छ्पी-अनछपी: हिंडनबर्ग के सवालों पर घमासान, पटना के कई इलाक़ों में पानी घुसा

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। गौतम अडानी और सेबी अध्यक्ष पर अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग के आरोपों से भारत में एक बार फिर घमासान मच गया है। भारी बारिश से पटना के कई इलाकों में पानी घुस गया है। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने दावा किया है कि अमेरिका को सेंट मार्टिन द्वीप दे देतीं तो उन्हें सत्ता से नहीं हटाया जाता। ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल ने वक़्फ़ संशोधन बिल को खारिज करने की मांग की है।

यह हैं आज के अखबारों की खास खबरें।

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी सुर्खी है: हिडनबर्ग के सवालों पर संग्राम। अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट में सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति पर लगे गंभीर आरोपों को लेकर बहस तेज हो गई। इन आरोपों पर रविवार को दिनभर सियासत गर्म रही। वहीं, बुच दंपति ने कहा कि यह रिपोर्ट सेबी की साख को नुकसान पहुंचाने की साजिश है। अडानी समूह ने इन आरोपों को आधारहीन बताया। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में सेबी ने रुचि नहीं दिखाई। इसका कारण माधवी बुच और उनके पति की अडानी समूह से जुड़े विदेशी कोष में हिस्सेदारी हो सकती है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि देशभर के ईमानदार निवेशक सरकार से पूछ रहे हैं कि सेबी अध्यक्ष ने अब तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया। उन्होंने पूछा कि यदि निवेशक अपनी मेहनत की कमाई खो देते हैं, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा।

पटना के कई इलाकों में पानी घुसा

प्रभात खबर की पहली सुर्खी है: कई इलाकों में घुसा पानी, मुख्यमंत्री ने लिया जायज़ा, बोले- नहीं हो जलजमाव। राजधानी पटना में शनिवार की देर रात हुई भारी बारिश से अस्पतालों से लेकर स्कूल, कॉलेज और कई मोहल्ले में पानी घुस गया। पाटलिपुत्र कॉलोनी, राजीव नगर, कंकड़बाग, राजेंद्र नगर, दरियापुर, उपाध्याय लेन, लंगर टोली, नया टोला और कुम्हरार सहित कई निचले इलाकों में पानी घुस गया था। हालात का जायजा लेने के लिए रविवार को मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ संप हाउसों का निरीक्षण किया और जल जमाव नहीं होने देने का निर्देश दिया। वहीं नगर विकास मंत्री नितिन नवीन ने विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की छुट्टियां सितंबर तक रद्द कर दीं।

फरक्का बराज के सभी गेट खुले

भास्कर के अनुसार कुछ दिनों से गंगा उत्थान पर है। पटना से कहलगांव तक लगभग हर गेज प्वाइंट पर नदी लाल निशान के पार है। नदी का पानी देख फरक्का बराज के सभी 109 फाटक खोल दिए गए हैं। यह राज्य सरकार की पहल पर हुआ है। बराज से फिलहाल 10.50 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है। यह बता रहा कि अब गंगा के पानी के बढ़ने की गति थमेगी।

पटना के चारों तरफ की नदियां खतरे के निशान के पार

पटना के चारों तरफ नदियां लाल निशान को पार कर गई हैं। उत्तर में गंगा, पश्चिम में सोन और दक्षिण-पूर्व में पुनपुन नदी उफान पर है। सोन नद के साथ गंगा और पुनपुन नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। जिससे आस-पास के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में पानी घुस गया है। हालांकि, रविवार तक इन नदियों का सुरक्षा तटबंध सुरक्षित था, लेकिन जिस रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा है उससे सुरक्षा बांधों पर भी खतरा मंडराने लगा है।

सेंट मार्टिन द्वीप दे देती तो सत्ता नहीं गंवाती: हसीना

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अमेरिका पर उन्हें सत्ता से बेदखल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अगर वह अमेरिका को सेंट मार्टिन द्वीप दे देती तो सत्ता नहीं गंवाती। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में अपने करीबी सहयोगियों को भेजे एक संदेश में उन्होंने यह बात कही। शेख हसीना ने कहा, ‘मैं सेंट मार्टिन द्वीप अमेरिका के नियंत्रण में देकर अपनी सत्ता बचा सकती थी।” इस द्वीप के मिलने से अमेरिका को बंगाल की खाड़ी पर प्रभाव जमाने में मदद मिलती। उन्होंने यह भी कहा कि “मैं जल्द ही बांग्लादेश में वापसी करूंगी।”

बंगलादेश में सेना पर हमला

जागरण की सबसे बड़ी खबर के अनुसार बांग्लादेश में हिंसा और अराजकता का माहौल बरकरार है। रविवार को गोपालगंज इलाके में सेना के गश्ती वाहनों पर हमला हो गया। इस हमले में चार अधिकारियों और पांच सैनिकों के घायल होने की सूचना है। हमले में सेना के एक वाहन को जला दिया गया जबकि दो वाहन में तोड़फोड़ की गई। सेना को स्थिति नियंत्रण करने के लिए फायरिंग करनी पड़ी। देश के दूर दराज के इलाकों से अब भी हिंदुओं और अवामी लीग के कार्यायलयों पर हमले की सूचनाओं आ रही हैं।

