मदरसा के विज्ञान शिक्षकों को वेतन जल्द, सीतामढ़ी जिले के 64 मदरसा शिक्षकों को फिलहाल नहीं होगा भुगतान

बिहार विधान परिषद् से सैयद जावेद हसन

बिहार के अराजकीय प्रस्वीकृत अनुदानित 1128 कोटि के मदरसों में नियुक्त विज्ञान शिक्षकों के लंबित वेतन का भुगतान जल्द किया जाएगा। शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने बिहार विधान परिषद् में शुक्रवार को यह आश्वासन दिया। उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में मौजूद थे।

जेडीयू के डॉ. संजीव कुमार सिंह ने विज्ञान शिक्षकों का मामला उठाते हुए कहा कि अभी तक छह वर्षों में लगभग चार-पांच माह का ही वेतन मिला है। उन्होंने वेतन/मानदेय बढ़ाने की भी मांग की। विज्ञान शिक्षकों को फिलहाल मात्र छह हजार रुपये प्रतिमाह दिए जा रहे हैं।

सीपीआई के संजय कुमार सिंह ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने इस मामले में जवाब दिया है कि मदरसों में विज्ञान शिक्षकों की नियुक्ति केन्द्र प्रायोजित योजना SPQEM (Scheme For Providing Quality Education In Madrasa) के तहत हुई है। केन्द्र सरकार केन्द्र प्रायोजित योजनाओं का पैसा समय पर नहीं देती है। ऐसे में प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह अपने पास से विज्ञान शिक्षकों के मानदेय का भुगतान करे।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि भगवान जाने केन्द्र द्वारा सब राशि कारपोरेट को दी जा रही है या उसका क्या किया जा रहा है।

जेडीयू के गुलाम गौस ने कहा कि भारत सरकार भला मदरसों का विकास क्या करेगी। मंत्री महोदय से अनुरोध है कि वे मौलवियों का वेतन बढ़ाएं।

शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘दिखवा लेंगे।’

ऐसा ही मामला जेडीयू के आफाक अहमद खां ने तारांकित प्रश्न संख्या 546 के माध्यम से उठाया था। उन्होंने कहा था कि विज्ञान शिक्षकों को अपैल 2019 से दिसंबर 2021 तक और नवंबर 2022 से अब मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। इससे शिक्षकों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है और वे भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं।

शिक्षा मंत्री ने उपलब्ध कराए गए लिखित उत्तर में कहा कि ‘कुल 1 करोड़ 2 लाख 22 हजार 364 रुपये की निकासी की गई है जिससे संबंधित जिलों में उक्त योजनान्तर्गत कार्यरत कर्मियों को लगभग 5 महीने का भुगतान किया गया है। केन्द्र द्वारा प्राप्त राशि के व्ययोपरांत अवशेष राशि अद्यतन अप्राप्त है।

 

सीतामढ़ी जिले के 609 कोटि के 64 मदरसा शिक्षकों के लंबित वेतन का भुगतान फिलहाल नहीं
शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने सदन में साफ कहा कि सीतामढ़ी जिले के 609 कोटि के 64 मदरसा शिक्षकों के लंबित वेतन का भुगतान फिलहाल नहीं होगा। विभागीय जांच चल रही है, उसके बाद ही वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू होगी।

यह मामल विधान परिषद् सदस्य रेखा कुमारी, डॉ. कुमुद वर्मा, सर्वश्री सौरभ कुमार, संजय कुमार सिंह, गुलाम गौस, विजय कुमार सिंह, राधाचरण साह और महेश्वर सिंह ने उठाया था।

शिक्षा मंत्री के जवाब पर आपत्ति व्यक्त करते हुए सीपीआई के संजय कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग ने सात-आठ महीना पहले ही जांच रिपोर्ट समर्पित कर दी है। उसके बावजूद मदरसा शिक्षकों के वेतन का भुगतान नहीं हो रहा है। सन् 2020 से उनका वेतन बंद है।

प्रो. गुलाम गौस ने सवाल उठाया कि जांच की प्रक्रिया जब पूरी हो चुकी है, तब वेतन का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है।

संजय कुमार सिंह ने कहा कि मामला सीतामढ़ी के सिर्फ एक मदरसे का था। विभाग ने उसमें 64 मदरसों को शामिल कर लिया। उन्होंने शिक्षा मंत्री से जानना चाहा कि सरकार कब तक इन मदरसा शिक्षकों का भुगतान करेगी?

शिक्षा मंत्री ने कहा कि अन्य मदरसों की भी जांच हो रही है। जांच रिपोर्ट से पटना हाईकोर्ट को अवगत कराकर ही वेतन भुगतान किया जाएगा।

प्रो. गुलाम गौस ने कहा कि हाईकोर्ट ने वेतन भुगतान पर रोक नहीं लगाई है।

संजय कुमार सिंह ने कहा कि विभागीय जांच में जो मदरसे मानक पर खड़ा उतरे हैं, उनका वेतन भुगतान कराया जाए।

इसपर शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘दिखवा लेंगे।’

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