छपी-अनछपी: दिल्ली में राजनीतिक अखाड़ा जोड़ने पहुंचे नीतीश, मुस्लिमों की हालत पर अमेरिका में क्या बोलीं मंत्री

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। विपक्ष की एकता पर राजनीति का अखाड़ा जोड़ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली पहुंचे हैं जिसके बारे में सभी अखबारों ने पहले पेज पर खबर दी है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुसलमानों की भारत में स्थिति पर अमेरिका में बयान दिया है जिसे किसी ने पहले तो किसी ने अंदर के पेज पर जगह दी है। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से ईडी की पूछताछ की खबर पहले पन्ने पर है। बिहार के स्कूलों में 50,000 से अधिक नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति की भी खबर प्रमुखता से छपी है।

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: विपक्षी एकता की मुहिम को बल देने दिल्ली पहुंचे नीतीश। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार की शाम तीन दिवसीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचे। माना जा रहा है कि सात माह बाद उनके दिल्ली जाने से विपक्षी एकता की मुहिम को मजबूती मिलेगी। जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार अपने इस दौरे के दौरान कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं से बात करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि सीएम के दौरे के बाद वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकजुटता की पहल पर कोई सहमति बन सकती है। सीएम के साथ जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और जल संसाधन मंत्री संजय झा भी दिल्ली गये हैं। दिल्ली पहुंचने पर एयरपोर्ट से मुख्यमंत्री सीधे राजद प्रमुख लालू प्रसाद से मिलने सांसद मीसा भारती के आवास पर पहुंचे।

हिंसा और मुस्लिम आबादी

जागरण ने पहले पेज पर निर्मला सीतारमण का बयान दिया है: मुस्लिमों की स्थिति खराब होती तो नहीं बढ़ती आबादी। हिन्दुस्तान ने अंदर यह सुर्खी दी है: मुस्लिम भी कर रहे तरक्की: सीतारमण। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि भारत में मुस्लिम भी तरक्की कर रहे हैं। अल्पसंख्यकों के मुद्दों को लेकर देश को दोष देने वाले लोगों को जमीनी हकीकत के बारे में कोई जानकारी नहीं है। भारत में मुस्लिमों की स्थिति को लेकर पूछे गए प्रश्नों के जवाब में सीतारमण ने यह बात कही। पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स के अध्यक्ष एडम एस पोसेन के सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा, भारत में मुस्लिम जनसंख्या में बढ़ोतरी हुई है। यह धारणा केवल भ्रम है कि भारत में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा हो रही है। केंद्रीय मंत्री ने भारत में मुस्लिमों की स्थिति को लेकर पश्चिमी देशों की मीडिया रिपोर्टों पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, जैसा ज्यादातर लेखों में दावा किया गया है कि मुसलमानों की जिंदगी को मुश्किल बना दिया गया है, अगर इसमें सच्चाई होती तो क्या 1947 के बाद से मुस्लिम आबादी में इजाफा होता।

तेजस्वी से पूछताछ

जागरण की सबसे बड़ी खबर है तेजस्वी यादव से ईडी ने की लगभग 9 घंटे तक पूछताछ। यह खबर बाक़ी जगह भी पहले पेज पर है। नौकरी के बदले जमीन मामले में ईडी ने मंगलवार को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से करीब 9 घंटे तक पूछताछ की। ईडी ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया था। तेजस्वी यादव करीब दिन में 10.45 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे और रात करीब नौ बजे वहां से निकले। इस दौरान उन्हें एक घंटे का ब्रेक मिला था।

50 हज़ार की बहाली

प्रभात खबर की पहली खबर है: सूबे के स्कूलों में 50 हजार से अधिक नन टीचिंग स्टाफ की होगी नियुक्ति। अखबार लिखता है कि प्रदेश के 9360 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में 50,000 से अधिक गैर शैक्षणिक और तकनीकी कर्मचारियों की भी नियुक्ति होनी है। इसके लिए पद सृजित किए जा रहे हैं। मंजूरी के लिए प्रस्ताव शिक्षा विभाग ने तैयार किए हैं। सर्वाधिक 28 हजार से अधिक रिक्तियां प्रयोगशाला सहायकों की होगी। लाइब्रेरियन के 7519 पद भी रिक्त हैं।

तबादले

भास्कर की सबसे बड़ी सुर्खी है: 34 अनुमंडलों में नए एसडीओ और 22 में डीएसपी इन में 2 आईएएस व तीन आईपीएस भी। आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के तबादले के दो दिन बाद ही राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर एसडीओ, डीएसपी, एसडीपीओ रैंक के अधिकारियों के भी तबादले किए हैं। सामान्य प्रशासन और गृह विभाग ने इसकी अलग-अलग अधिसूचना जारी कर दी है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार बिहार प्रशासनिक सेवा के उप सचिव और अपर समाहर्ता स्तर के अधिकारियों के तबादले हुए हैं।

