छ्पी-अनछपी: इसराइल से जंग में ईरान के साथ सऊदी अरब, गुड़गांव में बिहार के चार भाइयों की मौत

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। ईरान- इसराइल जंग में पहली बार सऊदी अरब ने ईरान के समर्थन में बयान दिया है। गुड़गांव में बिहार के चार भाइयों की घर में आग लगने से मौत हो गई। राजद नेता तेजस्वी यादव ने जेडीयू एमएलसी नीरज को 12 करोड़ रुपए का नोटिस भेजा। न्यूज़ीलैंड से दूसरा मैच हार कर भारत 12 वर्षों में पहली बार घर में टेस्ट सीरीज हारा।

आज के अखबारों की यह अहम खबरें हैं।

भास्कर के अनुसार सऊदी अरब में ईरान पर इसराइली हमले की निंदा की है। इस संघर्ष में यह पहली बार है जब सऊदी अरब ईरान के समर्थन में आया है। अरब राजनीति में यह बड़ा बदलाव माना जा रहा है। सऊदी अरब अब तक ईरान के समर्थन में बयान से बचता रहा है। उधर, अमेरिका ने कहा है कि ईरान पर इजरायल के हमलों से हिसाब बराबर हो चुका है। अब दोनों शत्रु देशों के बीच प्रत्यक्ष सैन्य हमले बंद होने चाहिए। अमेरिका ने ईरान को अब इजरायल पर जवाबी हमले करने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि उनके प्रशासन को लगता है कि इजरायली सैन्य अभियान के बाद अब दोनों देशों के बीच सीधे सैन्य हमले बंद होने चाहिए। अधिकारी ने बताया कि अन्य सहयोगी देश भी सहमत हैं।

घर में आग लगने से चार भाइयों की मौत

हिन्दुस्तान के अनुसार हरियाणा के गुरुग्राम (गुड़गांव) की सरस्वती एन्क्लेव कॉलोनी स्थित एक मकान में शुक्रवार देर रात आग लगने से वहां सो रहे दो सगे भाइयों समेत चार लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई। मृतकों की पहचान बिहार के मोतिहारी जिला स्थित लोखान गांव के निवासी के रूप में हुई है। नूर आलम और उनका सगा भाई मोहम्मद मुश्ताक गुरुग्राम की एक गारमेंट कंपनी में टेलर का काम करते थे। वे सेक्टर-37 के एक मकान में किराए पर रहते थे। उनके साथ वाले कमरे में ममेरा भाई साहिल और चचेरा भाई अमन परिवार सहित रहते थे। साहिल भी टेलर का काम करता था, जबकि अमन दसवीं का छात्र था। शुक्रवार रात चारों एक ही कमरे में सो रहे थे। साथ वाले कमरे में परिजन सो रहे थे। रात करीब सवा 12 बजे अचानक आग धधक उठी। परिजनों ने तुरंत पुलिस और दमकल विभाग को सूचना दी। आग इतनी भीषण थी कि कमरे में सो रहे चारों लोग बाहर नहीं निकल सके।

बारह करोड़ का नोटिस

जागरण के अनुसार पांच दिन दिन पहले वेतन घोटाले का आरोप लगाने वाले जदयू के मुख्य प्रवक्ता एमएलसी नीरज कुमार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को नोटिस भेज 12.10 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है। लॉ फर्म के माध्यम से भेजे गए नोटिस में तेजस्वी ने कथित तौर पर आधारहीन और आपत्तिजनक बयान के लिए नीरज के विरुद्ध मानहानि का मामला दर करने की चेतावनी दी है। कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए नीरज को 10 दिनों के भीतर हर्जाना देना होगा। 21 अक्टूबर को प्रेस वार्ता में नीरज ने आरोप लगाया था कि पिता लालू प्रसाद ने चारा घोटाला किया और तेजस्वी यादव वेतन घोटाला कर रहे। उनके अनुसार विधानसभा के पिछले चुनाव में उनके शपथ पत्र से इसकी पुष्टि होती है। दस्तावेज दिखाते हुए नीरज ने कहा था कि अगर “मेरा आंकड़ा गलत है तो तेजस्वी मुझ पर मुकदमा करते हैं।” अब तेजस्वी ने भी नोटिस भेज ही दिया है।

बारह साल बाद घर में टेस्ट सिरीज़ हारा भारत

प्रभात खबर के अनुसार भारत को 12 साल में घरेलू टेस्ट सिरीज़ में पहली हार झेलनी पड़ी जब मिचेल सैंटनर की बेहतरीन स्पिन गेंदबाजी के दम पर न्यूजीलैंड ने उसे दूसरे क्रिकेट टेस्ट में 113 रनों से हराया और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप तालिका में भी शीर्ष स्थान से हटाने का खतरा पैदा कर दिया। भारत की लगातार 18 टेस्ट सिरीज़ में यह पहली हार थी। न्यूजीलैंड ने करीब 70 साल में पहली बार भारत से भारत में टेस्ट सिरीज़ जीती है। न्यूजीलैंड ने पहली पारी में 269 रन बनाए थे जबकि भारत की पहली पारी सिर्फ 156 रन पर सिमट गई थी। न्यूजीलैंड ने अपनी दूसरी पारी में 255 रन बनाए थे। भारत को जीत के लिए 359 रन का लक्ष्य मिला लेकिन उसके सभी खिलाड़ी 245 रन पर आउट हो गए।

