छ्पी-अनछपी: पैसे के लेनदेन में हुई सहनी के पिता की हत्या, हंस के पास मिलीं 40 लाख की घड़ियां

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। दरभंगा पुलिस ने दावा किया है कि वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के पिता की हत्या ब्याज के पैसों के लेन-देन में हुई है। ईडी ने आईएएस अधिकारी संजीव हंस के ठिकानों से 40 लाख की घड़ियां बरामद की हैं। सारण में सनकी युवक ने एक अधेड़ और उनकी दो बेटियों को चाकू गोद कर मार डाला। लोडर की वैकेंसी के लिए इंटरव्यू देने पहुंच गए 25000 लोग तो मुंबई एयरपोर्ट पर भगदड़ मची।

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या पैसे के लेनदेन के विवाद में हुई। दरभंगा के एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में यह खुलासा किया। उन्होंने बताया कि हत्याकांड के मुख्य आरोपित काजिम अंसारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसएसपी ने बताया कि काजिम ने जीतन से डेढ़ लाख रुपए कर्ज पर लिए थे। कर्ज नहीं चुका पाने के कारण काजिम ने उनकी हत्या कर दी।

चार फ़ीसद मासिक पर था डेढ़ लाख क़र्ज़

मुकेश सहनी के पैतृक गांव बिरौल थाने के अफजला निवासी शफीक अंसारी के पुत्र काजिम अंसारी (40) ने जीतन सहनी से तीन किस्तों में डेढ़ लाख रुपए का कर्ज चार प्रतिशत की मासिक ब्याज दर पर लिया था। इसके लिए उसने उनके पास अपनी जमीन गिरवी रखी थी। काजिम कर्ज चुका नहीं पा रहा था। काजिम ने सोमवार की रात करीब डेढ़ बजे साथियों के साथ जीतन सहनी के घर में पीछे के दरवाजे से प्रवेश किया। उस दरवाजे में अंदर का लॉक नहीं है। घर में घुसने के बाद इन सबने जीतन को जगाया और डरा-धमका कर अपनी जमीन और कर्ज के कागजात मांगे। इस पर जीतन से उनका विवाद हो गया। इस पर गुस्से में आकर काजिम ने जीतन पर ताबड़तोड़ चाकू से वार करना शुरू कर दिया। उसके साथियों ने जीतन के हाथ-पैर पकड़ रखे थे।

संजीव हंस के पास 40 लाख की घड़ियां

जागरण के अनुसार ईडी की पूर्व विधायक गुलाब यादव और आईएएस अधिकारी संजीव हंस के यहां छापे की कार्रवाई करीब 30 घंटे बाद पूरी हो गई। सूत्रों के अनुसार संजीव हंस के पास 40 लाख की लग्जरी घड़ियां मिली हैं। इसके अलावा जमीन और अन्य संपत्ति में निवेश के दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। ईडी ने अपनी जांच के दौरान कई अहम जानकारी के साथ लैपटॉप, पेन ड्राइव व कंप्यूटर हार्ड डिस्क के साथ ही संपत्ति में निवेश के कई दस्तावेज बरामद किए हैं। पूर्व विधायक गोपाल यादव के एक बैंक खाते की जानकारी भी सामने आई है जिसमें करीब 4 करोड रुपए जमा होने के प्रमाण मिले हैं। सूत्रों की मानें तो 1 किलो के करीब सोने चांदी के जेवरात भी बरामद होने की बात सामने आई है। संपत्ति में निवेश के जो दस्तावेज बरामद किए गए हैं उनमें गोवा और पंजाब में प्रॉपर्टी के कागजात भी हैं।

संजीव हंस व गुलाब यादव पर रेप का केस सही

भास्कर की विशेष खबर के अनुसार वरीय आईएएस अधिकारी संजीव हंस और झंझारपुर के पूर्व विधायक गुलाब यादव पर रूपसपुर थाना में दर्ज गैंगरेप केस को जांच में सत्य पाया गया है। इन दोनों पर एक महिला वकील ने रेप का आरोप लगाते हुए रूपसपुर थाना में पिछले साल केस दर्ज कराया था। एसएसपी राजीव मिश्रा ने रिपोर्ट 2 में रूपसपुर थाना में दर्ज कांड संख्या 18/23 को सत्य कर दिया। एसएसपी ने जांच रिपोर्ट के सही करने में सिटी एसपी, पश्चिम की रिपोर्ट को आधार बनाया है। हालांकि पटना हाईकोर्ट ने संजीव हंस और गुलाब यादव पर किसी भी तरह की कार्रवाई करने पर रोक लगा रखी है।

सारण में सनकी ने की तीन की हत्या

प्रभात खबर के अनुसार सारण जिले के रसूलपुर थाना क्षेत्र के धनाड़ी गांव में प्रेम प्रसंग में एक सनकी युवक ने मंगलवार की देर रात एक अधेड़ और उनकी दो बेटियों की चाकू मार कर हत्या कर दी। मृत लड़कियों की मां ने भाग कर अपनी जान बचाई जो बुरी तरह से घायल हैं। मृतकों में तारकेश्वर सिंह, चांदनी कुमारी ब आभा कुमारी शामिल हैं। पुलिस के अनुसार मंगलवार की रात तारकेश्वर सिंह पत्नी व दोनों बेटियों के साथ घर की छत पर सोए हुए थे। इसी बीच उनकी बेटी चांदनी कुमार का कथित प्रेमी गांव का सुधांशु कुमार उर्फ रोशन को साथियों के साथ घर के पीछे के रास्ते छत पर चढ़ गया और चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। इसमें तारकेश्वर सिंह व उनकी दोनों बेटियों की मौके पर ही मौत हो गई।

