छपी-अनछपी: नीतीश फिर बोले “मरना कबूल है” लेकिन… अदानी समूह को दिए कर्ज पर बैंक सतर्क

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर यह बात दोहराई है कि उन्हें मरना कबूल है लेकिन भाजपा के साथ जाना नहीं। यह बयान सभी अखबारों में प्रमुखता से लिया गया है। अदानी समूह को दिए कर्ज पर बैंकों को भी अब चिंता सताने लगी है जिसकी दबी सी खबर नजर आई है। उधर पाकिस्तान में आत्मघाती हमले में 61 लोगों की जान जाने की खबर भी प्रमुखता से ली गई है।

हिन्दुस्तान और जागरण की सबसे बड़ी खबर है: मुझे मरना कबूल है भाजपा के साथ जाना नहीं: नीतीश। भास्कर ने भी इस खबर को पहले पेज पर जगह दी है: नीतीश ने कहा- हमें मर जाना कबूल है लेकिन अब भाजपा के साथ जाना किसी कीमत पर कबूल नहीं। नीतीश कुमार ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह अच्छी तरह से जान और समझ लीजिए। भाजपा की कार्यसमिति के बाद पार्टी के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े ने रविवार को कहा था कि अब कभी भी नीतीश कुमार से गठबंधन नहीं होगा। तब, मुख्यमंत्री ने इस पर संक्षिप्त प्रतिक्रिया दी थी कि उनका भाजपा से कोई वास्ता नहीं है। पर, सोमवार को उन्होंने खुलकर भाजपा पर पलटवार किया। नीतीश कुमार ने कहा कि उनलोगों के साथ जाने का सवाल ही नहीं है। भाजपा से गठबंधन के सवाल पर कहा कि हमलोग तो श्रद्घेय अटल जी को मानने वाले हैं। हमलोग उनके साथ थे, वे कितने अच्छे थे। उसके बाद हमलोगों ने भाजपा से नाता तोड़ लिया था। ये लोग बाद में पीछे पड़कर वर्ष 2017 में हमारे साथ आए। वर्ष 2020 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने हमलोगों के साथ बहुत गलत किया।

अदानी को दिए क़र्ज़ पर बैंक सतर्क

जागरण के आर्थिक पन्ने पर खबर है: अदानी समूह को दिए कर्ज पर बैंक हुए सतर्क। अखबार लिखता है कि अडानी समूह में भारी भरकम राशि लगाने वाली सरकारी क्षेत्र के बैंकों दूसरे वित्तीय संस्थान पूरी तरह से सतर्क हैं और हिंडोन बैग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद मची उथल-पुथल पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। वैसे अभी तक किसी भी वित्तीय संस्थान ने नहीं कहा है कि वह समूह से अपने पैसे वापस लेने पर विचार कर रहा है। पंजाब नेशनल बैंक ने सोमवार को कहा है कि उसने सात हजार करोड़ रूपए की राशि सीधे तौर पर अदानी समूह की कंपनियों में लगाया हुआ है और हालात पर नजर बनाए हुए हैं। अदानी समूह में एलआईसी ने 36474 रुपये करोड़ का निवेश कर रखा है।

पाकिस्तान में सुसाइड अटैक

जागरण के पहले पेज पर खबर है: पाकिस्तान की मस्जिद में आत्मघाती विस्फोट 61 मरे, 150 घायल। हिन्दुस्तान के देश दुनिया पेज की सबसे बड़ी खबर भी यही है। अखबारों के अनुसार पाकिस्तान का पेशावर शहर सोमवार को आत्मघाती बम विस्फोट से दहल उठा। पुलिस लाइन स्थित शिया मस्जिद में हमलावर ने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया। घटना में 61 लोगों की मौत हो गई और डेढ़ सौ से अधिक घायल हो गए। हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने ली है। सुरक्षा और स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के शहर के उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र की मस्जिद में दोपहर की नमाज अदा की जा रही थी तभी अगली कतार में बैठे फिदाई ने विस्फोट कर दिया।

राहुल गांधी ने घाटी को घर कहा

हिन्दुस्तान ने पहले पेज पर खबर दी है: राहुल गांधी ने घाटी को घर कहा, भाजपा ने घेरा। अख़बार के अनुसार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को भारत जोड़ो यात्रा के समापन पर कश्मीर को अपना घर बताया। उन्होंने कहा कि वर्षों पहले हमारे रिश्तेदार कश्मीर से इलाहाबाद आए थे। आज मैं अपने घर लौटा हूं। जबरदस्त बर्फबारी के बीच राहुल गांधी ने शेरे कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में जनसभा को संबोधित करते हुए यह बातें कही थी। इस पर भाजपा ने उन्हें कहते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 निरस्त करने के बाद कांग्रेस नेता लाल चौक पर तिरंगा फहरा सके। कई लोगों ने भाजपा को याद दिलाया है कि जब मुरली मनोहर जोशी और अभी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल चौक पर झंडा फहराया था तो उस समय कांग्रेस का शासन था अनुच्छेद 370 भी मौजूद था।

