छ्पी-अनछपी: बांग्लादेश में ‘शूट ऐट साइट’ ऑर्डर, नीट में राजकोट-सीकर से चौंकाने वाला रिज़ल्ट

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बांग्लादेश में रिजर्वेशन के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों के बीच सरकार ने ‘शूट ऐट साइट’ का आदेश जारी किया है। लगभग एक हज़ार भारतीय छात्र वहां से भारत लौट आए हैं। नीट यूजी में राजकोट और सीकर का रिजल्ट चौंकाने वाला बताया जा रहा है। बिना मंजूरी वाले बिहार के 28 हजार निजी स्कूल बंद किए जाएंगे। गड़बड़ियों की शिकायत के बीच यूपीएससी के अध्यक्ष ने इस्तीफा दे दिया है।

हिन्दुस्तान के अनुसार बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ हिंसा भड़कने के कुछ दिन बाद शनिवार को उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया गया है। इसके साथ ही पुलिस ने पूरे देश में कठोर कर्फ्यू लगा दिया है। सैन्य बलों ने राष्ट्रीय राजधानी ढाका के विभिन्न हिस्सों में गश्त की। हिंसक झड़पों में अब तक 103 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के महासचिव और सांसद उबेद-उल-कादर ने बताया कि उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया गया है।

एक हज़ार भारतीय छात्रों ने बांग्लादेश छोड़ा

बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ हिंसा भड़कने के बाद करीब एक हजार भारतीय छात्र स्वदेश लौट चुके हैं। इनमें से अधिकांश यूपी, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और मेघालय के रहने वाले हैं। अभी चार हजार से अधिक भारतीय छात्र बांग्लादेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में फंसे हैं। भारतीय उच्चायोग उनके संपर्क में है। वहीं, विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि भारतीय उच्चायोग अपने नागरिकों और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश के अधिकारियों के संपर्क में है। अब तक 778 भारतीय छात्र सड़क मार्ग और 200 छात्र ढाका एवं चटगांव हवाई अड्डों के जरिये नियमित उड़ानों से वतन लौट चुके हैं।

राजकोट के सेंटर से 240 छात्रों को मिले 600 से अधिक नंबर

जागरण और प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने शनिवार को नीट यूजी के केंद्रवार और शहरवार नतीजे घोषित कर दिए। राजकोट के एक केंद्र से 240 से अधिक छात्रों ने 600 से अधिक अंक हासिल किए हैं। 11 को 700 और उससे अधिक अंक मिले हैं। एक छात्रा को तो 720 में 720 अंक मिले हैं। राजस्थान के सीकर में बने परीक्षा केंद्रों से 2000 से अधिक नीट उम्मीदवारों ने 650 से अधिक अंक प्राप्त किए। यहां 4200 से ज्यादा उम्मीदवारों ने 600 से अधिक अंक पाए हैं। सीकर में 600 से अधिक अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों का औसत राष्ट्रीय औसत से बहुत अधिक है। पेपर लीक का केंद्र माने जा रहे हैं हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के परीक्षा केंद्र के 22 अभ्यर्थियों को 600 या उससे अधिक अंक प्राप्त हुए हैं, केवल चार छात्र ऐसे हैं जिन्हें 670 से अधिक अंक हासिल हुए हैं।

28 हज़ार स्कूल बंद किए जाएंगे

हिन्दुस्तान की पहली खबर के अनुसार बिहार में बगैर सरकार से मंजूरी लिए चल रहे सारे निजी विद्यालय बंद होंगे। फिलहाल राज्य में ऐसे विद्यालयों की संख्या करीब 28 हजार है जिन्होंने राज्य सरकार से मान्यता नहीं ली है। यह जानकारी प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र ने दी। शनिवार को अपने कार्यालय कक्ष में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि निजी विद्यालयों को हर हाल में राज्य सरकार से प्रस्वीकृति लेनी ही होगी। इसके लिए उन्हें 15 अगस्त का समय दिया गया है। यह उनके लिए अंतिम अवसर होगा। निजी विद्यालयों को प्रस्वीकृति लेने के साथ-साथ शिक्षा के अधिकार कानून के तहत कमजोर व अलाभकारी समूह के बच्चों का अपने यहां नामांकन भी लेना होगा।

यूपीएससी के चेयरमैन का इस्तीफा

जागरण के अनुसार संघ लोक सेवा आयोग यूपीएससी के अध्यक्ष मनोज सोनी ने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। उनका कार्यकाल 15 मई 2029 तक था। सूत्रों ने कहा कि यूपीएससी चेयरमैन ने एक पखवाड़ा पहले अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इसे अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने दावा किया है कि मनोज सोनी का इस्तीफा यूपीएससी के भीतर चल रही अंदरूनी गड़बड़ियों की वजह से लिया गया है। पार्टी के अनुसार यूपीएससी में फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए सिविल सेवा में चयन जैसी गंभीर घटनाएं इस संस्था की साख और स्वायत्तता पर गहरे सवाल खड़े करती हैं।