जब 25 हज़ार बेरोजगार उमड़ पड़े

प्रभात खबर के अनुसार मुंबई एयरपोर्ट पर लोडर पद के लिए 2216 नियुक्तियां निकल गई थीं लेकिन मंगलवार को 25000 से ज्यादा आवेदक इंटरव्यू के लिए पहुंच गए। इससे एयरपोर्ट पर भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। शहर थाना पुलिस और एयर इंडिया के कर्मचारियों को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। नौकरी के लिए पहुंचे आवेदकों की कई तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं। वीडियो में आवेदकों की भारी भीड़ दिख रही है। कई आवेदक धक्का मुक्की करते हुए दिख रहे हैं। एयरपोर्ट पर लोडर को 20 से 25 हज़ार हर माह की सैलरी मिलती है।

कुछ और सुर्खियां

  • समस्तीपुर में मुर्गी फार्म में पार्टी के दौरान शराब पीने से एक की मौत
  • नीट यूजी: पटना एम्स में पढ़ रहे 3 एमबीबीएस छात्रों को सीबीआई ने हिरासत में लिया
  • पेरिस ओलंपिक में भारत के 117 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे
  • गाड़ी का बीमा, फिटनेस व परमिट फेल तो कटेगा ऑटोमेटिक ई चालान
  • महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 12 नक्सलियों को मारने का दावा
  • बिहार में अपराध के खिलाफ इंडिया गठबंधन 20 जुलाई को निकलेगा आक्रोश मार्च
  • पूर्व अग्निवीरों को हरियाणा सरकार नौकरियों में देगी 10% कोटा
  • महाराष्ट्र में 12वीं पास बेरोजगारों को हर माह ₹6000 के भत्ते का ऐलान
  • तेलंगाना में 8 महीने में बीआरएस के 10 विधायक और 10 एमएलसी कांग्रेस में शामिल

अनछपी: क्या भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘सबका साथ’ सबका विकास’ की अपनी घोषित नीति खत्म करने वाले हैं? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा लगाते हैं और अक्सर उन पर यह सवाल भी उठता है कि क्या वह इस नारे के अनुसार व्यवहार करते हैं। मगर अब तो यह सवाल हो गया है कि क्या भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी इस नारे को छोड़ने वाले हैं? यह सवाल इसलिए उठा है कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने ऐसा ही बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि ‘सबका साथ सबका विकास’ की जरूरत नहीं है, बल्कि इसके बजाय उन्होंने ‘हम उनके साथ, जो हमारे साथ’ का नारा दिया। इस बात का एहसास तो लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के तुलनात्मक रूप से खराब प्रदर्शन के बाद ही हो गया था कि उसके सदस्य अब मुसलमान पर ज्यादा हमलावर होंगे। कई लोगों ने यह बात भी नोट की है कि लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद भाजपा शासित राज्यों में मुसलमानों पर हमले बढ़े हैं। लेकिन शुभेंदु अधिकारी तो पश्चिम बंगाल के हैं और यह कहा जा रहा है कि विधानसभा के उपचुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी की हार के बाद खुन्नस निकालने के लिए उन्होंने ऐसा बयान दिया है। शुभेंदु अधिकारी ने भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के विस्तारित सत्र में कहा कि अल्पसंख्यक मोर्चा की जरूरत नहीं है। जैसा कि होता है बाद में शुभेंदु अधिकारी ने यह कहा कि उनकी बात को संदर्भ से हटकर पेश किया गया है और वह प्रधानमंत्री मोदी के मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ का पूरा समर्थन करते हैं। उनके इस बयान को उस मुस्लिम विरोधी अभियान के साथ भी जोड़कर देखना चाहिए जिसमें यह बताया जाता था कि अमुक बूथ पर इतने मुसलमान थे और वहां भाजपा को सिर्फ इतने वोट मिले। इसके साथ कहा जाता था कि उस बूथ के सभी मुसलमान को अमुक योजना का लाभ मिला लेकिन उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को वोट नहीं दिया। इसी तरह की बात हमेशा मुसलमान के खिलाफ आग उगलने वाले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी की थी। गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे भी यह कह चुके हैं कि जिस बूथ से भाजपा को 60% से अधिक वोट मिला हो वहीं पर इस-इस योजना का लाभ दिया जाएगा। इन सब बातों से साबित यह होता है कि भारतीय जनता पार्टी दरअसल मुसलमानों को यह संदेश देना चाहती है कि अगर उन्होंने उसे वोट नहीं दिया तो उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाएगा। भेदभाव की इस खुली घोषणा की जितनी निंदा की जाए कम है और यह भारतीय लोकतंत्र के लिए बहुत ही अशुभ संकेत है।

 

 

 

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