छपी-अनछपीः ’छोटे सरकार’ बने फडणवीस, प्लास्टिक की थैली लेकर निकले तो 500 रु फाइन

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। राजनीति में सम्मान और अपमान के घूंट में बहुत फर्क नहीं होता। गुरुवार को जब आधे दिन तक यह चर्चा होती रही कि देवेन्द्र फडणवीस दूसरी बार महराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे तो शाम में शिव सेना के बागी एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने और देवेन्द्र फडणवीसी के उप मुख्यमंत्री की पक्की खबर आने लगी। एक बार तो फडणवीस ने डिप्टी सीएम बनने से मना कर दिया लेकिन बड़े नेताओं के ’मनाने’ पर मान गये।
तो यह है आज के अखबारों की सबसे अहम खबर। हिन्दुस्तान ने इसे उलटफेर बताते हुए सुर्खी लगायी है- शिंदे के डिप्टी ने फडणवीस। प्रभात खबर और जागरण ने इसी सूचना को लीड बनाया है। भास्कर की हेडिंग है- तख्तापलट से बड़ा कुर्सी-बदल, ना ना करते शिंदे के ’छोटे सरकार’ बने देवेन्द्र।
आज की दूसरी बेहद अहम खबर यह है कि आज से ही प्लास्टिक की थैलियों और थर्मोकोल की थाली-कटोरी पर पूरी तरह से पाबंदी लगाा दी गयी है। यानी कानूनी तौर पर इसकी खरीद-बिक्री नहीं होगी। भास्कर ने लिखा है- प्लास्टिक का थैला लेकिन आप आज से चले तो 500 रु. जुर्माना। अब देखना यह है कि कानून किस हद तक लागू होता है और लोग सामान कैसे लाते हैं।
टाइम्स आॅफ इंडिया ने अपने पहले पेज पर उदयपुर के जघन्य हत्याकांड से संबंधित खबर में एनआईए के हवाले से लिखा है कि इसे पाकिस्तानी के ’जिहादी ग्रुप’ से जोडकर देखना जल्दबाजी होगी।
पटना के हथुआ मार्केट में बिजली गिरने से लगी आग की खबर सभी अखबारोें मंे प्रमुखता से छपी है।
प्रभात खबर ने सूचना दी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विधानसभा के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में भाग लेने 12 जुलाई को पटना आ सकते हैं।
मणिपुर में जमीन धंसने से सात जवानों समेत आठ लोगों की मौत की खबर सभी अखबारों में प्रमुखता से दी गयी है।
नेपाल में बारिश से उत्तर बिहार की नदियों के उफानाने और कुछ इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति की खबर हिन्दुस्तान ने प्रमुखता से कवर की है।
इंजीनियरिंग की तैयारी करने पटना आये बक्सर के एक छात्र ने गुरुवार को पत्रकार नगर थाने के एक कोचिंग सेन्टर के चैथे तल्ले से कूदकर आत्महत्या कर ली। यह खबर भी सबका ध्यान खींचने वाली है। कोचिंग करने वाले छात्रों द्वारा आत्महत्या की खबर पर समाज में अब भी बहुत कम चर्चा होती है जबकि भारी तनाव झेलने वालों छात्रों के बारे में सोचना बेहद जरूरी हो गया है।
अनछपीः इस अखबारी विश्लेषण के साथ जो तस्वीर लगी है उसमें महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी राज्य के नये डिप्टी सीमए देवन्द्र फडणवीस को मिठाई खिलाते दिख रहे हैं। अखबारों ने यह नहीं बताया कि पिछली बार कब ऐसे राज्यपाल किसी उप मुख्यमंत्री को मिठाई खिलाते दिखे हैं। खासकर तब जबकि राज्यपाल के इस निर्णय पर आपत्ति दर्ज करायी गयी है कि बागी विधायकों की अयोग्यता के बारे में 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाने वाला है और सदन में शक्ति परीक्षण उससे पहले कराने के राज्यपाल के फैसले से भी असंतोष था। बहरहाल, राजनीति का खेल देखिए कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सारी जोड़-तोड़ की मगर आखिर में डिप्टी बनने को राजी होना पड़ा। फडणवीस को भाजपा के आला कमान ने फिलहाल मना तो लिया है लेकिन यह बात अगर पहले मालूम होती तो शायद वे अपनी चाल बदल सकते थे। वैसे, महाराष्ट्र में खेल जारी रहेगा।

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