छपी-अनछ्पी: 87 हज़ार करोड़ का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं, दिलीप जायसवाल बीजेपी के बिहार अध्यक्ष

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। सीएजी ने बिहार के विभिन्न विभागों से 87000 करोड़ रुपए के उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिलने की रिपोर्ट जारी की है। भारतीय जनता पार्टी ने दिलीप जायसवाल को बिहार का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। निगरानी विभाग ने कृषि विभाग के एक संयुक्त निदेशक को तीन लाख रुपये घूस लेते गिरफ्तार किया है। पेरिस ओलंपिक का आज उद्घाटन हो रहा है।

हिन्दुस्तान के अनुसार भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक (सीएजी) ने 31 मार्च, 2023 तक की अपनी रिपोर्ट में विभिन्न विभागों द्वारा उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा नहीं करने का मामला प्रकाश में लाया है। इसमें साफ कहा गया है कि 31 मार्च, 2023 तक 87 हजार 947 करोड़ का उपयोगित प्रमाणपत्र नहीं मिला है। वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने गुरुवार को विधानसभा में भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक (सीएजी) से प्राप्त 31 मार्च 2022 और 31 मार्च 2023 तक के विभिन्न प्रतिवेदन सदन के पटल पर रखा। रिपोर्ट में बताया गया है कि सबसे अधिक 26 हजार 692 करोड़ का उपयोगिता प्रमाणपत्र शिक्षा विभाग का बकाया है। भास्कर ने लिखा है कि कैग रिपोर्ट में पटना स्मार्ट सिटी की परियोजनाओं के फेल होने की बात कही गई है जबकि इन परियोजनाओं के लिए कई स्तर पर धनराशि खर्च कर दी गई। स्मार्ट सिटी ने अक्टूबर 2022 तक 44 परियोजनाओं को स्वीकृत किया लेकिन इनमें से 29 परियोजनाएं फेल हो गईं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये परियोजनाएं पूरी तरह से अव्यावहारिक पाए जाने के कारण शुरू नहीं की जा सकीं। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने अगस्त 2022 तक 455.88 करोड़ की उपलब्ध निधि के विरुद्ध 132.51 करोड़ ही खर्च किया।

जायसवाल बने बिहार बीजेपी अध्यक्ष

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार बिहार भाजपा में बड़ा उलटफेर हुआ है। गुरुवार देर रात राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वैश्य समाज से आने वाले दिलीप जायसवाल को सम्राट चौधरी की जगह प्रदेश भाजपा की कमान सौंपी है। सम्राट को करीब 16 माह पहले 23 मार्च 2023 को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी। 61 वर्षीय डॉ. जायसवाल को गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। खगड़िया के मूल निवासी दिलीप जायसवाल पूर्णिया अररिया, किशनगंज क्षेत्र से तीसरी बार विधान पार्षद हैं। कई वर्षों तक वह प्रदेश भाजपा के कोषाध्यक्ष रहे। अभी सिक्किम के प्रभारी हैं।

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक गिरफ्तार

प्रभात खबर के अनुसार निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की एक टीम ने गुरुवार को पटना प्रमंडल के संयुक्त कृषि निदेशक विभु विद्यार्थी को अपने प्रधान लिपिक सत्यनारायण कुमार के साथ तीन लाख रुपये रिश्वत लेते कार्यालय से रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह राशि शिकायतकर्ता नीरज कुमार से मांगे गए स्पष्टीकरण पर दोष मुक्त करने के बदले में ली जा रही थी। गिरफ्तारी के बाद उन दोनों से निगरानी के पदाधिकारी ने भी पूछताछ की। फिर दोनों को विशेष अदालत में पेश किया गया। इसके बाद उन दोनों को जेल भेज दिया गया। नीरज से 10 लख रुपए रिश्वत की मांग की गई थी और यह ₹300000 पहली किस्त के तौर पर दिए गए थे।

ओलम्पिक्स आज से

भास्कर के अनुसार शुक्रवार को फ्रांस की राजधानी पेरिस में ओपनिंग सेरेमनी से ओलंपिक 2024 का रंगारंग आगाज होगा। 11 अगस्त तक चलने वाले इन खेलों में दुनिया भर के 206 देशों के 10 हज़ार 714 एथलीट शिरकत करेंगे। इस विशाल आयोजन में भारत ने अपने 117 खिलाड़ी भेजे हैं जिनसे 16 खेलों और 69 इवेंट्स में भारत को पदकों की उम्मीद होगी। इससे पहले बैडमिंटन में दो बार की ओलंपिक मेडलिस्ट पीवी सिंधु और पांचवी बार ओलंपिक में उतर रहे 42 साल के टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल उद्घाटन समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।

ललन बताएं…क्यों बोलीं राबड़ी?

हिन्दुस्तान के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री व विधान परिषद में विपक्ष की नेता राबड़ी देवी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ललन सिंह को बताना चाहिए की उनकी मां और पत्नी कितनी पढ़ी-लिखी हैं। ललन सिंह ने अपनी मां और पत्नी को कितना पढ़ाया है, जो दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं। सर्टिफिकेट दें कि उनकी मां-पत्नी कितनी पढ़ी हैं। गुरुवार को विधानमंडल परिसर में मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह लगातार महिलाओं का अपमान कर रहे हैं। उन्हें माफी मांगनी चाहिए। गौरतलब हो कि केंद्रीय बजट को राबड़ी देवी द्वारा झुनझुना बताने पर ललन सिंह ने दिल्ली में मीडिया से कहा था कि राबड़ी देवी कितना लंबा साइन करती हैं, इसे कभी देख लीजिए। बजट जैसी चीज उनको कहां से समझ में आएगा।

