प्रबुद्धजनों ने कहा – मोहम्मद साहब की शिक्षा संपूर्ण मानव जाति के लिए प्रासंगिक

पटना, 8 नवंबर : ‘इस्लाम के आखिरी पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब की शिक्षा सार्वकालिक और संपूर्ण मानव जाति के लिए है। जरूरत इस बात की है कि उनकी शिक्षा को आम लोगों तक पहुंचाया जाए।’ ये विचार रविवार को यहां जमाअते इस्लामी हिन्द, बिहार की ओर से आयोजित पैगम्बर मोहम्मद साहब के जीवन एवं कर्म पर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रबुद्धजनों ने व्यक्त किए।

सेगोष्ठी को संबोधित करते हुए डाॅ. ध्रुव कुमार ने कहा कि हजरत मोहम्मद साहब ने अपने व्यवहारिक जीवन में सहिष्णुता और सदव्यवहार
पर बहुत जोर दिया। उन्होंने महिलाओं को मान-सम्मान और अधिकार दिलाया। उन्होंने कहा कि इस्लाम में पर्यावरण संरक्षण पर भी काफी बल दिया गया है।

गुरुद्वारा प्रबंधक समिति, पटना सहिब के सचिव सरदर तिरलोक सिंह ने कहा कि इस्लाम और मुसलमान के बारे में बहुत सी भ्रांतियां फैली हुई हैं जिन्हें हजरत मोहम्मद साहब की शिक्षा को दूसरों तक फैलाकर ही दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे साथ दिक्कत यह है कि हम अपने दायरे में ही सिमट कर रह जाते हैं। अपने धर्म की बातें दूसरों तक पहुंचाई जानी चाहिए।

जैन धर्म के स्काॅलर अरुण कुमार कात्यायन ने कुरआन की आयतों का हिन्दी अनुवाद के साथ प्रवचन किया और कहा कि करम ही अल्लाह की बंदगी है।

इस अवसर पर जमाअते इस्लामी हिन्द बिहार के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना रिजवान अहमद इस्लाही ने कहा कि मोहम्मद साहब ने जीवन के हरेक क्षेत्र में मार्गदर्शन किया है। पैगम्बर साहब ने केवल जीवन का दर्शन ही नहीं दिया, बल्कि अपने व्यवहारिक जीवन में उसको करके भी दिखाया। मौलाना ने कहा कि आदर्श समाज के निर्माण के लिए हजरत मोहम्मद साहब की शिक्षा प्रासंगिक है।

संगोष्ठी में विभिन्न धर्मों के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

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