छपी-अनछपी: कोर्ट ने कहा- हेट स्पीच के मामले में राज्य नपुंसक बने हैं, पटना मेट्रो के लिए जापान से मदद
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। नफरत भरे बोल के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए राज्यों को नपुंसक और नाकारा बताया है। इस बारे में अखबारों ने खबर गोल कर दी है या गोल मटोल छापी है। पटना मेट्रो के लिए जापान से मिलने वाली मदद के बारे में खबर प्रमुखता से ली गई है। रामनवमी पर मंदिरों में श्रद्धालुओं के उमड़ने की खबर भी चित्र सहित कवर की गई है। उधर जयपुर बम ब्लास्ट मामले में 4 लोगों की फांसी की सजा हाईकोर्ट ने रद्द कर दी है जिसके बारे में संक्षिप्त खबर है। एनसीपी मोहम्मद फैजल की संसदीय बहाल होने की खबर भी प्रमुख है।
हिन्दुस्तान ने पहले पेज पर खबर दी है: राजनीति से धर्म अलग रहे तो नफरती बोल रुकेंगे: कोर्ट। जागरण व भास्कर ने भी इसकी खबर दी है लेकिन कोर्ट की सख्त टिप्पणी को नजरअंदाज किया है। बस इतना लिखा है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नफरती भाषण (हेट स्पीच) देने वाले तत्वों पर सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि जिस समय राजनीति और धर्म अलग हो जाएंगे एवं नेता राजनीति में धर्म का उपयोग बंद कर देंगे उस समय नफरत फैलाने वाले भाषण भी समाप्त हो जाएंगे। शीर्ष अदालत ने जवाहर लाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी के भाषणों का भी उदाहरण देते हुए कहा कि इन नेताओं के भाषण सुनने के लिए लोग दूर-दराज से आते थे। कोर्ट नफरती भाषण देने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में विफल रहने को लेकर विभिन्न राज्य प्राधिकरणों के खिलाफ अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने कहा कि अदालतें आखिर कितने लोगों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू कर सकती है। हर रोज टीवी व सार्वजनिक मंचों पर दूसरों को बदनाम करने के लिए ऐसे तत्व बयानबाजी कर रहे हैं। इन खबरों में जो बात नहीं लिखी गई है वह यह है जस्टिस के. एम. जोसेफ ने कहा कि ऐसी स्थिति इसलिए पैदा हो गई है कि राज्य नपुंसक, शक्तिहीन और समय पर काम नहीं करने वाले बन गए हैं। उन्होंने पूछा के अगर यह मूकदर्शक बना रहता है तो राज्य के रहने का क्या फायदा।
पटना मेट्रो के लिए मदद
हिंदुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: पटना मेट्रो के निर्माण को जाइका से करार। जागरण ने भी यह खबर प्रमुखता से ली है। पटना मेट्रो निर्माण में अब तेजी आएगी। जापान इंटेनेशनल कॉरपरेशन एजेंसी (जाइका) ने पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (पीएमआरसी) को 5509 करोड़ रुपए का लोन मंजूर कर दिया है। दिल्ली में बुधवार को एमओयू पर जाइका, केन्द्र और बिहार सरकार के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किया। जाइका ने पीएमआरसी को पहले चरण में निर्माण और मेट्रो के कोच, पटरी सहित अन्य सामान की खरीद के लिए 5158 करोड़ का ऋण मंजूर किया है। वहीं कंसल्टेंसी के लिए 391 करोड़ रुपए का कर्ज मिलेगा। जाइका ने 5158 करोड़ का कर्ज 1.7 प्रतिशत और 391 करोड़ का कर्ज 0.01 प्रतिशत के ब्याज पर दिया है।
रामनवमी की धूम
हिन्दुस्तान की खबर पटना के हनुमान मंदिर के बारे में है: पट खुलते ही पवनसुत के दर्शन को उमड़े भक्त, भगवान श्रीराम का आज प्राकट्य। रामनवमी को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है। इस बार पटना जंक्शन स्थित हनुमान मंदिर में चार से पांच लाख के करीब श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद की जा रही है। इस बाबत महावीर मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष व पूर्व वरिष्ठ आईपीएस आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि अयोध्या के बाद पटना में रामनवमी पर देश में सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती है।रामनवमी पर महावीर मंदिर में दर्शन के लिए बुधवार की देर शाम से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। रात 2.15 बजे मंदिर के पट खुलते ही पूरा इलाका जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठा।
फांसी की सज़ा रद्द
