छपी-अनछपी: जीडीपी दर 15 माह के सबसे निचले स्तर पर, पीएम मोदी ने माफी मांगी

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। भारत की जीडीपी दर गिरकर 15 माह की सबसे निचले स्तर पर आ गई है। महाराष्ट्र में शिवाजी की प्रतिमा गिरने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माफी मांगी है। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आलोक राज को बिहार के डीजीपी का प्रभार दिया गया है। असम विधानसभा में जुमे के दिन की 2 घंटे की छुट्टी खत्म कर दी गई है। बिहार की चार बड़ी और तीन छोटी नदियों पर बराज बनाने की घोषणा की गई है। बिहार के स्कूली शिक्षकों को मिड डे मील योजना से छुटकारा दिलाने का प्रस्ताव आया है।

हिन्दुस्तान के अनुसार भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली अप्रैल-जून तिमाही में घटकर 15 महीने के निचले स्तर 6.7 प्रतिशत पर आ गई। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को बताया कि मुख्य रूप से कृषि और सेवा क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन के चलते वृद्धि दर घटी है। एक साल पहले वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही थी। अर्थशास्त्रियों ने पहले ही अनुमान लगाया था कि पहली तिमाही में चुनावी गतिविधियों के कारण सरकारी खर्च में कमी तथा हीटवेव के प्रतिकूल प्रभाव के कारण अर्थव्यवस्था की गति धीमी हो सकती है।

मोदी ने माफी मांगी

भास्कर के अनुसार महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में तेज हवा और बारिश से छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा ढहने और इससे आहत लोगों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को माफी मांगी। पालघर जिले में एक सभा में पीएम ने कहा, “मैं अपने हृदय के भावों को व्यक्त करना चाहता हूं। छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम या राजा नहीं है। वे हमारे देवता हैं। आज मैं उनके चरणों में सर झुकाता हूं और अपने देवता से माफी मांगता हूं।” पीएम मोदी ने 4 सितंबर 2023 को शिवाजी की 28 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया था। प्रतिमा पिछले 26 अगस्त को गिर गई थी।

आलोक राज को डीजीपी का जिम्मा

प्रभात खबर के अनुसार बिहार में टॉप ब्यूरोक्रेसी में हो रहे बदलाव के बीच एक ओर कोयला मंत्रालय के सचिव अमृतलाल मीणा को केंद्र ने उनके मूल बिहार कैडर में वापस भेजने की मंजूर दे दी है जिससे उनका राज्य का मुख्य सचिव बनना तय माना जा रहा है। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के डीजी आलोक राज को बिहार के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की जिम्मेदारी सौंपी। गृह विभाग ने शुक्रवार को निवर्तमान डीजीपी राजविंदर सिंह भट्टी को केंद्रीय सेवा के लिए विरमित करने के साथ ही आलोक राज को बिहार के डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपे जाने से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी।

असम विधानसभा में जुमे की नमाज की छुट्टी खत्म

जागरण के अनुसार असम विधानसभा में 87 साल से जारी जुमे की नमाज के लिए छुट्टी शुक्रवार को खत्म कर दी गई। अब राज्य के मुस्लिम विधायकों को नमाज अदा करने के लिए 2 घंटे की आधिकारिक छुट्टी नहीं मिलेगी। यह नया नियम विधानसभा के अगले सत्र से लागू होगा। विधानसभा के एक अधिकारी ने बताया कि 1937 से जारी इस 2 घंटे के अवकाश की अंतिम बार व्यवस्था 30 अगस्त को मानसून सत्र के आखिरी दिन की गई थी। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने भी इंटरनेट मीडिया पर मुस्लिम विधायकों के लिए नमाज ब्रेक खत्म करने की जानकारी दी।

नदियों पर बनेंगे नए बराज

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार बिहार की चार बड़ी और तीन छोटी नदियों पर नया बराज बनेगा। इसके तहत कोसी पर डागमारा, गंडक नदी पर अरेराज, बागमती नदी पर ढेंग और कटौंझा तथा महानंदा पर तैयबपुर में बराज बनेगा। साथ ही सकरी नदी पर बकसोती में बराज बनाने का प्रस्ताव है। मसान और अवसाने नदी पर भी बराज बनाने की तैयारी है लेकिन जगह अभी तय नहीं हुई है। इसके अलावा कमला नहर प्रणाली का उन्नयन व बराज, सोन के इन्द्रपुरी बराज के उन्नयन और नाटा वीयर का बराज में परिवर्तन की भी योजना है। यह जानकारी जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शुक्रवार को दी।

शिक्षकों को मिड डे मील से मिल सकता है छुटकारा

जागरण की लीड के अनुसार बिहार के सरकारी स्कूलों में संचालित मिड डे मील योजना से शिक्षक मुक्त होंगे। इससे संबंधित प्रस्ताव पर शिक्षा विभाग विचार कर रहा है। तमिलनाडु की शिक्षा व्यवस्था, शिक्षकों की सेवा शर्त, स्थानांतरण व पदस्थापन और प्रशासनिक ढांचे का अध्ययन करके लौटी अफसर की टीम ने विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉक्टर एस सिद्धार्थ को रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें कहा गया है कि तमिलनाडु में दोपहर का भजन वहां के समाज कल्याण विभाग द्वारा दिया जाता है। उसमें शिक्षकों की कोई भूमिका नहीं है। शिक्षक संगठनों और कई जनप्रतिनिधियों की ओर से यह मांग रही है कि इस योजना से शिक्षकों को मुक्त रखा जाए। वैसे टीम की अनुशंसा रिपोर्ट व प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री के स्तर पर ही लिया जाएगा।

