BIHAR में खत्म की जा रही है मदरसा तालीम, NITISH सरकार अपने ही बनाए नियमों का कर रही है उल्लंघन
सैयद जावेद हसन, बिहार लोक संवाद
मदरसा एजुकेशन के तहत बिहार में फौकानिया यानी मैट्रिक और मौलवी यानी इंटर के चारों स्ट्रीम- मौलवी आर्ट्स, मौलवी साइंस, मौलवी कॉमर्स और मौलवी इस्लामियात के सालाना इम्तेहानात 25 जनवरी को खत्म हो गए। कुल 99 हजार, 684 तुलबा ने फॉर्म भरे थे जिनमें से 94 फीसद इम्तहान में बैठे। दोनों इम्तेहानों में 68 फीसद छात्र और 32 फीसद छात्राएं शामिल हैं। मदरसा बोर्ड के सूत्रों के अनुसार, मार्च के पहले हफ्ते में दोनों इम्तेहानात के नताएज का एलान कर दिया जाएगा। बहुत मुमकिन है कि बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशन बोर्ड बीएसईबी और सीबीएसई से पहले रिजल्ट जारी कर दे। सुनने में ये बातें बहुत अच्छी लगती हैं। लेकिन क्या वाकई मदरसा तालीम में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है?
इस सवाल के जवाब में बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सैयद मोहिब्बुल हसन कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आरएसएस के इशारे पर बिहार से मदरसा शिक्षा को समाप्त करने की साजिश कर रहे हैं।
मोहिब्बुल हसन के इस दावे की तह में जाने पर बिहार लोक संवाद को ऐसी कई बातें मालूम हुईं जो मौजूदा नीतीश सरकार में शामिल कुछ मंत्रियों और अफसरों की बदनीयती की तरफ इशारा करती हैं। मदरसा एजुकेशन को तबाह करने के लिए सबसे बड़ा हथियार मदरसा बोर्ड के एक्ट में संशोधन को बनाया गया। इमारते शरीया के कायम मकाम नाजिम मौलाना शिबली अल कासमी कहते हैं कि ये संशोधन मदरसा तालीम के हितों के खिलाफ है।
तत्कालीन शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा था कि मदरसा बोर्ड में फैले भ्रष्टचार को खत्म करने के लिए मदरसा एक्ट में संशोधन किया गया है। डॉक्टर मोहिब्बुल हसन कहते हैं कि भ्रष्टाचार में डूबी नीतीश सरकार ने भ्रष्टाचार खत्म करने के नाम पर मदरसा बोर्ड की आजादी को ही खत्म कर दिया।
ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के नायब सद्र मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी कहते हैं कि मदरसा बोर्ड के ऐक्ट में संशोधन करके सरकार ने मदरसों के माइनॉरिटी स्टैटस को ही समाप्त कर दिया।
मदरसा बोर्ड का मायनॉरिटी स्टैटस खत्म कर दिए जाने की वजह से मदरसों को किन मुश्किलात का सामना करना पड़ रहा है, इसका जिक्र मदरसा डेवलपमेंअ आर्गनाइजेशन के संरक्षक अब्दुल कुद्दूस इन अलफाज में करते हैं।
दिलचस्प बात तो ये है कि नीतीश सरकार ने मदरसा बोर्ड के ऐक्ट में संशोधन तो कर दिया लेकिन अब वो खुद उसी ऐक्ट का उल्लंघन कर रही है। इस बारे में उर्दू अखबार इंक्लाब के सीनीयर कॉरस्पॉंडेंट जावेद अखतर ने टेलीफोन पर बिहार लोक संवाद से बात की।
मौलाना अनुसर्रहमान कासमी कहते हैं कि एक्ट में संशोधन के बाद से ही मदरसा बोर्ड में चेयरमैन की नियुक्ति का सिलसिला बंद हो गया।
मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी और अब्दुल कुद्दूस के मुताबिक, मदरसा बार्ड का पुनर्गठन और चेयरमैन की निुयक्ति नहीं होने की वजह से मदरसों, मदरसा टीचरों और सबसे बढ़कर बच्चों का काफी नुकसान हो रहा है।
जावेद अखतर कहते हैं कि पूरा मदरसा बोर्ड काम चलाऊ तरीके से, रिटायर्ड लोगों के भरोसे और एक्सटेंशन पर चल रहा है।
हाल के दिनों में पटना में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमां खां की तवज्जो मदरसों की बदहाली की तरफ दिलाई गई थी। इसपर उन्होंने आश्वासन दिया था कि बहुत जल्द मदरसा शिक्षा बोर्ड का गठन कर दिया जाएगा
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री को आश्वासन दिए हुए दो हफ्ते गुजर चुके हैं। बिहार में प्रगति यात्रा जारी है जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, वर्तमान शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, पूर्व शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी और वर्तमान अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमां खां को एक साथ देखा जा सकता है। हर हफ्ते कैबिनेट की बैठक भी होती है और बिहार के मदरसो की समस्याओं का समाधान भी कैबिनेट से ही होना है। समाधान क्यों नहीं हो रहा है, ये एक बड़ा सवाल है।
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