छपी-अनछपी: बिहार शरीफ सासाराम में शांति लेकिन सियासत गर्म, 66 करोड़ लोगों का डेटा चोरी

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। रामनवमी हिंसा से परेशान बिहार शरीफ और सासाराम में अब शांति बताई जा रही है लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान से राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। इससे संबंधित खबरें अखबारों में छाई हुई हैं। देश के 66 करोड़ से अधिक लोगों के डेटा टा चोरी मामले में 11 संस्थाओं को नोटिस मिलने की खबर भी अहम है।

हिन्दुस्तान ने दो बयानों को मिलाकर एक सुर्खी बनाई है: बिहार में हिंसा थमी, राजनीति शुरू। पहला बयान है: उपद्रवियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई करें अफसर: नीतीश। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को एक अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में दोनों शहरों में रामनवमी जुलूस के दौरान हुई घटना को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। उन्होंने अफसरों से ताज़ा स्थिति की जानकारी ली। नीतीश कुमार ने राज्य में पुलिस और प्रशासन को पूरी तरह अलर्ट रहने का निर्देश दिया। कहा-सभी चीजों पर लगातार नजर रखें। खास तौर से अफवाह फैलाने वालों पर नजर रखें। उपद्रवियों की पहचान कर उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें।

भाजपा राज में दंगे नहीं: शाह

दूसरा बयान है: भाजपा शासित राज्यों में दंगे कभी नहीं होते: अमित शाह। बाकी अखबारों ने भी अमित शाह के बयान को प्राथमिकता दी है। प्रभात खबर की मेन हेडलाइन है: 2024 चुनाव के बाद अपने वजन से गिरेगी नीतीश सरकार: शाह। जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: लालू-नीतीश गलतफहमी में, सभी सीटी जीतेंगे: शाह। भास्कर ने सुर्खी लगाई है: शाह बोले- BAD से मिलकर बनी सरकार, प्रदेश को अराजकता में झोंक रहे, इसे हटाएं। केंद्रीय गृह मंत्री व भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि बिहार में हमारी सरकार बनी तो दंगाइयों को उलटा लटकाकर सीधा कर देंगे। उन्होंने दावा किया कि भाजपा शासित राज्यों में दंगे नहीं होते हैं। अमित शाह नवादा के हिसुआ इंटर कॉलेज में आयोजित भाजपा की रैली को संबोधित कर रहे थे। भास्कर के अनुसार श्री शाह ने कहा कि भ्रष्टाचार का B अराजकता का A और दमन का D …इन तीनों से मिलकर यह सरकार बनी है और इसे उखाड़ कर फेंक देना है।

सीएम ने मृतक के पिता से बात की

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जुलूस के दौरान बिहारशरीफ में हुई घटना में मृत व्यक्ति के पिता एवं भाई से फोन पर बात कर अपनी संवेदना व्यक्त की और घटना की पूरी जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने मृत व्यक्ति के निकटतम परिजन को मुख्यमंत्री राहत कोष से तत्काल 5 लाख रुपए का अनुग्रह अनुदान देने का निर्देश दिया। उन्होंने अफसरों को हालात पर पैनी नजर रखने का स्पष्ट निर्देश दिया।

डीजीपी पहुंचे बिहारशरीफ

बिहार के डीजीपी आर एस भट्टी रविवार की देर शाम बिहारशरीफ पहुंचे। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। इधर, उपद्रव के बाद तीसरे दिन डीएम शशांक शुभंकर व एसपी अशोक मिश्रा ने रविवार को शहर के वार्ड पार्षदों व सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक में मार्च निकालने और शांति बहाली की अपील की। मामले में अब तक 10 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। 80 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। शहर में धारा 144 लागू रहने व पूरे जिले में इंटरनेट सेवा बंद की मियाद बढ़ा दी गयी है।

राज्य की शांति भंग करने का प्रयास

जागरण की सुर्खी है रामनवमी के दौरान राज्य की शांति भंग करने का प्रयास था: डीजीपी। रामनवमी के दौरान प्रदेश में व्यापक स्तर पर शांति भंग करने के प्रयास हुए थे लेकिन पुलिस और स्थानीय प्रशासन की कोशिश से समय रहते ही स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया। इसके बावजूद बिहारशरीफ और सासाराम में घटनाएं हुई हैं। बिहारशरीफ में एक व्यक्ति की मौत हो गई। दोनों जिलों में अब तक 109 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। सासाराम में बम विस्फोट की घटना भी हुई है। यह जानकारी प्रदेश के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और डीजीपी आर एस भट्टी ने संयुक्त रूप से दी है।

