छ्पी-अनछपी: रतन टाटा नहीं रहे, आरजेडी के पूर्व विधायक अरुण की 46 प्रॉपर्टी ज़ब्त

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। भारत के जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार की रात निधन हो गया। राजद के पूर्व विधायक अरुण यादव की 46 संपत्तियों को ईडी ने ज़ब्त कर लिया है। इसराइल ने लेबनान में हिज़्बुल्लाह के कमांड सेंटर पर हमला किया है जिसमें 50 लोगों की मौत हो गई। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से हरियाणा के चुनाव में ईवीएम के बारे में शिकायत दर्ज कराई है।

हिन्दुस्तान के अनुसार जाने-माने उद्योगपति और टाटा संस के मानद अध्यक्ष (चेयरमैन) रतन टाटा का बुधवार देर शाम ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। 86 वर्षीय टाटा पिछले कुछ समय से बीमार थे। उन्हें उम्र संबंधी परेशानियों के कारण गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था। रतन टाटा को रविवार रात ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोमवार को उनकी एंजियोग्राफी की गई। इसके बाद उनकी हृदय गति बढ़ गई और हालत बिगड़ने लगी। उन्हें लाइफ सपोर्ट पर रखा गया था। टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने रतन टाटा के निधन की पुष्टि की।

30 से ज़्यादा कंपनियों के मालिक रहे

रतन टाटा ने मार्च 1991 से दिसंबर 2012 तक नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक बनाने वाली कंपनी टाटा संस के अध्यक्ष के रूप में टाटा समूह का नेतृत्व किया। वह अपने परदादा द्वारा सौ साल से भी पहले स्थापित इस समूह को 2012 तक चलाते रहे। एक सम्मानित और अग्रणी उद्योगपति टाटा अपने परोपकारी कार्यों के लिए भी जाने जाते हैं। उनके पास 30 से ज्यादा कंपनियां थीं। उनकी कुल संपत्ति लगभग 3,800 करोड़ होने का अनुमान है। टाटा ट्रस्ट फ़ीसद आय का 66 शिक्षा, स्वास्थ्य आदि में योगदान करती है।

बचपन में मां-बाप अलग हो गए थे

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को नवल टाटा और सोनू टाटा के घर हुआ था। उनके एक भाई जिमी और एक सौतेले भाई नोएल टाटा हैं। जब रतन टाटा 10 साल के थे, तब उनके माता-पिता अलग हो गए। दोनों भाइयों का पालन-पोषण उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने किया। उनकी शुरुआती स्कूली शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल और जॉन कॉनन स्कूल में हुई। इसके बाद रतन टाटा ने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, यूएसए से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के साथ आर्किटेक्चर में डिग्री प्राप्त की। 1975 में उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एक उन्नत प्रबंधन कार्यक्रम पूरा किया।

अरुण यादव की प्रॉपर्टी ज़ब्त

जागरण की सबसे बड़ी खबर के अनुसार ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लालू प्रसाद के करीबी राजद के पूर्व विधायक अरुण यादव से जुड़ी 21 करोड़ 38 लाख की संपत्ति ज़ब्त कर ली है। यह संपत्तियां अरुण यादव के अलावा उनकी पत्नी वर्तमान संदेश विधायक किरण देवी, उनके दोनों बेटे और उनकी कंपनी के नाम पर ली गई है। इनमें 19.3 करोड़ की 46 अचल संपत्तियों और बैंक खाते में करीब 2 करोड़ 5 लाख रुपए की राशि शामिल है। अचल संपत्तियां भोजपुर जिले के अगियांव गांव और पटना के पॉश इलाके में है। ईडी ने यह कार्रवाई बालू के अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की है।

लेबनान पर इसराइली हमले में 50 की मौत

इसराइली सेना ने दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के अंडरग्राउंड सेंटरों पर ताबड़तोड़ एयर स्ट्राइक की और सैकड़ों मिसाइलें दागीं। इस हमले में इसराइल ने हिज़्बुल्लाह के 50 लोगों को मार दिया। भीषण हवाई हमले में हिज़्बुल्लाह के छठ टॉप कमांडर भी मारे गए। इनमें अहमद हसन नाजल भी शामिल हैं। उधर हिज्बुल्लाह ने भी इसराइल पर रॉकेट हमले तेज कर दिए हैं। इस बीच ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि ग़ज़ा में युद्ध में म्रने वाले फलस्तीनियों की संख्या 42000 से अधिक हो गई है जबकि घायलों की संख्या लगभग एक लाख है।

