छपी-अनछपी: कोर्ट से फरार दो अपराधी भाई यूपी में मारे गए, इंडोनेशिया में भूकंप

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बाढ़ कोर्ट हाजत से फरार दो अपराधी भाइयों को बनारस में पुलिस द्वारा मार गिराने की खबर सभी अखबारों में लीड है। उधर गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर होने वाली जनसभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बीच आदिवासी अधिकार के मुद्दे पर जबानी जंग हुई है। अंतरराष्ट्रीय खबरों में इंडोनेशिया के भूकंप में 160 की मौत और पाक आर्मी चीफ की आमदनी में इज़ाफ़ा चर्चा में है।
प्रभात खबर की सबसे बड़ी सुर्खी है: 60 लाख लूटने व दो दरोगा की हत्या करने वाले दो कुख्यात मुठभेड़ में ढेर। भास्कर की सुर्खी है बिहार में पुलिस कुख्यात भाइयों को ढूंढ रही थी, यूपी पुलिस ने किया एनकाउंटर।
हिन्दुस्तान की हेडलाइन है: मुठभेड़ बाढ़ कोर्ट हाजत से फरार दो कुख्यात भाई ढेर। पटना के बाढ़ सिविल कोर्ट हाजत से फरार होने के ढाई माह बाद बैंक लुटेरे मनीष सिंह और रजनीश सिंह को यूपी पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। दोनों सगे भाई थे। वाराणसी में हुई मुठभेड़ में गिरोह का सरगना इनका एक अन्य भाई ललन मौके से भाग निकला। बाढ़ सिविल कोर्ट हाजत में सेंधमारी कर तीनों आठ सितंबर 2022 को फरार हो गए थे। इस मामले में पटना पुलिस को इनकी तलाश थी। सोमवार तड़के वाराणसी पुलिस ने इनमें से दो को मार गिराया। मुठभेड़ वाराणसी के बड़ागांव में रिंग रोड के भेलखा मोड़ पर हुई। इन्हीं बदमाशों ने वाराणसी लक्सा थाने के दारोगा अजय यादव को गोली मारकर उनकी सर्विस पिस्टल लूट ली थी। उनके पास से दारोगा की लूटी गई पिस्टल समेत कई हथियार मिले हैं। मारे गए दोनों अपराधी मूल रूप से समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीनगर थाने के आनंद गोलवां के रहने वाले थे। हालांकि इनके अपराध  का क्षेत्र पटना जिले का बाढ़ इलाका रहा है।

इंडोनेशिया में भूकंप, 162 लोगों की मौत
इंडोनेशिया का मुख्य द्वीप जावा सोमवार को भूकंप से दहल उठा। दर्जनों इमारतें क्षतिग्रस्त होने और भूस्खलन की घटनाओं में 162 लोगों की मौत हो गई, जबकि 700 अन्य घायल हो गए। भूकंप आने के दो घंटे के भीतर 25 हल्के झटके भी महसूस किए गए, जिससे दहशत का माहौल बना रहा। यह खबर सभी जगह है।

रजिस्टर्ड फार्मासिस्टों की मदद से हो अस्पतालों में दवा का वितरण

प्रभात खबर की दूसरी सबसे बड़ी सुर्खी है: रजिस्टर्ड फार्मासिस्टों की मदद से हो अस्पतालों में दवा का वितरण। यह खबर सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी पर आधारित है जिसमें सरकार को यह दिशा निर्देश दिया है। कोर्ट ने पूछा है यदि कोई अप्रशिक्षित व्यक्ति के गलत दवा देने से गंभीर परिणाम हुआ तो कौन जिम्मेदार होगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह बात उस याचिका की सुनवाई के दौरान की है जिसमें कहा गया है कि सरकारी अस्पतालों में दवा वितरण की जिम्मेदारी बिना ट्रेनिंग लिए कर्मियों को सौंपी जाती है।

मालगाड़ी के बेपटरी डिब्बे प्लेटफार्म पर चढ़े, 3 की मौत 
जागरण ने पहले पेज पर यह खबर दी है: ओडिशा में मालगाड़ी के बेपटरी डिब्बे प्लेटफार्म पर चढ़े। इस हादसे में 3 महिलाओं की मौत हो गई जबकि 7 अन्य लोग घायल है। 54 डिब्बों वाली है मालगाड़ी बंगाल के खड़गपुर से ओडिशा के छत्रपुर जा रही थी।

पटना के लोगों को अगले माह से 5जी की सुविधा
प्रभात खबर ने खास खबर में बताया है कि पटना के लोगों को अगले माह से 5जी की सुविधा मिलने लगेगी। रिलायंस जिओ दिसंबर के अंत में गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और पूर्णिया में यह सुविधा शुरू करने वाली है जबकि एयरटेल का फोकस पटना पर है।

