छ्पी-अनछपी: राहुल का वार- कुर्सी बचाओ बजट, नीट यूजी दोबारा कराने की मांग रद्द

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। केंद्र सरकार के आम बजट को विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कुर्सी बचाओ बजट करार दिया है। इस बार बजट में 48.21 लाख करोड़ रुपये की रकम रखी गई है। बजट में बिहार को लगभग 59 हज़ार करोड़ की योजनाएं दी गई हैं। बजट में आंध्र प्रदेश का भी खास ख्याल रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी दोबारा आयोजित करने का आदेश देने से इनकार कर दिया है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने पर विपक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफ़े की मांग की है।

हिन्दुस्तान के अनुसार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश कर आयकर मोर्चे पर मध्य वर्ग और नौकरी पेशा लोगों को राहत दी। वहीं अगले 5 साल में रोजगार के लिए दो लाख करोड रुपए के आवंटन की भी घोषणा की। चालू वित्त वर्ष में कुल खर्च 48.21 लाख करोड़ रुपए का होगा। वित्त मंत्री ने सट्टा रोड एनडीए में शामिल सहयोगी दलों जदयू और तेलुगु देशम पार्टी के शासन वाले बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए बजट में अच्छा आवंटन किया। बजट में बिहार को करीब 59000 करोड रुपए की परियोजनाओं का प्रस्ताव है वहीं आंध्र प्रदेश को 15000 करोड़ रुपए मिले हैं। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और आंध्र प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए पूर्वोदय योजना की भी घोषणा की गई है।

बिहार को क्या मिला

विशेष दर्जा या विशेष पैकेज की चाहत रखने वाले बिहार पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे और बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे के निर्माण की घोषणा की। साथ ही बोधगया-राजगीर-वैशाली-दरभंगा हाईवे का भी प्रावधान किया गया है। केन्द्र सरकार बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन का एक और पुल बनाएगी। इन सड़क और पुल परियोजनाओं पर 26 हजार करोड़ खर्च होंगे। त्वरित सिंचाई कार्यक्रम के तहत बिहार सरकार को विभिन्न परियोजनाओं के लिए 11 हजार 500 करोड़ की मदद दी जाएगी। इसके तहत कोसी-मेची लिंक परियोजना और पूर्व से जारी 20 योजनाओं का क्रियान्वयन होगा। साथ ही बराज निर्माण और नदियों को प्रदूषण मुक्त करने जैसे कार्य होंगे। उम्मीद की जाती है कि इससे बिहार में बाढ़ नियंत्रण में मदद मिलेगी। बजट के अनुसार भागलपुर के पीरपैंती में 2400 मेगावाट का नया पावर प्लांट बनेगा। इसमें 800-800 मेगावाट की तीन यूनिटें होंगी। इसके लिए जमीन का अधिग्रहण पहले की किया जा चुका है।

कुर्सी बचाओ बजट: राहुल

विपक्ष के नेता और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सांसद राहुल गांधी ने बजट के बारे में कहा कि सरकार ने कुर्सी बचाओ बजट पेश किया है। उन्होंने कहा कि सहयोगी दलों को खुश करने के लिए दूसरे राज्यों की कीमत पर खोखले वादे किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आम बजट बेहतर विकास और सुनहरे भविष्य के साथ रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर लाया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वह केंद्रीय बजट से खुश हैं। उन्होंने कहा, “विशेष राज्य का दर्जा बंद कर दिया गया है तो सहायता और विकास के लिए मदद होनी चाहिए वह हो रही है।” बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि आम बजट ने बिहार के लोगों को फिर से निराश किया है। “बिहार को प्रगति पथ पर ले जाने के लिए विशेष राज्य के दर्जे के साथ विशेष पैकेज की सख्त जरूरत है। रूटीन आवंटन तथा पूर्व स्वीकृत योजनाओं को नई सौगात बताने वाले बिहार का अपमान ना करें।”

बजट में और क्या है?

  • नए टैक्स स्लैब में 7 लाख तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं, इसके अलावा ₹75000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन
  • 21 से 24 साल तक के 20 लाख बेरोजगारों को हर साल ₹5000 प्रति माह की इंटर्नशिप मिलेगी
  • देश में उच्च शिक्षा पर 10 लाख तक के लोन पर 3% ब्याज सरकार देगी
  • शेयर में शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स 5% और लॉन्ग टर्म ढाई प्रतिशत बढ़ा
  • रक्षा मंत्रालय को 6.22 लाख करोड़ का आवंटन, कुल बजट का 12.9%
  • गृह मंत्रालय को मिले 2.19 लाख करोड़ रुपए
  • सोने चांदी के आयात पर सीमा शुल्क 15% से घटाकर 6% किया गया
  • मुद्रा स्कीम में कर्ज की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लख रुपये की गई