कांग्रेस ने चुनाव आयोग से ईवीएम की शिकायत की

हिन्दुस्तान की खबर है कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग से हरियाणा में 20 विधानसभा क्षेत्रों में ईवीएम को लेकर बुधवार को शिकायत की। सात विधानसभाओं की लिखित शिकायत दी है, 13 विधानसभाओं की लिखित शिकायत पार्टी दो दिन के भीतर देगी। कांग्रेस ने इन विधानसभाओं में ईवीएम को फौरन सील करने की मांग की है। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि हमने आयोग का ध्यान 99 फीसदी चार्ज ईवीएम मशीनों की तरफ दिलाया है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने कहा कि जो ईवीएम 99 फीसदी तक चार्ज थी, उन सभी ईवीएम में भाजपा की जीत हुई, जबकि जो ईवीएम 60-70 प्रतिशत चार्ज थी, उनमें कांग्रेस के वोट थे।

प्रोटीन डिजाइन बनाने वालों को केमिस्ट्री का नोबेल पुरस्कार

भास्कर के अनुसार इस साल केमिस्ट्री के क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी गई है। नोबेल कमेटी ने बताया कि 2024 का नोबेल डेविड बेकर, डेमिस हसाबिस और जॉन एम जंपर को देने का फैसला हुआ है। बेकर को कंप्यूटेशनल प्रोटीन डिजाइन बनाने के लिए और हसाबिस और जंपर को प्रोटीन स्ट्रक्चर की भविष्यवाणी के लिए यह पुरस्कार दिया जाएगा। बेकर ने 2003 में एक नया प्रोटीन डिजाइन तैयार किया था।

कुछ और सुर्खियां

  • बिहार में पैक्स चुनाव 26 नवंबर से 3 दिसंबर तक पांच चरणों में होंगे
  • उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के कुंडा सर्किल के तत्कालीन डीएसपी जिया उल हक हत्याकांड में 11 वर्ष बाद आया फैसला, 10 को उम्रक़ैद
  • पंचायती राज विभाग में चुनाव से पहले 15000 पदों पर बहाली होगी
  • दरभंगा से दिल्ली और मुंबई के लिए नई उड़ानें जल्द
  • यूपीआई लाइट से अब ₹1000 तक भेज पाएंगे

अनछपी: बिहार में शिक्षा का स्तर चाहे जितना नीचे हो, शिक्षा विभाग की खबरें कम नहीं होतीं। कुछ दिनों पहले ही स्कूल शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग की पॉलिसी की खबर आई। अब शिक्षकों के ड्रेस कोड और एक तरह से कल्चरल कोड के बारे में भी खबर आई है। खबर की सुर्खी यह है कि शिक्षकों को टी शर्ट और जींस में आने की अनुमति नहीं होगी। शिक्षा विभाग की नजर में यह इनफॉर्मल ड्रेस है और स्कूल शिक्षकों और कर्मियों फॉर्मल ड्रेस में ही स्कूल आना होगा। इसी से जुड़ी खबर में यह भी बताया गया है कि स्कूलों में डांस और म्यूजिक की अनुमति  विशेष दोनों को छोड़कर आम दिनों में नहीं होगी। लिबास के बारे में जारी यह नीति कई लोगों को जरूर से ज्यादा सख्त लग सकती है लेकिन शिक्षकों का व्यवहार भी कुछ इस तरह का रहा है कि उनके लिए नियम जारी करना जरूरी हो गया था। शिक्षा विभाग का मानना है कि स्कूलों में ऑफिस कल्चर होना जरूरी है और इसीलिए ड्रेस कोड होना भी जरूरी है। इस खबर में यह नहीं बताया गया कि फॉर्मल ड्रेस में किन-किन कपड़ों को शामिल किया गया है। उदाहरण के लिए धोती कुर्ता और कुर्ता पाजामा फॉर्मल ड्रेस में आएगा या इनफॉर्मल ड्रेस में, इस सवाल का जवाब मालूम नहीं हो सका है। इसी तरह महिला शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड क्या होगा इसकी जानकारी भी नहीं दी गई है। शिक्षा विभाग के सामने एक दूसरी समस्या यह थी कि रील्स बनाने के इस दौर में शिक्षक भी क्लासरूम का वीडियो बनाकर उसे इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर डाल देते थे जिसमें डांस वगैरह भी शामिल होता था। शिक्षा विभाग का यह कदम सही मालूम पड़ता है क्योंकि स्कूल कोई डांस करने की जगह नहीं है और अगर औपचारिक डांस क्लास ना हो तो इसकी जरूरत भी नहीं है। जहां तक औपचारिक डांस और म्यूजिक क्लास की बात है तो वह एक अलग माहौल में होता है लेकिन फिल्मी गानों पर शिक्षकों का डांस कर उसे यूट्यूब या इंस्टाग्राम पर डालना शिक्षा की गरिमा के खिलाफ मालूम होता है। इसके अलावा शिक्षकों के आचरण का असर छात्रों पर भी होता है और इसको लेकर शिक्षा विभाग की यह चिंता वाजिब है। बहरहाल उम्मीद की जानी चाहिए कि स्कूलों से पढ़ाई के बारे में भी खबरें आएंगी और शिक्षा विभाग ट्रांसफर पोस्टिंग और इस तरह के आदेश जारी करने के अलावा बाकी ज़रूरी काम भी देखेगा।

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