बासा के बाद अब अवर निबंधक संघ

बिहार एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस एसोसिएशन यानी बासा का रजिस्ट्रेशन कैंसिल किए जाने के बाद अब बिहार अवर निबंधक संघ का भी निबंधन रद्द करने की खबर आई है। जागरण ने लिखा है कि दस्तावेज का निबंधन करने वाले अवर निबंधकों के संगठन का ही निबंधन रद्द कर दिया गया है। यह कार्रवाई खुद अवर निबंधकों के ही विभाग मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने की है। सरकारी कामकाज में बाधा बनने पर निबंध को कि सरकारी निर्णय के विरुद्ध उकसाने को लेकर विभागीय कार्रवाई की है। मामला छठ के समय निबंधन कार्यालय खोले जाने के विवाद से जुड़ा है। उस समय संगठन की अपील पर अवर निबंधक काली पट्टी बांधकर सरकारी बैठक में शामिल हुए थे। इधर ‘बासा’ का कहना है कि सहायक निबंधन महानिरीक्षक मामले में सुनवाई कर आदेश पारित करने के लिए सक्षम प्राधिकार नहीं है। उनकी इस कार्रवाई का संघ प्रतिकार करते हुए उचित कानूनी फोरम में विरोध करेगा।

चीन की घुसपैठ पर चर्चा नहीं

जागरण ने पहले पेज पर खबर दी है: चीनी घुसपैठ पर संसद में नहीं होगी चर्चा, बाकी मुद्दों पर चर्चा को तैयार। अखबार ने लिखा है कि आज यानी मंगलवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दौरान चीनी घुसपैठ पर संसद में कोई चर्चा नहीं होगी। सरकार की ओर से इस आशय के स्पष्ट संकेतों के बीच विपक्षी अदानी समेत विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। सरकार का कहना है कि सदन में चीनी घुसपैठ पर चर्चा नहीं होगी क्योंकि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा मसला है। यह मांग बहुजन समाज पार्टी की ओर से उठाई गई थी।

कुछ और सुर्खियां

  • 3 दिन में 5.5 लाख करोड़ घटी अदानी समूह की वैल्यू
  • फ्रॉड को राष्ट्रवाद से बचाने की कोशिश न करे अदानी समूह: हिंडनबर्ग रिसर्च
  • इंटर परीक्षा कल से, 13 लाख परीक्षार्थी
  • आसाराम सूरत दुष्कर्म केस में दोषी करार
  • आरा में रिटायर्ड प्रोफेसर दंपति की हत्या
  • बिहार में 5 साल में बने 77.47 लाख आयुष्मान कार्ड
  • नवादा में साधु के वेश में ठगी करने वाले यूपी के पांच मुस्लिम युवक गिरफ्तार
  • गोरखनाथ मंदिर हमले में मुर्तजा को फांसी की सजा
  • अजमेर दरगाह में भिड़े खादिम और बरेलवी, मारपीट के बाद मची भगदड़
  • श्री रामचरितमानस की प्रतियां जलाने में स्वामी प्रसाद पर केस
  • एक दशक में बिहार में बिजली क्षेत्र में 474% वृद्धि दर्ज की

अनछपी: बिहार एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस एसोसिएशन और बिहार डिप्टी रजिस्ट्रार एसोसिएशन का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाना प्रशासन के दो स्तरों के बीच जारी जंग का बहुत बुरा संकेत है। प्रशासन का एक स्तर तो वह है जो यूपीएससी का इम्तिहान पास कर भारतीय सिविल सेवा के अधिकारियों से बना होता है और दूसरा राज्य स्तरीय परीक्षा पास कर बने राज्य के अवसरों का होता है। आशा के बाद अवर निबंधकों संघ का निबंधन रद्द करना पिछले साल छठ के उस घटना से संबंधित बताया गया है जब उन्हें उस दिन भी रजिस्ट्री के लिए ऑफिस खोलने को कहा गया था। इस आदेश का विरोध करने में संघ के अधिकारियों ने कथित रूप से अनुशासनहीनता की थी और छठ से पहले हुई एक बैठक में काली पट्टी लगाई थी। तब सरकार ने छठ पर रजिस्ट्री के आदेश को वापस ले लिया था लेकिन लगता है कि यह बात भारतीय सिविल सेवा के अधिकारियों को बहुत बुरी लग गई। बिहार में यह बात आम है कि जब किसी से खुन्नस निकालना हो तो उसकी छोटी-छोटी गलतियों पर कानून लागू किया जाना शुरू किया जाता है। ‘बासा’ के अधिकारी भी बीच-बीच में ऐसे बयान देते हैं जिसे आईएएस एसोसिएशन के लोग अपना अपमान मानते हैं। यह बात भी सही है कि हर स्तर के अफसर अपने अधिकारियों की कमियों पर उनकी आलोचना करने के बजाय उनका समर्थन करने लगते हैं। संघ के नाम पर काम बंद भी कर दिया जाता है। बिहार कृषि सेवा संघ के अधिकारियों ने ऐसा पिछले साल किया था। भारतीय सिविल सेवा के अधिकारियों को इसकी जरूरत नहीं पड़ती या कम ही पड़ती है इसलिए उनके बारे में ऐसा नहीं देखा जाता है। हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णय्या हत्याकांड में जेल में बंद राजनेता आनंद मोहन के रिहाई की बात की थी। इसके बावजूद आईएएस एसोसिएशन ने अब तक चुप्पी साध रखी है।

 

 

 

 

 

 

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