छ्पी-अनछपी: अब सभी वोटरों को मिलेगा नया कार्ड, तेजस्वी के वोटर कार्ड की जांच करेगा आयोग
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। नई वोटर लिस्ट के साथ चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव के पहले सभी वोटरों को नया कार्ड देगा। चुनाव आयोग ने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के वोटर कार्ड की जांच की जाएगी। बिहार में गंगा, बूढ़ी गंडक और पुनपुन नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। श्रीनगर एयरपोर्ट पर एक मिलिट्री ऑफिसर ने स्पाइसजेट एयरलाइंस के चार कर्मचारियों के साथ मारपीट की जिनमें से दो की हड्डी टूट गई। एनडीए खेमे के राजद विधायक चेतन आनंद के खिलाफ एम्स के डॉक्टरों ने तीसरे दिन भी हड़ताल जारी रखी।
और, जानिएगा की बेवजह की सोच में भारत के 81% लोग हर दिन 3 घंटे बर्बाद कर रहे हैं।
पहली ख़बर
हिन्दुस्तान के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव के पहले राज्य के सभी मतदाताओं को नया ईपिक (मतदाता पहचान पत्र) मिलेगा। चुनाव आयोग राज्य के मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर पहले चरण की प्रक्रिया पूरी कर चुका है। अब, दूसरे चरण में प्रारूप मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद दावा एवं आपत्ति प्राप्त कर उसके निपटारे की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। एक सितंबर तक यह प्रक्रिया जारी रहेगी। इसके बाद अगले 30 दिनों में मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन की तैयारी की जाएगी और 30 सितंबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया जाएगा। आयोग सूत्रों के अनुसार, ईपिक वितरण को लेकर अबतक कोई कार्यक्रम तय नहीं किया गया है लेकिन इतना तय है कि सभी मतदाताओं को नया ईपिक प्रदान किया जाएगा। नये ईपिक में मतदाताओं को अपनी नई तस्वीर लगाने के लिए दावा एवं आपत्ति के दौरान ही एक सितंबर 2025 तक नया फोटो देना होगा। यह फोटो दस्तावेज के साथ ही बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) को उपलब्ध कराना होगा। ताकि, बीएलओ संबंधित ईपिक नंबर पर मतदाता की तस्वीर को अपलोड कर सकें ।
तेजस्वी के वोटर कार्ड की होगी जांच
प्रभात खबर के अनुसार बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव की ओर से बताई गई ईपिक संख्या आरएबी 2916120 की जांच होगी। इसके लिए दीघा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (पटना सदर एसडीओ) ने नेता प्रतिपक्ष से ईपिक कार्ड का विवरण उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी ने संबंध में रविवार को तेजस्वी को पत्र भेजा। शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी ने अपना नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में नहीं होने की बात बताई थी। उन्होंने कहा था कि उनकी ईपिक संख्या अरबी 2916120 है जबकि ईआरओ के अनुसार प्राथमिक जांच के अनुसार ईपिक संख्या आरएबी 2916120 आधिकारिक रूप से जारी प्रतीत नहीं होती है।
गंगा, बूढ़ी गंडक और पुनपुन खतरे के निशान से ऊपर
जागरण के अनुसार पिछले कुछ दिनों से हो रही वर्षा से बिहार की नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। खगड़िया जिले में गंगा नदी रविवार को खतरे के निशान को पार कर गई है। गंगा यहां खतरे के निशान से 6 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। गंगा नदी पटना व बक्सर और पुनपुन नदी श्रीपालपुर व दरधा मसौढ़ी में खतरे का निशान पर कर गई है। वहीं, सोन, गंडक व फल्गु का जलस्तर भी लगातार तेजी से बढ़ रहा है और कई स्थानों पर खतरे के निशान के पास है।
श्रीनगर एयरपोर्ट पर मिलिट्री अधिकारी ने एयरलाइन कर्मी से की मारपीट
भास्कर के अनुसार श्रीनगर एयरपोर्ट पर सेना के एक अधिकारी ने स्पाइसजेट एयरलाइन के चार ग्राउंड स्टाफ को बुरी तरह पीट दिया। एक कर्मचारी की रीढ़ की हड्डी और दूसरे का जबड़ा टूट गया। विमानन कंपनी ने आरोपी सेवा अधिकारी के खिलाफ एफआईआर कराई है। साथ ही उसे नो फ्लाई लिस्ट में डालने की प्रक्रिया शुरू की है। कंपनी ने रविवार को बताया कि 26 जुलाई को श्रीनगर एयरपोर्ट पर दिल्ली जाने वाली फ्लाइट एसजी 386 के बोर्डिंग गेट के पास एक यात्री ने अतिरिक्त लगेज का चार्ज मांगने पर हमारे चार ग्राउंड स्टाफ पर हमला किया। यात्री ने घूंसे, लात और क्यू स्टैंड से हमला किया। सीआईएसएफ जवानों ने सेना के अधिकारी को वहां से हटाया। कंपनी ने बताया आरोपी यात्री दो बैग लेकर बोर्डिंग के लिए जा रहा था जिनका वजन 16 किलो था जबकि केबिन बैग की अधिकतम सीमा 7 किलो है।