जेलों में क्षमता से 21 हजार अधिक कैदी
हिन्दुस्तान ने खबर दी है: राज्य की जेलों में क्षमता से 21 हजार अधिक कैदी। इसमें बताया गया कि एक दर्जन से ज्यादा जेल तो ऐसे हैं जहां कैदियों की भारी भीड़ है। इन जेलों में क्षमता से दो या तीन गुने ज्यादा बंदी रखे गए हैं। गृह विभाग द्वारा सितम्बर के आखिर में जेलों में बंद कैदियों की जारी की गई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। राज्य में कुल 59 जेल हैं, जिसमें कुल 47750 कैदियों को रखने की क्षमता है। हालांकि इसके मुकाबले सितम्बर के आखिर तक 68609 कैदी बंद थे।

पाक आर्मी चीफ बाजवा की संपत्ति क्षेत्र से 457 करोड
भास्कर ने इस खबर को प्रमुखता दी है पाक आर्मी चीफ बाजवा की संपत्ति क76 से 457 करोड रुपए हुई। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की सेवानिवृति से महज 8 दिन पहले बड़ा खुलासा हुआ है। 6 साल के कार्यकाल में सेना प्रमुख अरबों की संपत्ति के मालिक बन गए हैं। पाकिस्ताी की मीडिया की एक रिपोर्ट में ये सनसनीखेज दावा किया गया है। बाजवा के छह साल के कार्यकाल के दौरान उनके परिवार के लोगों, रिश्तेदारों व करीबियों ने शहर कराची, लाहौर, इस्लामाबाद में बड़े फार्म बनाए। विदेशों में संपत्ति खरीदी और पैसा भी भेजा। इस कुल संपत्ति की कीमत 12.7 अरब से ज्यादा बताई जा रही है।

सुपर स्पेशियलिटी संस्थान में नहीं हो रही ओपन हार्ट सर्जरी

हिंदुस्तान ने अपनी खास खबर में बताया है: सुपर स्पेशियलिटी संस्थान में नहीं हो रही ओपन हार्ट सर्जरी। आईजीआईसी यानी इन्दिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी में विशेष चिकित्सकों की कमी बड़ी बाधा बन रही है। निजी अस्पतालों में ओपेन हार्ट सर्जरी कराने में तीन लाख से पांच लाख रुपये खर्च होते हैं। वहीं आईजीआईसी में गरीब मरीजों को यह इलाज लगभग निशुल्क मिलता। सभी संसाधन और उपकरण मौजूद होने के बावजूद सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सक की कमी ऑपरेशन में बड़ी बाधा बनी हुई है। अस्पताल निदेशक डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि संस्थान में मात्र एक एमसीएच किया हुआ चिकित्सक मौजूद है। वे स्वयं एंजियोप्लास्टी करा चुके हैं। ऑपरेशन के लिए कम से कम चार से छह लोगों की टीम की आवश्यकता होती है। बताया कि विभाग से दो साल पहले ही छह सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सकों की तैनाती की मांग की गई थी। लेकिन उनकी तैनाती नहीं हो पा रही है।

आदिवासी अधिकारों पर जबानी जंग

हिन्दुस्तान ने पहले पेज पर सुर्खी लगाई है : मोदी बोले-आदिवासियों से अनजान रही कांग्रेस। इसमें बताया गया है कि गुजरात चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी दलों के दिग्गज मैदान में ताल ठोक रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गुजरात में चुनावी रैली के दौरान कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लंबे समय तक आदिवासियों के अस्तित्व से अनजान रही।
आदिवासी बहुल भरूच जिले के जंबूसार शहर में जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस कभी आदिवासियों का अच्छा नहीं सोच सकती। दूसरी ओर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सूरत  जिले के महुवा में आदिवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी देश के पहले मालिक हैं, लेकिन भाजपा उनके जंगलों को छीनने और उनके बच्चों को आधुनिक शिक्षा से दूर रखने का काम कर रही है। प्रभात खबर ने सुर्खी लगाई है मोदी का राहुल पर तंज, सत्ता से बेदखल लोग वापसी के लिए निकाल रहे यात्रा।

अनछपी: आदिवासी अधिकारों पर प्रधानमंत्री मोदी और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की जबानी जंग महज वोट बटोरने के लिए है या इसके पीछे उनकी भलाई का उद्देश्य भी है? यह ऐसा सवाल है जो हमारे समाज में कभी नहीं पूछा जाता। आदिवासियों के बुरे हाल के लिए काफी हद तक कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है क्योंकि लंबे समय के शासन के बावजूद अगर उनकी हालत नहीं सुधरी है तो यह जिम्मेदारी उसकी बनती है। लेकिन 2014 से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और प्रधानमंत्री जनजातीय लोगों के बारे में तरह-तरह की घोषणा अभी करते रहते हैं। भारतीय जनता पार्टी का पैतृक संगठन आरएसएस भी कई कार्यक्रम चलाता लेकिन इन दोनों की चिंता मुख्यता यह रहती है कि आदिवासियों को कैसे हिंदू बताया और बनाया जाए। आदिवासियों को वनवासी कहना भी विवाद का विषय रहा है जबकि दोनों संगठन आदिवासियों को वनवासी ही कहते हैं।

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