सीवरेज में मौत

जागरण ने यह खबर पहले पेज पर दी है: राम कृष्णा नगर में सफाई करने 15 फीट गहरे चेंबर में उतरे दो श्रमिकों की मौत। रामकृष्णा नगर थाने के जकरियापुर में सफाई के लिए सीवरेज में उतरे दो मजदूरों की मौत दम घुटने से हो गई। मरने वाले मजदूर 24 वर्षीय रंजन रविदास नंदलाल छपरा निवासी था। वहीं दूसरा 23 वर्षीय मजदूर मुन्ना रजक सुल्तानगंज थाने के पीछे का रहने वाला था। सीवरेज की गहराई 15 से 20 फीट बतायी जाती है। घटना की सूचना पर रामकृष्ण नगर की पुलिस पहुंची और मामले की छानबीन की। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जकरियापुर में नमामि गंगे के अधीन कार्यरत मजदूर रंजन रविदास पहले सफाई के लिए सीवरेज में उतरा। कुछ देर तक अंदर से कोई आवाज नहीं आने पर दूसरा मजदूर मुन्ना कुमार उसे देखने के लिए उतरा। वह भी नहीं निकला। दोनों को निकालने के लिए अन्य मजदूर उतरे और रस्सी के सहारे बांध कर बाहर निकाला। इसके बाद अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने दोनों मजदूरों को मृत घोषित कर दिया।

कुछ और सुर्खियां

  • मनीष कश्यप की याचिका पर तमिलनाडु व बिहार को नोटिस
  • कर्नाटक में भाजपा ने काटे आधा दर्जन विधायकों के टिकट
  • सेवानिवृत्ति के 1 दिन पहले भी वेतन वृद्धि का हक: सुप्रीम कोर्ट
  • चेतावनी दरकिनार कर सचिन पायलट का अनशन, ना पार्टी फ्लैग, हाईकमान की फोटो
  • शिक्षक बहाली की नई नियमावली पर सवाल, मोदी के साथ कांग्रेस को भी आपत्ति
  • सेंट माइकल स्कूल के 2 बच्चों का स्कूल पहुंचाने वाले ऑटो चालक ने ही कर लिया अपहरण, बच्चों की बहादुरी से हुआ गिरफ्तार
  • आईआईटी व आईआईएम ज़ैसे संस्थानों के स्टूडेंट को 10 लाख रुपये तक का लोन
  • दीघा में जिस ट्रक चालक का हो गया अंतिम संस्कार, हत्या मानकर पूर्व मुखिया व उनके दो भाइयों पर हुई प्राथमिकी, वह जिंदा लौटा

 

अनछपी: भारत में मुसलमानों की स्थिति पर केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण का दिया गया बयान न सिर्फ कुतर्क है बल्कि खतरनाक भी है। कुतर्क इसलिए कि आए दिन हिंसा की घटनाओं की खबर छपती रहती है और बहुत सी खबरें तो छप भी नहीं पातीं। खतरनाक इसलिए कि उन्होंने हिंसा को आबादी से जोड़ा है तो क्या वह जरूरी है कि हिंसा हो तो आबादी बड़े पैमाने पर घट ही जाए? ऐसा तो सिर्फ उस परिस्थिति में होता है जब कहीं व्यापक पैमाने पर नरसंहार हो। निर्मला सीतारमण से यह पूछा जाना चाहिए कि मुसलमानों की आबादी का कितना हिस्सा हिंसा का शिकार हो जाए तो वह मानेंगीं कि हां, उनके साथ हिंसा हो रही है। उनसे यह भी पूछा जाना चाहिए कि मुसलमानों की आबादी कितनी घट जाए तो वह मानेंगीं की हिंसा हो रही है। यह हिंसा छिटपुट या स्वतः स्फूर्त नहीं है। हाल ही में रामनवमी हिंसा को सरकारें कह रहीं कि यह पूर्व नियोजित हिंसा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस हिंसा को कहा था कि यह नेचुरल नहीं है। मॉब लिंचिंग के इतने मामले के बावजूद यह कहना कि हिंसा नहीं हो रही, सच्चाई से मुंह फेरना है। बात सिर्फ मारकाट की नहीं है बल्कि सोचने की बात यह है कि समाज में उनके साथ कैसा व्यवहार हो रहा है, उनकी शिक्षा-दीक्षा के लिए क्या व्यवस्था हो रही है, उनकी सांस्कृतिक पहचानों पर कैसे हमले हो रहे हैं। मुसलमानों को बड़े पैमाने पर यूएपीए लगाकर बेकसूर जेल में डालने की शिकायत भी मिलती रही है। एक ओर निर्मला सीतारमण हैं तो दूसरी और मौलाना महमूद मदनी है जो कहते हैं कि भारत में मुसलमानों के साथ हिंसा तो हो रही है लेकिन यही उनके लिए सबसे अच्छी जगह भी है। भारत मुसलमानों के लिए सबसे अच्छी जगह हो या ना हो लेकिन पहले इस बात को स्वीकार करना होगा कि उनके साथ हिंसा और ज्यादती हो रही है।

 

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