छपी-अनछपी: अदानी कांड के मद्देनजर ‘सेबी’ की समीक्षा को कमिटी, आईजी को डीजी से डर
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। अदानी शेयर घोटाले का हिंडनबर्ग द्वारा पर्दाफाश के बाद केंद्र सरकार ने सेबी की समीक्षा के लिए समिति बनाने पर सहमति दी है जिसकी खबर सबसे ऊपर है। विवादास्पद आईजी विकास वैभव ने चिट्ठी लिखकर डायरेक्टर जनरल शोभा ओहटकर से अपनी जान को खतरा बताया है जिसे अखबारों ने अच्छी कवरेज दी गई है। एदारा शरिया के मौलाना गुलाम रसूल बलियावी ने सेना में मुसलमानों की भागीदारी 30% करने की मांग की है और इसके लिए जो बातें कहीं हैं उसपर एतराज जताया जा रहा है। यह खबर हिन्दुस्तान ने प्रमुखता से ली है।
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: सेबी की समीक्षा के लिए समिति बनाने पर सहमति। जागरण ने लिखा है: शेयर बाजार निगरानी को समिति गठन पर केंद्र राजी। केंद्र सरकार ने सोमवार को बाजार नियामक संस्था सेबी की समीक्षा के लिए समिति बनाने पर सहमति जताई। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने निवेशकों के हित के बारे में आश्वस्त किया। सॉलीसिटर जनरल ने कहा कि वैधानिक इकाइयां हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद उपजे हालात से निपटने को तैयार हैं। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के शेयरों में गिरावट मामले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सरकार और सेबी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि सेबी को मजबूत करने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित करने के प्रस्ताव को लेकर उसे कोई आपत्ति नहीं है। व्यापक हित देखते हुए वह सीलबंद लिफाफे में समिति के लिए विशेषज्ञों के नाम और कार्यक्षेत्र की जानकारी देना चाहती है।
आईजी को क्यों डर लग रहा?
भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: विकास वैभव ने गृह विभाग को लिखी चिट्ठी, कहा मेरा एक दिन भी होमगार्ड डीजी के अधीन काम करना खतरे की घंटी। आईजी विकास ने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर वर्तमान पद से मुक्त करने का आग्रह किया है। पत्र में डीजी शोभा ओहटकर पर आरोप लगाते हुए लिखा है कि महासमादेष्टा महोदया के साथ एक दिन भी काम करना मेरे और परिवार के लिए गंभीर खतरा है। 4 पेज की चिट्ठी में उन्होंने आरोप लगाया है कि वे ‘बिहारी कामचोर होते हैं’, कहकर अपमानित करती रहती हैं। गत आठ फरवरी को बैठक के दौरान सभी के सामने तीन बार गाली दी। पत्नी पर अभद्र टिप्पणी करती हैं। इसलिए मुझे डीजी महोदया के नियंत्रण से मुक्त कर किसी अन्य पद पर पदस्थापित किया जाए। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को लिखे पत्र में उन्होंने लिखा है कि 20 अक्टूबर 2022 को योगदान देने के बाद से ही वे अपमानित और मानसिक रूप से प्रताड़ित करती रही हैं।
बलियावी के बोल
हिन्दुस्तान की एक हेडलाइन है: पाक आतंकियों से डर लगता है तो सेना में 30% मुस्लिमों को रखिए: बलियावी। जदयू के वरिष्ठ नेता गुलाम रसूल बलियावी ने कहा है कि संसद में कह चुका हूं, आज भी कहता हूं और प्रधानमंत्री से भी कह रहा हूं-लोहा लोहे को काटता है। लोहे को गाजर नहीं काट सकती। अगर पाकिस्तान के आतंकवादियों से आपको निपटने में डर लग रहा है तो फौज में सिर्फ 30 प्रतिशत मुसलमान के बच्चों को जगह दे दीजिए, हम जवाब दे देंगे। बलियावी इन दिनों एदारा-ए-शरिया जागरूकता अभियान सह समाज सुधार अधिवेशन आयोजित कर रहे हैं। वे रविवार को नवादा में थे। उन्होंने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि जब पाकिस्तान मिसाइल बनाकर भारत को आंखें दिखा रहा था तो नागपुर से कोई बाबा जवाब देने नहीं आए थे, एक मुसलमान के बेटा ने जवाब दिया था, जिसका नाम एपीजे अब्दुल कलाम है। सियासत में भागीदारी को लेकर कहा कि वोट बेचवा, वोट खरीदवा से सतर्क रहने की जरूरत है। आज मुसलमानों के प्रति देश में जो भावना बनी है उसको देखते हुए दलित एक्ट की तरह मुस्लिम सेफ्टी कानून बनाने की जरूरत है।
अब नहीं होंगे सर्किल इंस्पेक्टर