एनडीए खेमे के विधायक चेतन आनंद के खिलाफ एम्स में तीसरे दिन भी हड़ताल
जागरण के अनुसार एम्स, पटना में डॉक्टरों की हड़ताल रविवार को तीसरे दिन भी जारी रही। इससे मरीजों को काफी परेशानी हुई और कई ऑपरेशन टालने पड़े। रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने एम्स प्रशासन से मांग की है कि शिवहर के विधायक चेतन आनंद की ओर से कराया गया मुकदमा वापस हो तभी सेवाएं बहाल की जाएगी। विधायक चेतन आनंद वैसे तो आरजेडी से चुने गए हैं लेकिन इस समय एनडीए के खेमे में हैं। एम्स प्रशासन का कहना है कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक जनप्रतिनिधि ने ट्रामा जैसे संवेदनशील विभाग की व्यवस्था को बाधित किया और उनके साथ आए लोगों ने ड्यूटी पर तैनाद सुरक्षा कर्मियों पर हमला किया।
बेवजह की सोच में भारत के 81% लोगों का हर दिन 3 घंटे बर्बाद
हिन्दुस्तान के अनुसार भारत में 81 फीसदी लोग बेवजह की बातों को सोचने में अपना समय बर्बाद कर देते हैं। यहां तक कि बहुत से लोग छोटी-छोटी बातों पर भी जरूरत से ज्यादा सोचने लगे हैं। अब लोग इस उलझन से निकलने के लिए एआई टूल चैटजीपीटी और गूगल जेमिनी का सहारा ले रहे हैं। यह समस्या छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों तक हर जगह है। यह अध्ययन यू गोव नाम की अंतरराष्ट्रीय रिसर्च एजेंसी ने किया है। इससे जुड़ी जानकारी सेंटर फ्रेश इंडिया ओवरथिकिंग की रिपोर्ट में सामने आई है।
कुछ और सुर्खियां:
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- कांग्रेस के 6 बार के विधायक और पूर्व मंत्री अशोक राम जदयू में शामिल
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अनछपी: पिछले कई हफ्तों से जारी चुनाव आयोग के विशेष मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम में एक बात साफ तौर पर समझ में आने वाली है कि चुनाव आयोग ने अपनी बहुत सारी जिम्मेदारियों को मतदाताओं पर लाद दिया है। इसकी शुरुआत तब हुई जब चुनाव आयोग ने यह कहा कि दो एन्यूमरेशन फॉर्म दिए जाएंगे लेकिन किसी बीएलओ ने दो एन्यूमरेशन फॉर्म नहीं दिए और सब को एक ही ही फॉर्म से काम चलाना पड़ा। यह जिम्मेदारी चुनाव आयोग की थी के वह एन्यूमरेशन फॉर्म लेने के बाद वोटर को इसकी पावती देता। जिन गिने चुने लोगों के पास इस समय अपना फॉर्म जमा करने की पावती है वह दरअसल उनकी अपनी कोशिश है और इस मामले में चुनाव आयोग अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह नाकाम रहा। बहुत थोड़े से लोगों ने ही सही, लेकिन उन्होंने खुद से एन्यूमरेशन फॉर्म की फोटो कॉपी करा कर पावती ली। चुनाव आयोग ने यह भी कहा था कि जिन मतदाताओं का नाम 2003 की लिस्ट में है उन्हें और उनके बच्चों को कोई दस्तावेज जमा नहीं करना होगा। ऐसे में चुनाव आयोग चाहता तो उन लोगों को खुद से चिन्हित करता जिनका नाम 2003 की लिस्ट में है लेकिन चुनाव आयोग ने यह जिम्मेदारी भी मतदाताओं पर लाद दी और सिर्फ इतना कहा कि उसने 2003 की वोटर लिस्ट अपलोड कर दी है। अब एक नया तमाशा यह सामने आया है कि जिन लोगों का नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में है उन्हें भी यह जानकारी नहीं दी जा रही कि उनके दस्तावेज जमा हो चुका है या नहीं। कुछ लोगों ने जब ट्रैकर पर अपना ईपिक नंबर चेक किया तो उनमें से बहुत से लोगों को यह संदेश मिला कि उन्हें अपना दस्तावेज जमा करने के लिए बीएलओ से मिलना होगा। यह जिम्मेदारी तो चुनाव आयोग की थी कि उनका बीएलओ वोटर से संपर्क करता लेकिन चुनाव आयोग ने यह जिम्मेदारी भी वोटर पर लाद दी है। ऐसे में अगर बहुत से लोगों ने ट्रैकर पर नहीं देखा और उनका नाम यह कहकर काट दिया जाए कि उन्होंने अपना दस्तावेज नहीं जमा किया तो यह उसी डर को सच साबित करेगा जिसके बारे में लोग पहले से चिंता जता रहे थे।
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