अर्द्धसैनिक बल तैनात

रामनवमी जुलूस के दौरान हुए उपद्रव के तीसरे दिन रविवार को बिहार शरीफ और सासाराम शहर में केंद्रीय सुरक्षा बल  रैपिड एक्शन फोर्स की एक एक कंपनी तैयार कर दी गई है। जागरण के अनुसार बिहारशरीफ में बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस की एक कंपनी भी बुलाई गई है। दोनों शहरों में आसपास के जिलों से भी बड़ी संख्या में पुलिस बल मंगवा कर गश्त कराई जा रही है।

66 करोड़ लोगों के डेटा का सवाल

जागरण में पहले पेज पर खबर दी है: डाटा चोरी में 11 संस्थाओं को नोटिस। हैदराबाद की साइबराबाद पुलिस ने देश भर में 66.9 करोड़ों लोगों के डेटा चोरी मामले में 11 संस्थाओं को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अखबार के अनुसार पुलिस ने तीन बैंकों, एक इंटरनेट मीडिया कंपनी और एक सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनी सहित अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों को पेश होने को कहा है। इस बीच कांग्रेस ने डेटा चोरी को निजता एवं सुरक्षा पर हमला करार दिया। इस मामले में मुख्य आरोपित विनय भारद्वाज को शनिवार को फरीदाबाद से पुलिस ने गिरफ्तार किया था। विनय 24 राज्यों और 8 शहरों से संबंधित 66.9 करोड़ व्यक्तियों और संगठनों के व्यक्तिगत और गोपनीय डेटा को चोरी करने रखने और बेचने में शामिल था।

कुछ और सुर्खियां

  • अमित शाह का दावा- जदयू के आधे एमपी खटखटा रहे भाजपा के दरवाजे
  • सद्भाव बिगाड़ने की संघी कोशिश पर सरकार की पैनी नजर: तेजस्वी
  • अयोध्या के ऋषि सिंह इंडियन आइडल के विजेता
  • भारत से दोस्ती के लिए जनरल बाजवा ने मुझ पर बनाया था दबाव: इमरान
  • सूरत कोर्ट के फैसले को राहुल गांधी आज देंगे चुनौती
  • दर्शकों की मांग पर छक्का लगाने वाले क्रिकेट के ‘शहज़ादा सलीम’ दुर्रानी नहीं रहे
  • गुजरात दंगों में हत्या और गैंगरेप के 27 आरोपी बरी हुए

अनछपी: बिहारशरीफ और सासाराम के अलावा बिहार की दूसरी जगहों पर हुए उपद्रव को अब शांत करा दिया गया है, यह अच्छी बात है लेकिन यह भविष्य के लिए चेतावनी भी है। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के विरोधी अगर यह कहते हैं कि यह सरकार की लापरवाही है तो वह उसे कैसे झुठला सकते हैं। लेकिन अशांति के इस आपदा को अवसर में बदलने की भारतीय जनता पार्टी की नीति भी बेहद निंदनीय है। इस संदर्भ में भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान भी दुर्भाग्यपूर्ण है। श्री शाह ने दंगाइयों को उल्टा लटका कर सीधा करने की बात तो कही है लेकिन उन्होंने यह नहीं कहा कि वह किसी एक वर्ग के दंगाई नहीं बल्कि हर वर्ग के दंगाई के बारे में यह बात कह रहे हैं। इसकी उम्मीद तो नहीं थी लेकिन फिर भी शायद अमित शाह यह भी कह सकते थे कि लोगों को शांति बनाने में सहयोग करना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी और दूसरे नेताओं के बयान में यह एक बुनियादी फर्क महसूस किया जा सकता है। अमित शाह ने ऐसे संवेदनशील मौके पर भी शायद राजनीति के उच्च स्तर का परिचय नहीं दिया। जिस तरह उन्होंने शांति स्थापना को सीटों की संख्या से जोड़ा वह भी बेहद दुखद और चिंताजनक है। क्या भारतीय जनता पार्टी की राजनीतिक जीत शांति के लिए एक शर्त है? क्या भारतीय जनता पार्टी तब तक शांति न होते नहीं देखना चाहती जब तक के वह राजनीतिक विजय हासिल ना करे? ये ऐसे सवाल हैं जो गैर भाजपा दलों को अवश्य ही पूछना चाहिए। इसके साथ ही सरकार की भी यह जिम्मेदारी है कि वह कहीं भी लापरवाही ना बरतें क्योंकि एक छोटी सी चूक उसकी बड़ी हार का कारण बन सकती है।

 

 

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