छपी-अनछपी: ड्राइवर का बेटा हिमाचल के सीएम, भाजपा खुशफहमी में न रहे: नीतीश

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। आज के अखबारों में बांग्लादेश में खेली जा रही एकदिवसीय क्रिकेट प्रतियोगिता में भारत की ओर से ईशान किशन द्वारा लगाए गए सबसे तेज दोहरे शतक की धूम है तो विश्व कप फुटबॉल में पुर्तगाल को मोरक्को के हाथों मिली हार की भी खूब चर्चा है। राजनीति के मैदान में हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की काफी चर्चा है जिनके पिता के बारे में बताया जाता है कि वह ड्राइवर थे। इधर जदयू की राष्ट्रीय बैठक में नीतीश कुमार ने बयान दिया है कि भाजपा भजपा में न रहे, माहौल उसके खिलाफ है। इससे जुड़ी ख़बरें भी प्रमुखता से छपी हैं।

जागरण की पहली खबर है: जदयू को दिलाएं राष्ट्रीय दल का दर्जा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को एक टास्क दिया है। हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: मुहिम: जदयू राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने में जुटेगा।
नीतीश कुमार का यह बयान भी है कि गुजरात की जीत पर इतराने वाले हिमाचल, यूपी, दिल्ली व राजस्थान भी देखें। भास्कर की सुर्खी है: नीतीश बोले- भाजपा खुशफहमी में न रहे, माहौल उसके खिलाफ है। जागरण ने लिखा है: एक जगह चुनाव हारने से सब कुछ खत्म नहीं हो जाता: नीतीश।
नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि सभी ने शराबबंदी का समर्थन किया था। उन्होंने कांग्रेस नेता अजीत शर्मा के बयान पर उनका नाम लिए बिना खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि कांग्रेस की सदस्यता रसीद पर ही लिखा है- शराब नहीं पीना है।
ईशान का रिकॉर्ड 
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी सुर्खी है: कीर्तिमान: बिहार के ईशान का सबसे तेज दोहरा शतक। भास्कर ने लिखा है: ई… शान बिहार के। अख़बार लिखता है कि पटना के इशान किशन ने शनिवार को क्रिकेट के इतिहास में एक साथ कई कीर्तिमान बनाए। चटगांव में बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए वनडे मैच में ईशांत ने सबसे तेज दोहरा शतक बनाने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया। इसके साथ ही उन्होंने सबसे कम उम्र में सबसे कम मैच खेल कर यह कीर्तिमान हासिल करने का रिकॉर्ड भी कायम किया। उन्होंने 126 गेंदों में अपना दोहरा शतक पूरा किया। इससे पहले सबसे तेज दोहरा शतक का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के क्रिस गेल के नाम था जिन्होंने 2015 में 138 गेंदों पर दोहरा शतक बनाया था।

मोरक्को सेमीफ़ाइनल में
अफ्रीकी अरब देश मोरक्को ने शनिवार की शाम कतर के दोहा में खेली जा रही विश्व कप फुटबॉल प्रतियोगिता में शक्तिशाली पुर्तगाल को 1-0 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बना ली। यह पहला मौका है कि कोई अरब या अफ्रीकी देश विश्व कप फुटबॉल के सेमीफाइनल में पहुंचा है। पुर्तगाल की टीम में रोनाल्डो जैसे स्टार खिलाड़ी रहने के बावजूद मोरक्को की यह जीत काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसके बाद खेले गये और क्वार्टर फाइनल में फ्रांस ने इंग्लैंड को 2-1 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बना ली।

सुखविंदर सुक्खू हिमाचल के सीएम
जागरण की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: सुखविंदर सिंह सुक्खू होंगे हिमाचल के नए मुख्यमंत्री, मुकेश उपमुख्यमंत्री। अखबार ने एक और सुर्खी लगाई है: जहां पिता चलाते थे गाड़ी अब वहां से बेटा चलाएगा हिमाचल सरकार। कांग्रेस ने 2 दिनों तक माथापच्ची के बाद सुखविंदर सिंह को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है। भास्कर ने हेडिंग दी है: हिमाचल; कांग्रेस ने परिवार की जगह कार्यकर्ता को तरजीह दी। सुखविंदर के पिता रशील सिंह हिमाचल प्रदेश के सचिवालय में ड्राइवर हुआ करते थे। तब हिमाचल प्रदेश पंजाब का हिस्सा हुआ करता था। उप मुख्यमंत्री बनाए गए मुकेश अग्निहोत्री अब तक नेता प्रतिपक्ष थे। हिन्दुस्तान ने सुर्खी लगाई है: भूपेंद्र पटेल गुजरात तो सुखविंदर सिंह होगे हिमाचल के मुख्यमंत्री।

