फैसला लेगी। करीब 7 साल बाद मिनिमम वैल्यू रेट यानी एमवीआर बढ़ाने की तैयारी हो चुकी है। एमवीआर में बदलाव के लिए निबंधन विभाग ने सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी थी। सभी जिलों के डीएम ने एमवीआर को लेकर अपनी रिपोर्ट भेज दी है।
कुछ और सुर्खियां
- मुझे पद के नाम पर झुनझुना पकड़ाया गया: कुशवाहा
- उपेंद्र बोले- मुझे जदयू में वही हिस्सा चाहिए जो 1994 में नीतीश ने लालू प्रसाद से मांगा था
- उमेश ने कहा- अब तो हम मानते ही नहीं है कि उपेंद्र जदयू में है, वो इस्तीफा दें
- आसाराम को सूरत में शिष्या से दुष्कर्म केस में आजीवन कारावास
- अदानी के एफपीओ ने पूरा पैसा जुटाया, फिर भी दुनिया के टॉप 10 अमीरों की लिस्ट से बाहर
- स्कूलों में शौचालयों की खराब स्थिति पर हाईकोर्ट ने जिलों से मांगी रिपोर्ट
अनछपी: धनबाद के अपार्टमेंट में लगी आग पटना बिहार के अन्य शहरों के अपार्टमेंट वालों के लिए भी सावधानी का संकेत है। बदकिस्मती की बात यह है कि धनबाद में इससे कुछ ही दिन पहले एक नर्सिंग होम में आग लगी थी जिसमें 2 डॉक्टर समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी। धनबाद में अपार्टमेंट में लगी आग के बारे में अबतक जो खबर मालूम है, उससे यही लगता है कि वहां खुद का कोई फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं था। अफसोस की बात यह है कि कुकुर मतों की तरह उगाए अपार्टमेंट में बिल्डर को इस बात के लिए मजबूर नहीं किया जा रहा कि वह अपार्टमेंट बनाने के साथ-साथ फायर फाइटिंग सिस्टम की व्यवस्था भी करके दें। सरकार के लिए भी जरूरी है कि वह ऐसे अपार्टमेंट को फ्लैट बेचने की अनुमति नहीं दे जिसके पास फायर फाइटिंग सिस्टम न हो। इसलिए रजिस्टरी के समय दमकल विभाग से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट को अनिवार्य करे। यह काम प्रशासन का है लेकिन फ्लैट खरीदने वालों को भी यह देखना चाहिए कि उनके अपार्टमेंट में यह व्यवस्था है या नहीं। अगर बिल्डर इस बात के लिए राजी नहीं हो रहा है तो कानूनी कार्रवाई के अलावा अपार्टमेंट के वासियों को खुद अपनी तरफ से इसकी व्यवस्था करनी चाहिए आखिरकार नुकसान बिल्डर का नहीं अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों का ही होता है।
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