छपी-अनछपी: मंत्री का दावा- दंगा कराने की साज़िश नाकाम, अस्पतालों में मास्क हुआ ज़रूरी

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार के वरिष्ठ मंत्री विजय कुमार चौधरी ने दावा किया है कि बिहार शरीफ और सासाराम में दंगा कराने की साजिश थी लेकिन उसे नाकाम बना दिया गया। इससे जुड़ी खबरें आज के अखबारों में पहले पेज पर हैं। बिहार के अस्पतालों में अब मास्क पहनना जरूरी करार दिया गया है। यह खबर भी पहले पेज पर है। एनसीईआरटी द्वारा 12वीं क्लास की किताब से मुगल साम्राज्य के अध्याय को हटाने की खबर दबी दबी सी है।

जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: विधानमंडल के दोनों सदनों में बिहारशरीफ और सासाराम की घटनाओं पर कार्यवाही बाधित। भास्कर ने दो समानांतर हेडिंग लगाई है । पहली हेडिंग है दंगा कराने की साजिश थी, पर नाकाम: चौधरी। दूसरी सुर्खी है: दंगाइयों को बचाने की कोशिश, जांच हो: सिन्हा। प्रभात खबर की सबसे बड़ी सुर्खी है: रामनवमी में उपद्रव पर सरकार सख्त, अब तक 173 गिरफ्तार।

इल्ज़ाम-जवाबी इल्ज़ाम

जागरण के अनुसार बिहार शरीफ और सासाराम की घटनाओं को लेकर सोमवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में कार्यवाही बाधित हुई। 4 घंटे के लिए निर्धारित विधानसभा की कार्यवाही सिर्फ 25 मिनट चली। उधर दोनों पाली मिलाकर विधान परिषद की कार्यवाही भी सिर्फ 11 मिनट ही चल पाई। सरकार पर उपद्रव से निपटने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए भाजपा के सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे पूर्ण राम जवाब में भाकपा माले के सदस्य भी भाजपा पर सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का आरोप लगाकर सदन के बीच में आ गए। माले ने आरएसएस और बजरंग दल जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि मुज़फ़्फ़रपुर गया में स्थिति नियंत्रण व शांतिपूर्ण है। बिहार शरीफ और सासाराम में नियमित गश्ती फ्लैग मार्च से स्थिति को पूर्ण नियंत्रित किया गया है। उन्होंने बताया कि बिहारशरीफ में उपद्रवियों पर 15 कांड दर्ज कर 138 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहां 20 लोग घायल हुए हैं। सासाराम में विभिन्न कांडों में 20 को नामजद व 250 अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।

भास्कर लिखता है कि विधानमंडल के दोनों सदनों में संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सासाराम व बिहारशरीफ मसले पर कहा कि सासाराम और बिहार शरीफ में दंगा फैलाने की कोशिश हुई लेकिन सतर्कता की वजह से दंगा नहीं हुआ। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के राज्यपाल से बात करने पर कहा कि सीएम से बात नहीं कर सीएम का महत्व कम कर नीचा दिखाने की कोशिश हुई। उधर, नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सासाराम व नालंदा कांड के लिए एक गुट पर सीधा आरोप लगाते हुए संबंधित थानेदारों को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार में उच्च पद पर बैठे एक अधिकारी ऐसे लोगों को संरक्षित कर रहे हैं।

डिजिटल जांच

जागरण ने पहले पेज पर सुर्खी लगाई है: कैसे व किसने भड़काई हिंसा, डिजिटल साक्षर संघ जांच शुरू। अखबार लिखता है कि रामनवमी के दौरान बिहारशरीफ और सासाराम में अचानक कैसे हिंसा भड़क गई और कौन लोग इस साजिश के पीछे थे, पुलिस प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीजीपी आरएस भट्टी ने खुद बिहारशरीफ पहुंचकर मामले की जांच की। रविवार की रात भर काम किया। इस दौरान वह प्रभावित इलाकों में भी गए और घटनाक्रम की जानकारी ली। पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि घटना से जुड़े भौतिक और मौखिक साक्ष्यों के साथ डिजिटल सबूत इकट्ठा किए गए हैं। पीड़ितों का बयान लिया जाएगा।