तस्करी का सोना बरामद
भास्कर की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: गया में ट्रेन से ढाई करोड़ के सोने की तस्करी, तीन गिरफ्तार। डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस यानी डीआरआइ और आरपीएफ ने।
तस्करी कर ले जाया जा रहा ढाई करोड़ का सोना गया रेलवे स्टेशन से बरामद किया है। इस मामले में तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। शनिवार को डीआरआइ और आरपीएफ की टीम ने गाड़ी संख्या 12379 अप सियालदह अमृतसर जलियांवाला बाग एक्सप्रेस और सियालदाह नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस से सोने के बिस्कुट की बरामदगी की है।

शाह की ‘सबक़ सिखाने’ वाली टिप्पणी 
अखबारों के अनुसार चुनाव आयोग ने कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान सबक सिखाने वाली टिप्पणी आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट पर गौर करने व कानूनी राय लेने के बाद आयोग ने यह निष्कर्ष निकाला। माना कि उपद्रवियों पर कार्रवाई करने का जिक्र करना आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं था। एक पूर्व नौकरशाह ने एक चुनावी रैली में शाह द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर निर्वाचन आयोग का रुख किया था। खेड़ा के महुधा में चुनाव रैली में शाह ने आरोप लगाया था कि गुजरात में कांग्रेस के शासन के दौरान बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक दंगे होते थे। पर 2002 में सबक सिखाने के बाद इन तत्वों ने वह रास्ता (हिंसा का) छोड़ दिया। कई लोगों का मानना था कि अमित शाह का यह बयान सांप्रदायिक दंगों में मारे गए मुसलमानों के बारे में था। यह आरोप भी लगा था कि उन्होंने ऐसा बयान हिंदू मतों के ध्रुवीकरण के लिए दिया था।

 

सहमति से संबंध की उम्र

हिन्दुस्तान में यह खबर प्रमुखता ली गयी है: सहमति से संबंध की उम्र पर विचार जरूरी: सीजेआई। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि नाबालिगों के मामले में शारीरिक संबंध के लिए सहमति की उम्र पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि बच्चों को अपराधों से बचाने के लिए कार्यपालिका और न्यायपालिका साथ जुटें। सीजेआई यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम पर दो दिवसीय राष्ट्रीय हितधारक परामर्श कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम 18 साल से कम उम्र वालों के बीच सभी यौन क्रियाओं को आपराधिक मानता है। इस दौरान यह नहीं देखा जाता कि नाबालिगों के बीच सहमति थी या नहीं। इस कानून के मुताबिक 18 से कम उम्र वालों के बीच सहमति नहीं हो सकती। इस पर विचार की जरूरत है।

अनछपी: सामाजिक संबंधों के बारे में अदालत में बीच-बीच में अपने निर्णय सुनाती रहती हैं। अदालतों के निर्णय का मतलब है जजों का निर्णय और जज भी हमारी तरह इंसान होते हैं। ऐसे ही एक संबंध- शादी के बारे में और विशेष तौर पर मुस्लिम लड़कियों की शादी के बारे में हाल के दिनों में अदालती फैसलों पर काफी बहस हुई है। एक अदालती फैसले में यह कहा गया कि मुस्लिम लड़कियों की शादी 18 साल से पहले मुस्लिम पर्सनल ला के अनुसार तो सही है लेकिन पॉक्सो में चूँकि 18 साल से कम की उम्र में सहमति से शारीरिक संबंध बनाना भी अपराध है इसलिए यह शादी सही नहीं है। दूसरी ओर एक और हाईकोर्ट ने कहा कि 15 साल में मुस्लिम लड़कियों की शादी करना इसलिए वैध है कि यह मुस्लिम पर्सनल ला के अनुसार स्वीकार्य है। इस फैसले को बहुत सारे नारीवादियों ने गलत करार दिया। अब भारत के प्रधान न्यायाधीश वाईवी चंद्रचूड़ कह रहे हैं कि सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की उम्र पर विचार करना चाहिए यानी इसे 18 वर्ष से कम करना चाहिए। पूछने की बात यह है कि मानव संबंधों पर अदालतों के जज इंसानों के लिए वैसे फैसले करते हैं जिसका अधिकार उन्हें है या नहीं इस पर बहस हो सकती है या नहीं? दूसरी बात यह है कि जब 18 वर्ष से कम उम्र में सहमति से शारीरिक संबंध बन सकते हैं तो विवाह क्यों नहीं हो सकते।

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