माइक्रोसॉफ्ट आउटेज से कैसे बचे चीन और रूस

प्रभात खबर के अनुसार माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर ने एक ओर जहां शुक्रवार को दुनिया भर के आईटी सिस्टम और कंप्यूटर की सांसें से रोक दीं, वहीं चीन और रूस में कंप्यूटर धड़ले से काम करते रहे। माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में खराबी से अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, सिंगापुर, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान और भारत समेत 40 देश से ज्यादा देशों में अफरातफरी मच गई थी। इससे दुनिया ने जहां माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर पर निर्भरता से हुए नुकसान का आकलन किया वहीं किसी दूसरे सर्वर की जरूरत को शिद्दत से महसूस किया। दुनिया में रूस और चीन दो ऐसे देश हैं जो वर्ष 2002 में इस बात को समझ गए थे। उनका मानना था कि भविष्य में अगर वह तकनीक के लिए अमेरिका की कंपनियों पर निर्भर रहे तो इससे उन्हें नुकसान होगा। इसी खतरे को देखते हुए रूस और चीन ने अपना खुद का सर्वर और तकनीक विकसित की।

कुछ और सुर्खियां

  • नीट पेपर लीक मामले में पटना से दो सॉल्वर और एक सेटर गिरफ्तार
  • बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा के दूसरे दिन राज्य में 24 फर्जी उम्मीदवार पकड़ाए
  • फतुहा के पास रेलवे का ट्रैक्शन तार चोरों ने काटा, 2 घंटे तक झाझा लाइन पर ठप रहीं ट्रेनें
  • पश्चिम बंगाल के पानी टंकी इलाके में जांच के दौरान एक पाकिस्तानी युवक और दो नेपाली गिरफ्तार
  • माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में गड़बड़ी के कारण दूसरे दिन भी दर्जनों विमान देर से उड़े

अनछ्पी: बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज की बात तो जबानी जमा खर्च की राजनीति का शिकार हो गई है लेकिन एक अच्छी खबर यह आई है कि रोहतास और गया से दो महत्वपूर्ण खनिजों का खनन होगा। जब से झारखंड बिहार से अलग हुआ तब से यह कहा जा रहा था कि बिहार में खनिजों की कमी है लेकिन अब ग्लूकोनाइट और निकेल खदान की नीलामी से कुछ हद तक उस कमी को दूर करने में मदद मिलेगी। हालांकि इससे पहले भी कई बार खनिज मिलने की बात बताई गई थी लेकिन अब जाकर वह बात हकीकत में बदल सकी है। ग्लूकोनाइट का इस्तेमाल फर्टिलाइजर इंडस्ट्री में किया जाता है और निकेल बैटरी बनाने और स्टेनलेस स्टील के समान में इस्तेमाल होता है। ग्लूकोनाइट का खान रोहतास में मिला है जबकि निकेल खान गया में मिला है। इसके अलावा जमुई में मैग्नेटाइट का खान मिलने की बात भी है। हैदराबाद में आयोजित एक समारोह में बिहार के तीन खनिज ब्लॉकों की नीलामी शनिवार को हो गई। उम्मीद है कि इन नीलामियों से एक ओर जहां राज्य सरकार को अच्छी आमदनी होगी वहीं बिहार के लोगों को स्थानीय तौर पर नौकरी भी मिलेगी। कई बार ऐसा लगता है कि शायद सरकारी स्तर पर इन खदानों की खोज और नीलामी में जितनी तत्परता दिखाई जानी चाहिए वह नहीं दिखाई गई वर्ना इस काम में 23-24 साल नहीं लगते। यह कहा जा सकता है कि देर आयद दुरुस्त आयद लेकिन अब भी यह देखना चाहिए कि क्या बिहार में और ऐसे क्षेत्र बचे हैं जहां खनिज पदार्थ मिल सकते हैं। बयानबाजी तो राजनीति का ज़रूरी हिस्सा बन गया है लेकिन इससे ऊपर उठकर सरकार को ऐसे कामों पर अधिक ध्यान देना चाहिए जो सबके लिए लाभकारी हो। वैसे भी बिहार को अब झारखंड के अलग होने का रोना धोना बंद करना चाहिए क्योंकि उसके 24 साल गुजर गए और अपने पैरों पर खड़े होने के लिए हर संभव कोशिश करनी चाहिए।

 

 

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