छपी-अनछपीः बिहार में भाजपा की योजना से गायब हुए नीतीश, अररिया में आईएसआईएस कनेक्शन?

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। पूरे धूम-धड़ाके से दो दिनों तक चली भाजपा के मोर्चों की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इस ऐलान के साथ खत्म हुई कि भाजपा 2024 और 25 का चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लड़ेगी। हर चुनाव से पहले बिहार में एनडीए का चेहरा नीतीश कुमार होते रहे हैं लेकिन ऐसा लगता है कि पहली बार इस योजना से वे गायब कर दिये गये हैं। कहने को दोनों दल यह कह सकते हैं कि यह तो भाजपा का कार्यक्रम था।
इधर, फुलवारीशरीफ मंे कथित देश विरोधी गतिविधियों के मामले की जांच एनआईए के अपने हाथों में लेने का मामला शांत भी नहीं हुआ कि अब अररिया में एनआईए की कार्रवाई की खबर आयी है जहां आईएसआईएस का कनेक्शन ढूंढ़ने की बात अखबार कर रहे हैं। जागरण और भास्कर में यह खबर प्रमुखता से छपी है।
प्रभात खबर में सबसे बड़ी खबर हैः भाजपा 2024 व 25 का चुनाव नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लड़ेगी, मोदी ही बनेंगे पीएमः शाह। हिन्दुस्तान ने लिखा हैः भाजपा 2024 में अभी से ज्यादा सीटें जीतेंगीः शाह। इसी तरह भास्कर की सुर्खी हैः अगला लोकसभा और विधानसभा चुनाव मोदी के नेतृत्व में ही लड़ेंगे। जागरण ने इस खबर में पार्टी के एक पदाधिकारी के हवाले से यह लिखा है कि भाजपा ने बिहार में फिर जताया सीएम नीतीश कुमार पर भरोसा। हालांकि यह भरोसा अमित शाह की ओर से नहीं जताया गया है।
आज की दूसरी सबसे बड़ी खबर बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर फिरोज आलम के खिलाफ आमदनी से अधिक संपत्ति के मामले में पटना और दिल्ली स्थित पांच ठिकानों पर छापेमारी की गयी है। उनकी कुल कीमत 2 करोड़ 61 लाख बतायी गयी है जो ज्ञात स्रोत से 91 प्रतिशत अधिक है। वे इस समय बिहार सदन, दिल्ली में बतौर रेेजिडंेट इंजीनियर तैनात हैं। पटना में समनपुरा स्थित उनके भाई के घर पर भी छापेमारी की गयी है। झारखंड के पलामू जिले के हरिहरगंज निवासी फिरोज ने 1991 में बतौर जूनियर इंजीनियर नौकरी शुरू की थी।
भाजपा की पूर्व सहयोगी और अभी छत्तीस के आंकड़े के साथ चल रही शिव सेना के एक महत्वपूर्ण नेता संजय राउत को ईडी द्वारा हिरासत में लेने की खबर भी प्रमुखता से छपी है।
जामताड़ा से कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी समेत जो तीन विधायक बंगाल में लाखों रुपयों के साथ पकड़े गये थे, उन्हें कांग्रेस ने पार्टी से छह साल के लिए निलंबित कर दिया है। यह खबर सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी है। इसमें असम के मुख्यमंत्री हेमंत विस्वा सरमा का नाम भी शामिल हो गया है। उन पर आरोप लगा है कि वे झारखंड में आॅपरेशन लोटस के तहत कांग्रेस के विधायकों की खरीद-फरोख्त का काम संचालित कर रहे थे। दूसरी ओर श्री सरमा का कहना है कि वे 22 साल कांग्रेस मंे रहे हैं, इसलिए पुराने कांग्रेस नेताओं से उनका संपर्क रहता है।
अनछपीः पटना में आयोजित भाजपा का दो दिवसीय कार्यक्रम पक्ष और विपक्ष दोनों के नेताओं के लिए खतरे की बहुत तेज घंटी है मगर शायद वे इसे सुन नहीं पा रहे हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री ने 2024 में अभी से ज्यादा सीटें जीतने की बात कही है। आज के संदर्भ में देखा जाए तो इसका सीधा मतलब जदयू और स्वर्गीय रामविलास पासवान की तत्कालीन लोजपा के नेताओं के लिए यह साफ संकेत है क्योंकि बिहार की 40 लोकसभा सीटों में सिर्फ एक-किशनगंज में विपक्षी कांग्रेस पार्टी जीती थी। अब 39 सीटों में भी भाजपा को अधिक सीटें जीतने का मतलब इन दोनों दलों के लिए खतरा है। दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष, तेजस्वी यादव के लिए यह सही मौका है कि वे क्षेत्रीय दलों पर भाजपाा के हमले के जवाब में जदयू से गठबंधन बनाने के प्रयास तेज कर दें क्योंकि जदयू की भाजपा से असहजता अब कोई छिपी हुई बात नहीं है।

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