छपी-अनछपीः महराष्ट्र सरकार गिरेगी? होली की मिठाइयों के नमून की जांच रिपोर्ट चोरी
बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। बिहार के अखबारों में गुरुवार को महाराष्ट्र की खबर छायी हुई है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पार्टी शिव सेना के करीब 34 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ बगावत के लिए तैयार कराये गये हैं। इन बागी विधायकों को भाजपा का पूरा समर्थन है, इन्हें पहले गुजरात ले जाया गया था। अब इनका ठिकाना असम में है। दल बदल कानून से बचने के लिए उनके पास 37 विधायक होने चाहिए।
भास्कर की हेडलाइन है- अब मातोश्री से मोर्चा। मातोश्री बाल ठाकरे के जमाने से शिवसेना का हेडक्वार्टर है। हिन्दुस्तान ने सुर्खी लगायी हैः ठाकरे पहुंचे मातोश्री, पद नहीं छोड़ेंगे। टाइम्स आॅफ इंडिया की सबसे अहम खबर यही है जिसमें बताया गया है कि उद्धव ठाकरे ने पद छोड़ने का प्रस्ताव दिया है।
प्रभात खबर की खास खबर है- कोलकाता से आ रही 1500 खाद्य सैंपलों की जाचं रिपोर्ट रास्ते में हो गयी चोरी। ये नमूने होली के दौरान लिये गये थे। एक तो बिहार में ऐसे नमूने की जांच की सुविधा नहीं है, दूसरे इतने दिनों के बाद जो रिपोर्ट मिली वह भी चोरी हो गयी। यह रिपोर्ट 4000 पन्नों की बतायी गयी है। जाहिर है, इस तरह नकली और मिलावटी मिठाई बेचने वालों पर कार्रवाई कैसे होगी।
भाजपा की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मु को नीतीश कुमार का समर्थन मिलने की खबर भी सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी है। हिन्दुस्तान ने अपनी सुर्खी में बताया है- आदिवासी महिला को राष्ट्रपति प्रत्याशी बनाना खुशी की बातः नीतीश।
अफगानिस्तान में भूकंप आने से एक हजार से अधिक लोगों की मौत की खबर भी सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी है।
अनछपीः टाइम्स आॅफ इंडिया की खबर है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि जिनके मकान तोड़े जा रहे उसका संबंध दंगों से नहीं है। जबकि सरकार हमेशा यह डीेंग हांकती है कि दंगों के आरोपितों के घर पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। हकीकत यह है कि जो सरकार के दमन का विरोध करते हैं उनके घर पर बुलडोजर चलवाया जाता है। अपने वोटरों को खुश करने के लिए यह प्रचारित करवाया जाता है कि देखो ऐसे लोगों को कैसे टाइट रखा जाता है। यही बात जब केार्ट में पहुंचती है तो सरकार वहां भीगी बिल्ली बनकर कानून का रखवाले की भूमिका में नजर आते दिखना चाहती है। और उन घरों के अतिक्रमण और अन्य कानूनी दांवों के सहारे तोड़ने के प्रयास को कारण बताती है। यह बात कोर्ट को समझनी होगी।
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