सुनील सिंह की विधान परिषद सदस्यता खतरे में

भास्कर के अनुसार आरजेडी एमएलसी सुनील कुमार सिंह की सदस्यता शुक्रवार को खत्म हो सकती है। विधान परिषद में प्रतिपक्ष के मुख्य सचेतक सुनील कुमार सिंह की सदस्यता खत्म करने को लेकर आचार समिति ने अनुशंसा की है। जांच रिपोर्ट गुरुवार को विधान परिषद के पटल पर लाया गया है जिस पर विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह शुक्रवार को फैसला करेंगे। सुनील कुमार सिंह और कारी सोहेब ने पिछले सत्र में 13 फरवरी 2024 को सीएम नीतीश कुमार की मिमिक्री की थी। यह मामला आचार समिति के पास पहुंचा था। आचार समिति की जांच में दोनों दोषी पाए गए। कारी साहेब ने अपनी गलती मान ली तो उन्हें छोड़ दिया गया।

दुबे का खतरनाक आरोप: संथाल परगना में बढ़ी मुस्लिम आबादी

हिन्दुस्तान के अनुसार झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने संथाल परगना में बढ़ती मुस्लिम आबादी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश से झारखंड में लगातार घुसपैठ हो रही है। दुबे आरोप लगाया कि बांग्लादेशी घुसपैठिये उनके क्षेत्र में आकर आदिवासी महिलाओं से शादी कर रहे हैं। इससे क्षेत्र में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है। दुबे ने कहा कि वर्ष 2000 में आदिवासियों की जनसंख्या संथाल परगना में 36 फीसदी थी और अब 26 प्रतिशत रह गई है। ऐसे में यह सवाल है कि 10 फीसदी आदिवासी कहां गायब हो गए। उन्होंने कहा कि कई सीट पर जनसंख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है। आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद के लोग आकर हमारे लोगों को भगा रहे हैं। इसकी वजह से हिंदुओं के गांव के गांव खाली हो रहे हैं।

कुछ और सुर्खियां

  • बिहार सरकार एक लाख 60 हज़ार शिक्षकों की और नियुक्ति करेगी, विज्ञापन अगस्त में
  • विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी को पीएम नरेंद्र मोदी ने पत्र लिख शोक प्रकट किया
  • ब्लॉक हॉर्टिकल्चर ऑफ़िसर के 318 पदों के लिए 17577 आवेदन
  • खनिज संपदा वाली भूमि पर कर वसूलना राज्यों का हक: सुप्रीम कोर्ट
  • एम्स, पटना में अगले महीने से किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा
  • दल बदल मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा के लोबिन हेंब्रम और भारतीय जनता पार्टी के जेपी पटेल की विधानसभा की सदस्यता रद्द
  • जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता राजीव रंजन का निधन
  • सीबीआई मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ी
  • पुणे में वर्षा से भारी परेशानी, बचाव में सेना जुटी

अनछपी: यह सोचकर अजीब लगता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक और महिला सशक्तिकरण का श्रेय दिया जाता है तो दूसरी और उन पर और उनकी पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों पर महिलाओं के अपमान का आरोप भी लगता है। ताजा मामला जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह का है जिन्होंने राबड़ी देवी के बारे में ऐसा बयान दिया जिससे साफ लगता है कि उन्होंने उनका मजाक उड़ाया और यह साबित करने की कोशिश की कि कम पढ़ी-लिखी होने के कारण उन्हें बजट समझ में नहीं आता है। इस तरह ललन सिंह यह कहना चाहते थे कि बजट पर राबड़ी देवी के बयान को कोई तवज्जो न दी जाए। हालांकि सच्चाई यह है कि विधान परिषद की सदस्य रहने के दौरान उन्होंने काफी कुछ सीख लिया है और बजट की मोटी बातें तो उन्हें जरूर समझ में आती हैं। यह सवाल भी किया जा सकता है कि ललन सिंह खुद अर्थव्यवस्था के कितने बड़े माहिर हैं? अब तो उन्हें राबड़ी देवी के भी इस सवाल का जवाब देना है कि उन्होंने अपनी पत्नी को कितना पढ़ाया है। इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विधानसभा में दिया गया वह बयान भी चर्चित है जिसमें उन्होंने राजद की एक महिला विधायक को संबोधित करते हुए कहा था महिला हो… जानती हो। इस बयान पर भी काफी विवाद हुआ था और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महिला विरोधी होने का आरोप झेलना पड़ा था। इससे पहले महिलाओं की प्रजनन संबंधी बात का उल्लेख नीतीश कुमार ने कुछ इस तरह किया कि उनपर अश्लीलता का आरोप भी लगा। जहां तक ललन सिंह की बात है तो उनसे यह भी पूछा जाना चाहिए कि 2015 और उसके बाद 2022 में जब उनकी पार्टी ने राजद से समझौता किया था तब उन्होंने राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव की शिक्षा पर सवाल क्यों नहीं उठाए थे? सच्चाई यह है कि पढ़ाई पर सवाल उठाना दरअसल नेताओं की अवसरवादिता का परिचायक है कि जब उन्हें समर्थन चाहिए तो राबड़ी देवी व तेजस्वी यादव की शिक्षा पर सवाल नहीं उठाते और जब उनके विरुद्ध हो जाते तो उनकी शिक्षा पर सवाल उठाते हैं। क्या नेताओं की छलबुद्धि को जनता नहीं समझ पाती है? ललन सिंह जैसे नेताओं को चाहिए कि इस तरह का बयान ना दें, नहीं तो इसका परिणाम यह होगा कि ऐसा बयान कादो कीचड़ में बदल जाएगा।

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