बिना मास्क अस्पताल में प्रवेश नहीं

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: अस्पतालों में मास्क पहनना अनिवार्य। पिछले कुछ दिनों से पटना, भागलपुर, गया जैसे शहरों में कोरोना के मामले मिलने के बाद राज्य सरकार ने सतर्कता बढ़ाने के लिए ऐहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही, मास्क पहनने के लिए प्रचार-प्रसार करने को भी कहा गया है। बिना मास्क सरकारी अस्पतालों में प्रवेश नहीं मिलेगा।

एक समान परीक्षा के लिए एक ही पीटी

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: अब एक जैसी परीक्षाओं के लिए कॉमन पीटी, मेंस में उत्तर क्रमवार और निर्धारित जगह में ही लिखने होंगे। अख़बार लिखता है कि बीपीएससी ने परीक्षा और रिजल्ट को लेकर एक बार फिर कई बड़े बदलाव किए हैं। ऐसी परीक्षा जिसमें पीटी, मेंस और इंटरव्यू होते हैं उनकी परीक्षा एक साथ ली जाएगी। जैसे बीपीएससी सिविल सेवा, सीडीपीओ, एपीपी आदि की परीक्षा के लिए एक ही पीटी होगी हालांकि मेंस के लिए कटऑफ अलग अलग होगा। मुख्य परीक्षा में सफल किसी अभ्यर्थी को इंटरव्यू में 30% से कम और 80% से अधिक अंक देने पर इंटरव्यू बोर्ड को कारण स्पष्ट करना होगा। 68वीं मुख्य परीक्षा से उत्तर पुस्तिका में किसी प्रश्न का उत्तर किस पेज पर लिखना है यह तय रहेगा। यही नहीं किसी प्रश्न पर आपत्ति अब ई-मेल की जगह पोर्टल पर ली जाएगी। पहली बार अभ्यर्थी आपत्ति निशुल्क दे सकेंगे। दूसरी बार आपत्ति वे अभ्यर्थी ही दे सकेंगे जिन्होंने पहली बार आपत्ति दी है लेकिन दूसरी बार आपत्ति देने के लिए शुल्क ₹500 देने होंगे।

मुगल काल

एनसीईआरटी ने 12वीं क्लास की इतिहास की किताब के सिलेबस में बदलाव करते हुए मुगल साम्राज्य के अध्याय को हटा दिया है। प्रभात खबर और भास्कर ने इस खबर को तवज्जो दी है। एनसीईआरटी ने अन्य किताबों में भी तब्दीली लाई है। अपडेटेड सिलेबस के अनुसार थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री पार्ट 2 से मुगल दरबार (16वीं और 17वीं शताब्दी) और शासकों व उनके इतिहास से संबंधित अध्याय को हटा दिया गया है। इसके अलावा हिंदी में कुछ कविताएं और पैराग्राफ को हटाया गया है। हिंदी आरोह भाग 2 की किताब से फिराक गोरखपुरी की ग़ज़ल और अंतरा भाग 2 से सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की गीत गाने दो मुझे को हटा दिया गया है। ध्यान रहे कि सीबीएसई देशभर के स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकें चलाता है। इस हिसाब से सीबीएसई के लगभग सभी स्कूलों में यह बदलाव देखने को मिलेगा। यूपी बोर्ड ने भी एनसीईआरटी की किताबों को लागू किया है, इसलिए वहां भी इतिहास की पाठ्यपुस्तक में यह बदलाव देखने को मिल सकता है।

