छपी-अनछपीः भ्रष्टाचार के जुड़वां टावर गिराये गये, झारखंड में कुढ़न बढ़ा रहे राज्यपाल
बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। नोएडा के जुड़वां टावरों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार रविवार को धमाकों से गिराये जाने की खबर अखबारों में छायी हुई है। उधर, झारखंड में राज्यपाल एक अलग टावर लिये बैठे हैं जिसमें हेेमंत सरकार की सांसें अटकी हैं। इधर, बिहार में महागठबंधन की सरकार ने सीबीआई-ईडी-आईटी के खिलाफ जंग का ऐलान किया है।
हिन्दुस्तान की हेडलाइन हैः एक धमाका जो इतिहास रच गया। इसमें बताया गया है कि नोएडा के जुड़वां टावरों को बारूद के धमाके से उड़ाने में 17.55 करोड़ रुपये लगे। इसके लिए टावरों के पिलर में 9642 छेद कर हर छेद मंे 120 से 365 ग्राम तक का विस्फोटक लगाया गया था। इन दोनों टावरों से करीब 80 हजार टन मलबा निकला जिसे इनके बेसमेंट, सेक्टर एक के प्लांट और एक गांव मंें लगाया जाएगा।
इन टावरों को बनाने वाली कंपनी का कहना है कि उसे 500 करोड़ का घाटा लगा है। इस प्रोजेक्ट को इजाजत देने वाले 24 अफसरों पर अब केस हुए हैं। रोचक बात यह है कि टावर को गिराने में लगी मंुबई की एडिफिस और दक्षिण अफ्रीका की जेट डिमोलिशन कंपनी के अफसरों ने वहां पूजा-अर्चना भी की।
जागरण ने लिखा हैः बेईमानी के टावर ध्वस्त।
प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर हैः सीबीआई, ईडी व आईटी के खिलाफ उतरा महागठबंधन, जन-आंदोलन की चेतावनी। यह खबर बाकी अखबारों में दब सी गयी है। इसमें यह मांग भी की गयी है कि सीबीआई को जांच की जो आम अनुमति मिली हुई उसे वापस लिया जाए।
एशिया कप में भारत की पाकिस्तान पर पांच विकेट से जीत की खबर भी सभी अखबारों में पहले पेज पर छपी है। भास्कर की लीड यही हैः अजेय हिन्दुस्तान।
चार साल में रकम दुगनी करने का झांसा देकर 300 करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह व कथित इंडस वेयर कंपनी का मास्टरमाइंड पटना का अरुणेश उत्तर प्रदेश में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह खबर भास्कर मेें पहले पेज पर है।
भाजपा नेता सुशील मोदी को लगता है कि गठबंधन की यह सरकार बहुत दिनों तक नहीं टिकेगी, यही बात जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछी गयी तो उन्होंने फौरन कहा कि बोलिए न सुशील मोदी सरकार गिरा दें। यह बयान प्रमुखता से छपा है।
कांग्रेस ने लंबे इंतजार के बाद अब यह फैसला किया है कि उसके अध्यक्ष का चुनाव हो जाना चाहिए और इसके लिए 17 अक्तूबर की तारीख तय की है। यह खबर सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी है।
भास्कर की खास खबर हैः 68वीं बीपीएससी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा की वैकेंसी अक्टूबर में आएगी। इसकी एक और अपनी खबर में बताया गया है कि बिहार के 90 नगर निकायों की जीआईएस मैपिंग होगी, ई-प्राॅपर्टी रजिस्टर बनेेगा।
झारखंड मंे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी पर चल रहे सस्पेंस के बीच वहां की सरकार तंग आ चुकी है। इस बारे में भास्कर की सुर्खी हैः झारखंड में सरकार सामने आयी, कहा- राज्यपाल फैसला सुनाएं, 24 घंटे में हम भी निर्णय लेंगे। प्रभात खबर ने लिखा हैः राज्यपाल फैसला जल्द सुनाएं, खरीद-फरोख्त को हवा देना चाहते हैंः यूपीए।
अनछपीः भारत में इस समय चुनाव हारकर भी सरकार बनाने का दौर चल रहा है। चुनाव हारकर विधायकों को तोड़कर या उनसे इस्तीफा दिलवाकर भाजपा को मध्य प्रदेश में सरकार बनाते देखा जा चुका है। राजस्थान में ऐसी कोशिश की जा चुकी है। दिल्ली में भी ऐसी कोशिशों की शिकायत की गयी है। अब झारखंड मंे भी यही खेल हो रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ चुनाव आयोग में सुनवाई के बाद किये गये फैसले को सुनाने मंें राज्यपाल रमेश बैस देरी लगा रहे हैं। ऐसे आरोप लग रहे हैं कि यह देरी वास्तव में विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए हो रही है। ऐसे में यह सवाल भी उभर रहा है कि क्या भाजपा झारखंड में चुनाव हाकर भी वहां सरकार बनाने की फिराक में है। इधर, बिहार मंे पश्चिम बंगाल की तरह यह मांग उठी है कि सरकार को सीबीआई से वह आम अनुमति वापस लेनी चाहिए जिसके तहत केन्द्रीय एजेंसी धड़ल्ले से छापेमारी करती है। भारतीय लोकतंत्र के लिए जनादेश के अपमान का इतना भयावह काल शायद बहुत कम रहा होगा।
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