भास्कर ने पहले पेज पर सूचना दी है: 13 विभागों के डेढ़ दर्जन से अधिक पद खत्म किये, अधिसूचना जारी। हिन्दुस्तान ने लिखा है: अंचल निरीक्षक समेत डेढ़ दर्जन से अधिक पद समाप्त। सूत्रों के अनुसार कार्यप्रणाली व कार्यालय के आंतरिक पद का क्रम व्यावहारिक बनाने के लिए ऐसा निर्णय लिया गया है। कई पद गैरजरूरी हो गए थे। उदाहरण के लिए राजस्व भूमि सुधार विभाग में अंचल निरीक्षक का पद अव्यावहारिक हो गया है। अब सीओ के नीचे राजस्व पदाधिकारी नियुक्त हो गए हैं। उद्योग विभाग में अर्थ अन्वेषक का पद भी अव्यवहारिक हो गया था। वहीं, कई विभागों में संविदा पर नियुक्ति भी की गई है
अंडे की पीली, सफेद और भूरी जर्दी का मतलब
हिन्दुस्तान की एक सुर्खी है: बिहार के अंडा उत्पादकों को हर दिन डेढ़ करोड़ का नुकसान। यह बात बिहार पॉल्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष राज कुमार राय ने कही है। मकई व सोया की कीमत बढ़ने से दाना की कीमतें बढ़ी हैं। वहीं ट्रांसपोर्ट खर्च भी काफी बढ़ गया है। 13 फरवरी को एक अंडा की उत्पादन लागत लगभग पांच रुपये थी, जबकि इसकी बिक्री की कीमत लगभग 4.10 रुपये रही। श्री राय कहते हैं कि अंडा सप्लाई चेन में राज्य के बाहर की कंपनियों का दबदबा और अंडा की कीमत बरनाला (पंजाब) व एनईसीसी द्वारा तय करने के कारण अंडा उत्पादकों को नुकसान हो रहा है। बिहार में प्रतिदिन तीन करोड़ अंडों की मांग है। इनमें एक करोड़ अंडा बाहर के राज्यों से आता है। अंडा उद्योग के जानकार संजीव श्रीवास्तव कहते हैं अंडे की पहचान आसान है। जिस अंडे की जर्दी पीली हो, वह बिहार उत्पादित अंडा है यानी ताज़ा है। सफेद जर्दी वाला अंडा पंजाब व दूसरे राज्य का है। जिस अंडा की जर्दी ग्रे होती है वह अंडा कोल्ड स्टोरेज का होता है।
कुछ और सुर्खियां:
- जाते-जाते शशि प्रताप शाही को मगध विश्वविद्यालय का वीसी बना गए फागू चौहान
- बिहार में कोई भी राज्यपाल अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता: नीतीश
- हंगामे के बाद दोनों सदनों की बैठक 13 मार्च तक स्थगित
- दिल्ली नगर निगम मेयर चुनाव में भाजपा को झटका, मनोनीत सदस्य का वोट नहीं: सुप्रीम कोर्ट
- मैट्रिक परीक्षा आज से, 16 लाख विद्यार्थी होंगे शामिल
- तेजस्वी बोले- कांग्रेस पहले मंत्री का नाम तय कर ले तब विचार होगा
- जम्मू कश्मीर में परिसीमन को शीर्ष कोर्ट ने सही माना
- आफत: खुदरा महंगाई 3 माह के शीर्ष स्तर पर
- फुलवारी के एएसपी मनीष कुमार पर जल्द गिर सकती है गाज
- ट्रेनों में रोटी के लिए अब 3 की जगह ₹10 लगेंगे, ब्रेड पकोड़ा 10 की जगह 15, सैंडविच 15 के बदले 25 का
- महमूद मदनी ने अल्लाह ओम विवाद के लिए माफी मांगी, अरशद अड़े
अनछपी: जदयू की ओर से राज्यसभा और विधान परिषद के सदस्य रह चुके गुलाम रसूल बलियावी अक्सर किसी न किसी विवादास्पद बोल के कारण चर्चा में रहते हैं। बलियावी मशहूर बरेलवी संस्था एदार शरिया के महत्वपूर्ण पद पर हैं। उनकी ऐसी ही अगंभीर बातों पर उन्हें कई बार बलवाई भी कह दिया जाता है। उन्होंने सेना में मुसलमानों को रिजर्वेशन देने का मुद्दा उठाया है जो वैसे तो विचारणीय हैं लेकिन उसे 30% तक करने की मांग एक बवाल को दावत देने जैसा है। फिर यह कहना कि सेना में अगर 30% मुसलमान हुए तो वे आतंकियों से बेहतर तरीके से निपटेंगे, काफी विवादास्पद बात है। भारतीय सेना के बारे में यह समझा जाता है कि वह अत्याधुनिक और पेशेवर संगठन है और उसके प्रदर्शन को धर्म से जोड़ना सही नहीं माना जाएगा।
मुसलमानों के प्रतिनिधित्व की मांग करना एक अलग मुद्दा है लेकिन उसे इस तरह के बातों से जुड़ना बिल्कुल बेतुका लगता है। बलियावी ने और कई बातें कहीं हैं जिन पर बवाल हो सकता है। इससे पहले भी वह एक बयान देकर विवादित हो चुके हैं। इस तरह के विवादित बयान लगातार जारी करने पर यह सवाल उठ सकता है कि आखिर वह चर्चा में बने रहने के लिए तो ऐसा नहीं कर रहे। हो सकता है कि जदयू नेतृत्व का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए भी वे ऐसा कर रहे हों लेकिन अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए पूरे मुस्लिम समुदाय का इस तरह इस्तेमाल बहुत चिंताजनक बात है।
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