नीट यूजी फिर से नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दोबारा नीट कराने का आदेश देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि पेपर लीक हुआ, लेकिन इसके साक्ष्य नहीं है कि इसका दायरा व्यापक था। वहीं, परीक्षा में परमाणु से संबंधित एक सवाल के सही जवाब को लेकर आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट स्वीकार करते हुए अदालत ने संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश दिए। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि रिकॉर्ड में मौजूद आंकड़े पेपर के संगठित तौर पर लीक होने का संकेत नहीं देते। ऐसे में दोबारा नीट का आदेश देना उचित नहीं होगा। शीर्ष अदालत ने पेपर लीक और अनियमितता के आरोप में नीट-यूजी दोबारा आयोजित कराने की मांग को लेकर दाखिल करीब 40 याचिकाओं पर यह फैसला दिया है।

नीतीश कुमार इस्तीफा दें: विपक्ष

भास्कर के अनुसार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा के मसले पर विधान मंडल के दोनों सदनों में हुए जोरदार हंगामे के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक दूसरे को खूब कोसा, बिहार विरोधी बताया। विधानसभा के वेल में आकर हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों को कहना था कि अपने राजनीतिक स्वार्थ के चक्कर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार और यहां की जनता के साथ विश्वासघात किया। विपक्ष के अनुसार वह विशेष राज्य के दर्जे की मांग से पीछे हटे इसलिए उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। विपक्षी सदस्य बार-बार कह रहे थे, “इसी विधान मंडल के दोनों सदनों से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित हुआ था, उसका क्या हुआ?” हंगामा के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई। विधानसभा की पहली पाली आधा घंटा ही चली। इस दौरान भी हंगामा हुआ। विधानसभा व विधान परिषद- दोनों सदनों में विपक्ष के सदस्यों ने वाकआउट किया

कुछ और सुर्खियां

  • बिहार में मेयर और उपमेयर के खिलाफ नहीं लाया जा सकेगा अविश्वास प्रस्ताव
  • यूएन की रिपोर्ट, दुनिया में 3.99 करोड़ लोग एचआईवी संक्रमित
  • दीघा-एम्स एलिवेटेड रोड पर तेज रफ्तार दो बाइक के टकराने से तीन युवकों की मौत
  • इथियोपिया में भूस्खलन से 157 लोगों की जान गई
  • बिहार के मेडिकल कॉलेजों में 1339 सहायक प्रोफेसरों के लिए प्रकाशित विज्ञापन स्थगित
  • बांग्लादेश में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आंदोलन थमा, 180 लोगों की मौत

अनछपी: मोदी सरकार के ग्यारहवें बजट में बिहार के लिए की गई घोषणाओं की बहुत चर्चा है लेकिन इसके साथ लगभग यह भी तय हो रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर हार मान चुके हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस तरह इस बजट का स्वागत किया और कहा कि इसमें बिहार के लिए अच्छी व्यवस्था की गई है, वह यह बात दर्शाने के लिए काफी है कि अब उनकी मांग की लिस्ट में विशेष राज्य का दर्जा हट चुका है। बजट के बाद आमतौर पर सरकार उसकी तारीफ करती है और विपक्ष इसकी आलोचना करता है। राहुल गांधी ने इस कुर्सी बचाओ बजट कहकर यह बताना चाहा है कि इस बजट में कुछ राज्यों की हकमारी हुई और उसके बदले उन राज्यों को प्राथमिकता दी गई जो उसके लिए राजनीतिक रूप से जरूरी थे। यह बात तो सबको पता है कि भारतीय जनता पार्टी की यह सरकार जनता दल यूनाइटेड के 12 और तेलुगू देशम पार्टी के 16 सांसदों पर पूरी तरह निर्भर है। ऐसे में इन दोनों राज्यों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करना केंद्र सरकार की मजबूरी थी। अगर सरकार मजबूत होती, मजबूर नहीं, तो इसकी जरूरत नहीं पड़ती। बहरहाल अब तो इसके लिए जो घोषणा की जानी थी वह हो चुकी। अब इन घोषणाओं पर चर्चा जरूरी है और यह देखना होगा कि इन पर कितना अमल होता है। बिहार में बाढ़ नियंत्रण के लिए 11 हज़ार 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है लेकिन फिर वही सवाल बनता है कि क्या इससे बिहार की बाढ़ की समस्या हल होगी? पटना से पूर्णिया के लिए अब अच्छी सड़क बन चुकी है, इसके बावजूद पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे की घोषणा का क्या मतलब है, यह समझना मुश्किल है। शायद बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे बिहार के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। इस बजट के बारे में बहुत चर्चा है कि इसमें रोजगार की व्यवस्था की गई है लेकिन वास्तविकता यह है कि सरकारी नौकरियों के बारे में कोई ऐलान नहीं हुआ है और यह वही काम चलाऊ स्वरोजगार की बात है। आम आदमी के लिहाज से देखा जाए तो ना महंगाई कम करने की घोषणा की गई है और ना ही रोजगार देने की। सरकार पढ़ाई के लिए कर्ज तो देना चाहती है लेकिन फीस में कोई कमी की घोषणा नहीं की जाती है। रेलगाड़िया में भीड़ का वही हाल है। सरकारी अस्पतालों में वही धक्कामुक्की है। सरकारी स्कूलों में वही अव्यवस्था है। सरकार को ऐसे मामलों पर ध्यान देना चाहिए।

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