कुछ और सुर्खियां

  • 11 नवंबर को विस्तारा एयरलाइंस की आखिरी उड़ान, एयर इंडिया संभालेगी कमान
  • पेरिस पैरालंपिक में अवनि लेखरा ने निशानेबाजी में जीता गोल्ड मेडल
  • झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता चंपाई सोरेन भाजपा में शामिल
  • सिख विरोधी दंगों के मामले में 40 वर्ष बाद जगदीश टाइटलर पर तय होंगे आरोप
  • बिहार के 10 जिलों के पानी में मिला मानक से ज्यादा यूरेनियम, इससे कैंसर का खतरा
  • बिहार विधान परिषद से निष्कासन के मामले में पूर्व एमएलसी राजद के सुनील कुमार सिंह को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं

अनछपी: क्या चिराग पासवान के साथ फिर कोई राजनीतिक खेल होने वाला है? चिराग पासवान के बारे में आ रही अलग-अलग खबरों से ऐसा लगता है कि एक बार फिर उनके साथ कोई बड़ा खेल होने वाला है। चिराग पासवान के बारे में जो खबर पक्की है वह यह है कि उन्होंने गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह से मुलाकात की है। चिराग पासवान केंद्र की कैबिनेट में मंत्री हैं और ऐसे में एक मंत्री का दूसरे मंत्री से मिलना कोई खास बात नहीं मानी जा सकती। लेकिन इसके साथ दूसरी खबर यह है कि इससे पहले अमित शाह ने चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस से भी मुलाक़ात की थी जिनसे उनकी बिल्कुल नहीं बनती। इन दोनों मुलाकातों का विश्लेषण यह किया जा रहा है कि दरअसल अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी चिराग पासवान को पशुपति कुमार पारस से संतुलित करना चाहते हैं। इस बात को समझने के लिए थोड़ा और पीछे चलना होगा और याद करना होगा कि कैसे रामविलास पासवान की मौत के बाद भारतीय जनता पार्टी ने पशुपति कुमार पारस वाले लोजपा गुट को प्राथमिकता दी और उन्हें मंत्री भी बनाया। चार साल तक चिराग पासवान उपेक्षित रहे लेकिन जब लोकसभा चुनाव 2024 का समय आया तो भाजपा ने पशुपति कुमार पारस को किनारे कर चिराग पासवान से समझौता किया और इसमें भाजपा और चिराग पासवान दोनों को फायदा हुआ। फिर चिराग पासवान मंत्री बने लेकिन कुछ महीनों के बाद चिराग पासवान ने कुछ ऐसे बयान दिए जिससे भाजपा से असहति साफ़ जाहिर होती है। लैटरल एंट्री के मुद्दे पर चिराग पासवान की राय भाजपा से बिल्कुल अलग सामने आई। अनुसूचित जाति में क्रीमी लेयर के बारे में भी और सब कैटेगरी के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी चिराग पासवान की राय अलग थी। चिराग पासवान ने इसके लिए किए गए भारत बंद का भी समर्थन किया। जो बात चौंकाने वाले सामने आई वह यह थी कि उन्होंने वक़्फ़ संशोधन बिल का विरोध तो नहीं किया लेकिन इस मुद्दे पर भी भारतीय जनता पार्टी की राय से अलग राय रखी। इन हालात में चिराग पासवान के बारे में यह कहा जाने लगा कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और भारतीय जनता पार्टी में दूरी बढ़ रही है। अब चिराग पासवान ने अमित शाह से मुलाकात कर हालात को कुछ संभालने की कोशिश की है लेकिन एक और खबर ऐसी आई जिससे चिराग पासवान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। खुद को भाजपा से जुड़ा बताने वाले एक व्यक्ति ने चिराग पासवान के खिलाफ चुनाव आयोग और अदालतों में यह अर्जी दी है कि चिराग ने अपने शपथ पत्र में कई जानकारी छिपाई है। उदाहरण के लिए यह कहा गया कि चिराग ने अपने पैतृक गांव खगड़िया के शहरबन्नी की 80 एकड़ जमीन के बारे में अपने चुनावी हलफनामे में कोई जानकारी नहीं दी जिससे उनकी सदस्यता खतरे में पड़ सकती है। इसके बाद ऐसे आरोप लगने लगे कि भारतीय जनता पार्टी ने चिराग पासवान को सबक सिखाने के लिए यह केस दर्ज करवाया है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने औपचारिक रूप से कहा है कि उस व्यक्ति का संबंध भाजपा से नहीं है और वह पूरी तरह चिराग पासवान के साथ है। राजनीति में ऊपरी तौर पर जो बात कही जाती है वह जरूरी नहीं की असल में भी वैसे ही हो। ऐसे में अगर रामविलास पासवान की विरासत संभालने वाले चिराग पासवान के साथ कोई राजनीतिक खेल हो जाए तो शायद ही किसी को ताज्जुब हो।

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