एसएसपी ने की आरएसएस से पीएफआई की तुलना, बीजेपी ने कहा-बर्खास्त करो
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना।
फुलवारी शरीफ के नया टोला स्थित एक मकान से पुलिस के अनुसार बरामद आपत्तिजनक सामग्री और इस मामले में गिरफ़्तारी की खबर सभी अखबारों की पहली खबर है। इस खबर के बीच जो एक बड़ा विवाद उभर कर सामने आया है वह है पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो द्वारा आरएसएस की तुलना पीएफआई से करने का। इस मामले में भाजपा ने श्री ढिल्लो से माफी मांगने या उन्हें हटाने मांग की है।
फुलवारी शरीफ के बारे में शनिवार को पटना के सीनियर एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने दावा किया कि गिरफ्तार लोगों का संबंध पीएफ़आई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से है और ये युवाओं का ब्रेन वाश करने में लगे हुए थे। उन्होंने यह भी कहा कि इस काम के लिए मार्शल आर्ट के नाम पर ट्रेनिंग दी जा रही थी और यह काम मस्जिदों और मदरसों में हो रहा था।
हिंदुस्तान अखबार की हेडलाइन है: फुलवारी में बांग्लादेश के जेएमबी मॉड्यूल की ट्रेनिंग। जेएमबी यानी जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश। अख़बार के अनुसार इस मामले में दर्ज एफआइआर में 26 लोगों को नामजद किया गया है। इनमें तीन की गिरफ्तारी हुई है जबकि दो को जेल भेजा जा चुका है।
इन पर धार्मिक उन्माद फैलाने और हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने का आरोप है। इस अखबार के अनुसार अन्य अभियुक्त पूर्वी चंपारण, नालंदा, दरभंगा, मधुबनी, कटिहार, अररिया, वैशाली, मुजफ्फरपुर और सारण के हैं।
प्रभात खबर ने सुर्खी लगाई है: देश विरोधी मुहिम चलाए जाने के नेटवर्क का भंडाफोड़ 26 लोगों पर एफआईआर।
जागरण ने लिखा है सरकार से सेना तक पर कब्जे की मंशा लेकर चल रहा था पीएफआई। इसकी खबर में बताया गया है कि एक बुकलेट मिला है जिसमें एक खतरनाक मिशन की ओर इशारा है।
भास्कर ने लिखा है: PFI के निशाने पर पीएम, जस्सी बोले आरएसएस जैसी इसकी ट्रेनिंग।
जागरण ने लिखा है: एसएसपी ढिल्लो ने पीएफआई की तुलना संघ से की। एडीजी ने कहा एक से दूसरे संगठनों की तुलना ठीक नहीं। यह मुद्दा सभी अखबारों में छाया हुआ है।
आर्म्स एक्ट में दोषी करार दिए गए अनन्त सिंह की विधायकी जाने की खबर भी सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी है।
सिमुलतला आवासीय आवासीय विद्यालय में नामांकन के लिए आज से आवेदन भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह खबर भी प्रमुखता से छपी है।
संसद में कुछ नए शब्दों के प्रयोग पर पाबंदी संबंधित खबर आने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा है कि संसदीय चर्चा में कोई भी शब्द प्रतिबंधित नहीं है।
अनछपी: फुलवारी शरीफ में पीएफआई की कथित गतिविधियों के बाद एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने जो बयान आरएसएस के बारे में दिया है, वह बेहद विचारणीय है हालाँकि बीजेपी के भारी विरोध के बाद एडीजी जे एस गंगवार ने कहा है कि यह तुलना ठीक नहीं। लेकिन बहुत से लोग यह सवाल कर रहे हैं कि अगर मानव जीत सिंह ढिल्लों की बात को सही माना जाए तो क्या उसी तरह की कार्रवाई आरएसएस की शाखाओं में जाने वाले लोगों पर और खुद आरएसएस के नहीं होनी चाहिए जिसके लिए उन्होंने दूसरे संगठन के लोगों को गिरफ्तार किया है। पीएफआई शुरू से विवादास्पद संगठन रहा है लेकिन इसके कई मामले ऐसे हैं जिनके सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद अदालत ने उन्हें बरी किया है।
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