वक़्फ़ संशोधन बिल को खारिज करने की मांग

हिन्दुस्तान के अनुसार ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल बिहार की ओर से एक बैठक रविवार को हजरत मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी की अध्यक्षता में काउंसिल के कार्यालय में हुई। बैठक में बुद्धिजीवियों ने नया वक्फ संशोधन बिल खारिज करने की अपील की। बैठक में कहा गया कि केंद्र ने वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन का बिल वक्फ (संशोधन) बिल 2024 के नाम से संसद में पेश किया है। बिल संसद की संयुक्त समिति के पास है। अब यह समिति इस बिल पर पुनर्विचार कर रिपोर्ट देगी। इस के माध्यम से मौजूदा वक्फ अधिनियम 1995 में चालीस से अधिक संशोधन किए गए हैं, जिनमें से कई संशोधन ऐसे हैं जो वक्फ की प्रकृति और स्थिति को ही बदल देने वाले हैं और वक्फ की संपत्ति की सुरक्षा पर सख्त आघात लगा रहे हैं।

50 लाख कैश लेकर पहुंचा हैंडलर गिरफ्तार

प्रभात खबर के अनुसार झारखंड के पतरातू के कोयला कारोबारी पवन ठाकुर के 50 लाख रुपए लेकर पटना पहुंचे हैंडलर बजरंग ठाकुर को शनिवार की रात आरपीएफ ने पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पकड़ लिया। आरपीएफ, जीआरपी व आयकर की टीम ने घन्टों तक बजरंग से पूछताछ की तब उसने बताया कि यह रकम पवन ठाकुर की है। जंक्शन से बाहर निकालने के बाद पवन या उसका कोई आदमी फोन करता तो उसे जाकर वह डिलीवरी कर देता आप। पवन की रकम हैंडलर बजरंग ठाकुर रांची- पटना वंदे भारत एक्सप्रेस से रांची से लेकर लाल रंग की ट्रॉली में रवाना हुआ और पटना जंक्शन पर शनिवार की रात पहुंचा।

कुछ और सुर्खियां

  • पेरिस ओलंपिक का समापन, अगला ओलंपिक लॉस एंजेलिस में
  • कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर से दरिंदगी के विरोध में आज अस्पतालों में हड़ताल
  • कुमार रवि बनाए गए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सचिव, मयंक बरबड़े पटना के कमिश्नर बने
  • गोपालगंज में ज़ब्त पदार्थ रेडियोएक्टिव नहीं, कैलिफोर्नियम होने पर भी शक
  • अनंतनाग में मुठभेड़ में छपरा के जवान की मौत
  • रेलवे ने पैरामेडिकल कैटेगरी के 1376 पदों पर जारी की वैकेंसी
  • तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से गोपी किशन राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार

अनछपी: सरकारी नौकरियों में नियमित बहाली बंद कर ठेके पर बहाली का नतीजा यह हुआ है कि इंजीनियरिंग जैसी सेवाओं में पिछले कई वर्षों से कैडर की परीक्षा नहीं हुई है। बिहार में 2020 के विधानसभा चुनाव में नौकरी एक अहम मुद्दा था और अब भी राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच इस बात की होड़ मची रहती है कि जो नौकरियां दी गई हैं उसका क्रेडिट किसे जाता है। बिहार इंजीनियरिंग सर्विस (बीईएस) के तहत 4958 पद स्वीकृत हैं लेकिन फिलहाल इसमें 2435 असिस्टेंट इंजीनियर ही कार्यरत हैं। हिन्दुस्तान अखबार के अनुसार 128 अतिरिक्त प्रभार में है तो 93 ठेके पर काम कर रहे हैं और 2523 पद खाली पड़े हैं। बिहार इंजीनियरिंग सर्विस से पीएचईडी, पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य, भवन निर्माण व जल संसाधन आदि विभागों में असिस्टेंट इंजीनियर बहाल किए जाते थे। इस सर्विस के तहत भर्ती नहीं होने से विभागों में स्वीकृत पद की तुलना में आधे से भी कम इंजीनियर काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद इंजीनियर हैं और उन्हें सुशासन बाबू का खिताब मिला हुआ है लेकिन इंजीनियरों की बहाली मैं उनकी सरकार बुरी तरह फेल है। ऐसा नहीं है कि इस बीच इंजीनियरों की बहाली नहीं हुई लेकिन उनकी बहाली बीईएस के तहत ना हो कर अलग-अलग विभागों के आधार पर होने लगी। इसके बावजूद इंजीनियरों के पोस्ट खाली हैं और इससे यह सवाल पैदा होता है कि आखिर इंजीनियरिंग कैडर क्यों बनाया गया था। बिहार इंजीनियरिंग सर्विस कैडर की शुरुआत 1995 में हुई थी लेकिन पिछले कई वर्षों से इसका कहीं अता-पता नहीं है। इससे बिहार के इंजीनियरों को नौकरी मिलने में तो परेशानी हो ही रही है कैडर बेस्ड इंजीनियर के न होने से भी विभागों को नुकसान पहुंच रहा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव चाहें तो इस मुद्दे को गंभीरता से उठा सकते हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस बात के लिए राजी कर सकते हैं कि बिहार इंजीनियरिंग सर्विस कैडर के तहत इंजीनियरों की बहाली हो। बिहार इंजीनियरिंग सर्विस एसोसिएशन (बेसा) को भी इस दिशा में सरकार के पास अपनी बात रखनी चाहिए।

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