राजद पर आरोप, शराब कंपनियों से लिये पैसे

हिन्दुस्तान के अनुसार जदयू ने राजद पर शराब बनाने वाली कंपनियों से पैसा लेने का आरोप लगाया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एवं विधानपार्षद नीरज कुमार, प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा और हिमराज राम ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने चंदा के रूप में शराब कंपनियों से इलेक्ट्रॉल बान्ड के रूप में 46.64 करोड़ लिये। शनिवार को जदयू दफ्तर में पत्रकारों से बात करते हुए प्रवक्ताओं ने कहा कि तेजस्वी यादव का शराबबंदी पर अनर्गल प्रलाप महज संयोग नहीं, बल्कि एक राजनीतिक प्रयोग है।

डीएम ने चोर कहा…गाली दी

वैशाली जिले के विभिन्न अंचलों के सभी सीओ ने आरोप लगाया है कि समीक्षा के दौरान वैशाली के डीएम यशपाल मीणा उनके साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हैं। “गाली गलौज करते हैं। जेल भेजने की धमकी देते हैं। हमें चोर बोलते हैं। सुधार लाएं, वरना हम सामूहिक अवकाश पर जाएंगे।” उधर डीएम यशपाल मीणा ने कहा है कि उन्होंने किसी के खिलाफ अपमानजनक शब्द का प्रयोग नहीं किया है।

कुछ और सुर्खियां:

  • बिहार के सभी प्रमुख छठ घाटों व पटना के रेलवे स्टेशनों पर बनेगा आयुष्मान कार्ड
  • जदयू की वरिष्ठ नेता और मंत्री लेसी सिंह सीढ़ियों से गिरीं, मेदांता में भर्ती
  • प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा की तबीयत बिगड़ी, दिल्ली एम्स में भर्ती
  • पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान में आत्मघाती धमाके में आठ लोगों की मौत
  • बिहार के अधिकतर जिलों में कल तक छाया रहेगा बादल
  • बिहार में शिक्षकों का तबादला सर्दियों की छुट्टी से पहले होगा
  • ईडी का दावा: पूर्व विधायक गोपाल यादव की पत्नी की जमीन पर गिरफ्तार आईएएस अधिकारी संजीव हंस की पत्नी का पेट्रोल पंप

अनछपी: मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया में अशांति का सबसे बड़ा कारण वैसे तो इसराइल माना जाता है लेकिन हकीकत यह है कि इन सब के पीछे अमेरिका का हाथ है। यह बात सबको पता है कि अमेरिका अगर इसराइल को समर्थन और हथियार देना बंद कर दे तो उसकी हेकड़ी निकल जाएगी। दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका एक तरफ इसराइल की खुल्लम-खुल्ला मदद करता है और दूसरी ओर शांति के प्रयास का नाटक भी करता है। हालांकि उसे पता है कि इसराइल ग़ज़ा में क़त्ले आम कर रहा है लेकिन उसे रोकने का कहीं से कोई प्रयास नज़र नहीं आता। अमेरिका इसराइल के बारे में यह कहता है कि उसे आत्मररक्षा में किसी भी तरह के हमले का अधिकार है लेकिन जब बारी ईरान के हमले की आती है तो उसे धमकी देता है और कहता है कि ईरान हमला न करे। इसराइल द्वारा ईरान पर हमले के बाद इसका जवाब देना या ना देना ईरान की नीतियों पर निर्भर है लेकिन अमेरिका यह बोलकर अपनी दादागिरी दिखा रहा है कि ईरान ने अब हमले किए तो उसे नतीजे भुगतने होंगे। सच्चाई यह है कि मध्यपूर्व में अमेरिका ने कई देशों के शासकों को अपना पिट्ठू बना रखा है और उसे लगता है कि उनकी मदद से वह ईरान को काबू में कर सकता है। सऊदी अरब के शहजादा मोहम्मद बिन सलमान वैसे तो अमेरिकापरस्त माने जाते हैं लेकिन इसराइल के साथ जंग में सऊदी अरब ने ईरान के पक्ष में बयान देकर एक महत्वपूर्ण काम किया है। ध्यान रहे कि चीन की मध्यस्थता के बाद ईरान और सऊदी अरब में लंबे समय के बाद समझौता हुआ है और उसके रिश्ते सुधर रहे हैं। हो सकता है कि सऊदी अरब के इस कदम से अमेरिका पर बहुत असर न पड़े लेकिन इसका प्रतीकात्मक महत्व बहुत है। बहुत से लोग अमेरिका को अमेरिका बहादुर भी कहते हैं तो अब अमेरिका बहादुर के लिए चुनौती की बात यह है कि वह मध्य पूर्व में शांति के लिए काम करे और इसराइल को काबू में करे। सऊदी अरब की तरह ही अगर दूसरे देश इसराइल का विरोध करें तो ग़ज़ा में आम फलस्तीनियों की लंबे समय के बाद इंसाफ की उम्मीद जग सकती है। लेकिन यह काम एक-दो साल में नहीं होगा बल्कि इसके लिए अगर एक दशक भी लगे तो उसे काम ही माना जाएगा।

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