जयपुर धमाका में फांसी की सजा पाए चार आरोपी हाईकोर्ट से बरी होने की खबर भी दबी दबी सी छपी है। राजस्थान उच्च न्यायालय ने वर्ष 2008 में जयपुर के विभिन्न इलाकों में हुए सिलसिलेवार धमाकों के मामले में निचली अदालत का फैसला पलटते हुए सभी आरोपियों को बुधवार को बरी कर दिया। इस मामले में निचली अदालत ने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी। बचाव पक्ष की ओर से इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। न्यायाधीश पंकज भंडारी और न्यायाधीश समीर जैन की खंडपीठ ने केस में डेथ रिफरेंस सहित बचाव पक्ष की ओर से पेश 28 अपीलों पर फैसला सुनाया। पीठ ने कहा कि जांच अधिकारी को लीगल (कानूनी मामलों से जुड़ी) जानकारी नहीं है। उन्होंने इसके साथ ही जांच अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी कहा है। हाईकोर्ट ने इस दौरान सलमान का मामला किशोर बोर्ड को भेज दिया और सैफ, सैफूर्रहमान और सरवर आजमी को दोषमुक्त किया। इससे पहले साल 2019 में जयपुर की निचली अदालत ने चार आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी।
सांसदी बहाल
एनसीपी नेता फैजल की संसद सदस्यता बहाल करने की खबर भी सिंगल कॉलम में निपटा दी गई है। जबकि यह खबर इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि राहुल गांधी की सदस्यता उसी आधार पर बहाल की जा सकती है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल की सांसद के रूप में उनकी योग्यता बहाल हो गई है। उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के कुछ घंटों पहले लोकसभा सचिवालय की ओर से बहाली की अधिसूचना जारी की गई। शीर्ष अदालत ने इसी अधिसूचना को आधार मानकर फैजल की याचिका का निपटारा कर दिया।
फसल का मुआवजा
जागरण की सबसे बड़ी खबर है किसानों को मिलेगी फसल क्षति की राशि। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने असामयिक वर्षा-ओलावृष्टि और आंधी-तूफान से हुई फसल क्षति को लेकर संबंधित किसानों के खाते में शीघ्र राशि के भुगतान का निर्देश पदाधिकारियों को दिया है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को एक अणे मार्ग में समीक्षा बैठक की और आपदा प्रबंधन विभाग को प्रभावित किसानों को फसल क्षति के भुगतान के लिये 92 करोड़ रुपये की राशि कृषि विभाग को अविलंब उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
कुछ और सुर्खियां
- कर्नाटक में दस मई को मतदान, 13 को नतीजे
- राहुल के मामले में नीतीश का टिप्पणी से इनकार- यह कोर्ट का विषय, विपक्षी एकता के लिए कांग्रेस की पहल का इंतजार
- तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने ‘दही’ के जरिए हिंदी थोपने का लगाया आरोप
- रेलवे में नौकरी घोटाला मामले में 3 सप्ताह में पूरक चार्जशीट: सीबीआई
- यूपीए काल में मोदी को फंसाने का मुझ पर दबाव डाल रही थी सीबीआई: अमित शाह
- अब 12 इंजीनियरिंग कॉलेजों में एमटेक की पढ़ाई कमा एमआईटी में 4 स्पेशलाइजेशन
अनछपी: दही के बारे में सुर्खी पढ़ने के बाद आपके दिमाग में यह बात जरूर आई होगी कि आखिर दही का मुद्दा दिमाग का दही क्यों बनाए हुए है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन हिंदी थोपने के विरोध के मामले में सबसे मुखर रहे हैं। उन्होंने दही के पैकेटों पर दही लिखकर हिंदी को कथित तौर पर थोपे जाने की निंदा करते हुए बुधवार को कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को देश के दक्षिणी हिस्सों से निर्वासित किया जाएगा। स्टालिन ने सरकारी ट्विटर हैंडल पर एफएसएसएआई (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) को लेकर प्रकाशित एक खबर साझा की, जिसमें कर्नाटक मिल्क फेडरेशन को पैकेट पर दही को प्रमुखता से ‘दही’ छापने का निर्देश दिया गया है। एक समाचारपत्र की प्रकाशित खबर के मुताबिक एफएसएसएआई ने केएमएफ को दही के लिए कन्नड़ भाषा में प्रयोग होने वाला शब्द मोसरू को ब्रेकेट में लिखने का निर्देश दिया। जाहिर है यह बात दही कि नहीं हिंदी की है। एक तरफ प्रधानमंत्री तमिल और दूसरी क्षेत्रीय भाषाओं के विकास की बात करते हैं तो दूसरी तरफ हिंदी को ऐसे मनमाने ढंग से उपयोग में लाने के निर्देश सवाल खड़े करते हैं। हिंदी को अहिंदी भाषी क्षेत्रों में लोकप्रिय बनाने के लिए लोकप्रिय तरीके ही अपनाने होंगे। हिंदी बतौर सहयोगी भाषा ही होनी चाहिए न की क्षेत्रीय भाषा के ऊपर सेल्लादा जाना चाहिए। इस तरह के निर्देशों से हिंदी को लोकप्रिय बनाने के बदले उसे अलोकप्रिय ही बनाया जा रहा है। ऐसे ही स्थिति के लिए हिंदी की कहावत है रक्षा में हत्या। इससे बचने की सख्त जरूरत है।
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