दावत-ए-इफ्तार में नीतीश

यह खबर सभी जगह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को फुलवारीशरीफ स्थित इस्लामिया बीएड कॉलेज के दावत-ए-इफ्तार में शामिल हुए। इसका आयोजन इस्लामिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स ने किया था। इंस्टीट्यूशन्स के चेयरमैनन खुर्शीद हसन ने गुलदस्ता, टोपी, प्रतीक चिह्न एवं साफा भेंटकर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। मौके पर वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी, आरजेडी विधायक अख्तरुल ईमान शाहीन, जदयू विधान पार्षद खालिद अनवर, ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के उपाध्यक्ष मौलाना अनिसुर्रहमान कासमी, जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अफजल अब्बास, बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन इरशादुल्लाह, फुलवारीशरीफ नगर परिषद के चेयरमैन आफताब आलम आदि मौजूद थे।

राहुल को जमानत

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि मामले में जमानत मिलने की खबर सभी जगह है। इस मामले पर सोमवार को संसद से सूरत तक सरगर्मी रही। सूरत की सत्र अदालत ने मानहानि मामले में राहुल को 13 अप्रैल तक के लिए जमानत दे दी। वहीं, संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष अडानी मामले में जेपीसी की मांग पर अड़ा था तो सत्ता पक्ष ब्रिटेन में राहुल के बयान को लेकर माफी की मांग पर कायम रहा।

कुछ और सुर्खियां

  • लीज अवधि की अधिकतम सीमा खत्म, 33 साल से अधिक समय के लिए भी मिलेगी जमीन
  • केरल में चलती ट्रेन में यात्रियों को पेट्रोल छिड़ककर जलाया, तीन की मौत
  • झारखंड में पुलिस ने बिहार के दो सहित पांच इनामी नक्सलियों को मार गिराया
  • बिहार में अब कोड बता देगा, कौन किस जाति के हैं
  • सासाराम में सुतली बम फोड़ माहौल शांत करने की साजिश, बिहार शरीफ में तेजी से सुधरे हालात
  • बंगाल हिंसा पर हाईकोर्ट ने ममता सरकार से मांगी रिपोर्ट
  • भाजपा डूबती नाव, उसके साथ जाने की बात सोचना ही क्यों: ललन

अनछपी: बिहार के वरिष्ठ मंत्री विजय कुमार चौधरी का यह बयान कि बिहार में दंगा कराने की साजिश थी, बेहद गंभीर है। सवाल यह है कि इस साजिश का अंदाजा जब आम लोगों को पहले से था तो सरकार क्यों सोई रही? क्या सरकार को घटना हो जाने के बाद साजिश का पता चला? यह कहना अच्छा लगता है कि बाकी जगहों पर स्थिति नियंत्रण में रही लेकिन जो दो संवेदनशील शहर थे वहां पर पुलिस क्यों फेल हुई, इस पर चर्चा होना जरूरी है। बिहार शरीफ में जिस तरह मदरसा अजी जिया और दूसरे संपत्तियों को आग लगाई गई है वह बिना साजिश के नहीं हो सकती थी। आग लगाने की घटना को जिस तरह चुन-चुन कर अंजाम दिया गया है उसके पीछे कोई बड़ी सुनियोजित शक्ति है। मंत्री यह कहकर नहीं बच सकते कि सरकार ने वहां साजिश नाकाम कर दी है। मंत्री को यह बात भी स्पष्ट करनी होगी कि जिन लोगों को नुकसान हुआ है उसकी भरपाई कैसे और कब की जाएगी। मुख्यमंत्री और दूसरे मंत्रियों के लिए यह सहज समय नहीं है लेकिन उन्हें फुलवारीशरीफ की एक इफ्तार की पार्टी में हंसते-मुस्कुराते देखा गया। उस इफ्तार पार्टी में कुछ ऐसे लोग भी शामिल थे जिन्हें यह माना जाता है कि वह अल्पसंख्यक समुदाय के लिए मेहनत करने और आवाज उठाने वाले लोग हैं। बिहारशरीफ में लगी आग के बीच ऐसी बातें दुख को और बढ़ाती ही हैं। सरकार के लिए जरूरी है कि वह दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने के साथ-साथ जो भुक्तभोगी हैं उन्हें तत्काल मुआवजा दे।

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