छ्पी-अनछपी: बिहार सरकार का शिक्षा लोन ब्याज मुक्त, तेजस्वी बोले- मुद्दे से भटकाने को घुसपैठ की रट

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार सरकार के स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत दिए जाने वाले चार लाख रुपए के लोन पर अब किसी से सूद नहीं लिया जाएगा। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि घुसपैठ का आरोप असली मुद्दों से भटकाने के लिए है। देहरादून में भारी वर्षा से 18 लोगों की मौत हो गई है। बिहार के सभी सरकारी जूनियर डॉक्टर आज से हड़ताल पर रहेंगे।

और, जानिएगा कि बिहार में सड़क हादसों में देश के औसत से दुगनी मौत होती है।

पहली ख़बर

हिन्दुस्तान के अनुसार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत दिए जाने वाले शिक्षा ऋण की राशि अब सभी आवेदकों के लिए ब्याज रहित होगी। इसकी राशि लौटाने की अवधि भी बढ़ा दी गयी है। अब उन्हें राशि लौटाने के लिए दस वर्षों तक का समय मिलेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को एक्स पर पोस्ट कर यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि मुझे यह बताते हुए अत्यंत खुशी हो रही है कि अब स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले शिक्षा ऋण की राशि सभी आवेदकों के लिए ब्याज रहित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दो लाख रुपए तक के शिक्षा ऋण को 60 मासिक किस्तों (पांच वर्ष) में वापस करने का प्रावधान था, जिसे अब बढ़ाकर अधिकतम 84 मासिक किस्तों (सात वर्ष) में तथा दो लाख से ऊपर ऋण राशि को 84 मासिक (सात वर्ष) किस्तों से बढ़ाकर अधिकतम 120 मासिक (दस वर्ष) किस्तों में वापस करने का प्रावधान किया गया है।

मुद्दे से भटकाने को घुसपैठ की रट: तेजस्वी

जागरण के अनुसार बिहार में घुसपैठ के विरुद्ध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को राजद नेता तेजस्वी यादव ने विधानसभा चुनाव से पहले मूल मुद्दों से ध्यान भटकने की रणनीति बताया है। मंगलवार को तेजस्वी ने आरोप लगाया कि एनडीए को सुशासन, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने और जनता की शिकायतों के त्वरित निष्पादन में अपनी नाकामी का एहसास है। इसीलिए घुसपैठ का बहाना है। इसी के साथ तेजस्वी ने दावा किया कि चुनाव में भाजपा ही एनडीए को हराएगी। इसी के साथ उन्होंने पढ़ाई, दवाई, कमाई, सुनवाई और कार्रवाई वाली सरकार देने का वादा किया। तेजस्वी ने कहा कि एक पल के लिए मान लें कि बिहार में घुसपैठ हैं तो प्रश्न उठता है कि मोदी अब तक क्या करते रहे? वे 11 वर्ष से सत्ता में हैं। इसके अलावा भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए 20 वर्ष से बिहार प्रशासन कर रहा है। क्या सत्ताधारी गठबंधन बिहार में एक भी घुसपैठिए की पहचान कर पाया है। यह बताना जरूरी है कि पिछले वर्ष झारखंड में भी विधानसभा चुनाव के दौरान मोदी ने इसी तरह का हव्वा खड़ा किया था। अब वह उस बात को भूल गए हैं।

देहरादून में भारी वर्षा से 18 लोगों की मौत

जागरण के अनुसार सोमवार रात से लेकर मंगलवार सुबह तक देहरादून में चौतरफा कुदरत का कहर बरपा। इस दौरान बादल फटने और अतिवृष्टि से नदियां उफान पर आ गईं और सहस्रधारा, मसूरी समेत कई क्षेत्रों में जमीन खिसकने से भारी नुकसान हुआ। नदियों के उफान और भूस्खलन के मलबे की चपेट में आने से जिले में 18 लोगों की मौत हो गई जबकि 16 लापता है। हालांकि प्रशासन की ओर से 13 की मौत और 16 लोगों के लापता होने का आंकड़ा जारी किया गया है। उधर हिमाचल के मंडी जिले में सोमवार रात व मंगलवार को जमीन खिसकने और पानी के तेज बहाव में पांच लोगों की मौत हो गई जबकि दो लापता हैं।

बिहार के सभी सरकारी जूनियर डॉक्टर आज से हड़ताल पर

हिन्दुस्तान के अनुसार के सभी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में बुधवार से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे। आपातकालीन सेवाओं को छोड़ शेष सभी गैर-आपातकालीन सेवाओं का कार्य बहिष्कार करेंगे। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं तबतक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। मंगलवार को अस्पताल के सभी जूनियर डॉक्टरों ने काला पट्टी बांध विरोध जताया है। बिहार के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग से बार-बार निवेदन करने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

चीफ जस्टिस बोले- भगवान से कहिए वहीं कुछ करें

भास्कर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को विश्व धरोहर खजुराहो मंदिर शृंखला के जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की क्षतिग्रस्त मूर्ति के पुनर्निर्माण व पुनः प्रतिष्ठा की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने इसे प्रचार का हथकंडा बताया। सीजीआई ने कहा, “यह पूरी तरह पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन है। जाइए और खुद भगवान से कहिए कि वही कुछ करें। आप भगवान विष्णु के प्रबल भक्त हैं तो प्रार्थना कीजिए और ध्यान कीजिए।”

बिहार में सड़क हादसों में राष्ट्रीय औसत से दुगनी मौत

हिन्दुस्तान के अनुसार बिहार में सड़क हादसे में देश के औसत से दोगुने लोगों की मौत हो रही है। राज्य में दुर्घटना में घायल हर 100 में 80 लोगों की मौत हो जा रही है। मौत मामले में मिजोरम के बाद बिहार दूसरे पायदान पर है। हालांकि बीते वर्षों की तुलना में राज्य में होने वाली मौतों में मामूली कमी आई है। सड़क हादसों में होने वाली मौतों में देश के 10 राज्यों में मिजोरम पहले पायदान पर है। मिजोरम में सड़क दुर्घटना के शिकार 85 फीसदी लोगों की मौतें हो रही हैं। इसके बाद बिहार का स्थान है। वहीं पंजाब में 77.5 फीसदी, झारखंड में 75.3 फीसदी, लक्षद्वीप में 66.7 फीसदी, मेघालय में 65.9 फीसदी, अरुणाचल प्रदेश में 65.2 फीसदी, उत्तराखंड में 62.2 फीसदी, उत्तरप्रदेश में 54.1 फीसदी तो दसवें पायदान पर रहे गुजरात में 48.4 फीसदी लोगों की मौत हो रही है। परिवहन विभाग के अनुसार बिहार में 2019 में हादसे के शिकार हर 100 में 72 लोगों की मौत हो रही थी, लेकिन 2020 में यह बढ़कर 77.5 फीसदी पर पहुंच गई। अगले वर्ष 2021 में आंकड़ा 80.2 फीसदी हो गया। सबसे अधिक 2022 में हादसे के शिकार हुए हर 100 में 82 फीसदी लोगों की मौत हुई। वर्ष 2023 में इसमें कमी आई और यह घटकर 80.56 फीसदी पर आ गया। पिछले वर्ष 2024 में सड़क हादसों से होने वाली मौतें 78.57 फीसदी पर आईं। हालांकि इस वर्ष फिर इसमें वृद्धि हो गई है। इस वर्ष हर 100 में से 79.58 फीसदी लोगों की मौत हो रही है।

कुछ और सुर्खियां:

  • अमित शाह 18 सितंबर को बिहार के 20 जिलों के भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ डेहरी ऑन सोन में विचार विमर्श करेंगे
  • गया-कोडरमा रेल खंड के गुरपा गझंढी घाटी क्षेत्र में दोनों ट्रैक पर गिरी चट्टान, 2 घंटे रुकी रही ट्रेनें
  • एशिया कप क्रिकेट में रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट को हटाने की पाकिस्तान की मांग खारिज
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचपन पर बनी लघु फिल्म बिहार में 50000 जगहों पर दिखाएगी भाजपा
  • अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व क्रिकेटरों रॉबिन उथप्पा और युवराज सिंह से ईडी पूछताछ करेगी

अनछपी: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 75वीं सालगिरह मनाई जा रही है। इस मौके पर उन्हें आमतौर पर दी जाने वाली बधाई के अलावा इसे विशेष आयोजन बनाने के लिए सरकारी और पार्टी के स्तर पर भी बहुत सारे प्रचार के उपाय किए गए हैं। इसके साथ ही प्रमुख खिलाड़ियों और पत्रकारों और दूसरे लोगों द्वारा भी #MyModiStory के नाम से कहानियां लोगों को बताई जा रही हैं। इन कहानियों में मोदी की भूरि भूरि प्रशंसा की जा रही है और उनके व्यक्तित्व को महान बताने की कोशिश भी इसमें शामिल है। उदाहरण के लिए एक पत्रकार ने इस पर सुखद आश्चर्य व्यक्त किया कि कैसे जब वह उनका इंटरव्यू लेने पहुंचीं तो उन्होंने उन्हें पहचान लिया। इसके अलावा एक मुस्लिम खिलाड़ी से यह बयान दिलवाया गया है कि कैसे 2023 के विश्व कप में जब भारत फाइनल में हार गया तो प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें ढांढस बढ़ाया और अपने बड़े व्यक्तित्व का परिचय दिया। आप ऐसी प्रतिक्रियाओं को स्वाभाविक भी मान सकते हैं और आप इस पर शक भी कर सकते हैं कि क्या वह वाकई स्वाभाविक बातें थीं, या उनसे कहलवाई गई हैं। बिहार में जिन 243 विधानसभा क्षेत्रों के 50000 जगह पर प्रधानमंत्री मोदी के बचपन पर आधारित फिल्म दिखाई जाएगी, उसके बारे में यह जानना रोचक होगा कि उसका खर्चा भारतीय जनता पार्टी उठाएगी या यह पैसे सरकार से मिलेंगे। जो भी हो भारत में एक बड़ा तबका वैसा भी है जो इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विवादास्पद बयानों और उनकी अल्पसंख्यक विरोधी छवि को भी याद करेगा। प्रधानमंत्री का मुसलमानों के बारे में बयान, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के डीएनए के बारे में बयान, कांग्रेस के नेता सोनिया गांधी के बारे में बयान, कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी के बारे में बयान और भी कई विरोधियों के बारे में उनके आपत्तिजनक बयानों को याद किया जा सकता है। बहुत से लोग यह सवाल भी कर रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी और उसके पैतृक संगठन आरएसएस ने 75 साल की उम्र में रिटायरमेंट की जो नीति बनाई थी वह आखिर नरेंद्र मोदी पर क्यों लागू नहीं की गई?

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