छ्पी-अनछपी: पटना में अपार्टमेंट-दुकानों के बेसमेंट की जांच होगी, इसराइल को बचाने के लिए अमेरिकी कवच
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। कोचिंग सेंटरों के बाद अब पटना में अपार्टमेंट और दुकानदारों के बेसमेंट की भी जांच होगी। इसराइल पर ईरान के संभावित हमले को देखते हुए अमेरिका ने उसे सुरक्षा कवच प्रदान किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवादा के वारिसअलीगंज में सीमेंट फैक्ट्री का शिलान्यास किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि दुनिया को खाद्य सुरक्षा देने में भारत सक्षम है।
हिन्दुस्तान के अनुसार दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन छात्रों की हुई मौत के बाद पटना में भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है। कोचिंग संस्थानों की जांच तो चल ही रही है, लेकिन अब शहर के व्यावसायिक प्रतिष्ठान और अपार्टमेंट के बेसमेंट की भी जांच होगी। जिला प्रशासन ने निगम से अपने स्तर से जांच करने को कहा है ताकि भविष्य में कोई घटना नहीं हो सके। अधिकारियों का कहना है कि शहर के कई इलाकों से शिकायत मिली है कि आपदा प्रबंधन के मानक के अनुसार व्यावसायिक प्रतिष्ठान और अपार्टमेंट नहीं बनाए गए हैं। ऐसी स्थिति में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। बेसमेंट में जाने और आने के लिए दो दरवाजे हैं या नहीं, इसे देखा जाना है। प्रवेश और निकास द्वार कैसे बनाये गए हैं, इसकी भी जांच होगी।
इसराइल को बचाने के लिए अमेरिकी तैयारी
भास्कर के अनुसार मध्य एशिया में जंग की बिसात बिछ गई है। ईरान ने हमास के चीफ इस्माइल हनिया की मौत का बदला लेने के लिए अगले 72 घंटे में इसराइल पर जवाबी हमले की धमकी दी है। इसके मद्देनजर अमेरिका ने इसराइल के सुरक्षा कवच को और अभेद्य कर दिया है। अमेरिका ने जल, थल और आकाश में इसराइली सुरक्षा बढ़ा दी है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के अनुसार एयरक्राफ्ट करियर यूएस अब्राहम लिंकन को प्रशांत महासागर से अब ओमान की खाड़ी में तैनात करने के लिए रवाना किया गया है। इसराइल के पश्चिम में भूमध्य सागर में भी अमेरिका ने अपने डिस्ट्रॉयर शिप और 80 फाइटर जेट तैनात किए हैं। मध्य एशिया के 10 देशों में अभी 45000 अमेरिकी सैनिकों की संख्या को दुगना कर 50000 नए सैनिक लगाए गए हैं।
वारिसअलीगंज में सीमेंट फैक्ट्री का शिलान्यास
प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को नवादा के वारिसअलीगंज औद्योगिक क्षेत्र में अंबुजा कंक्रीट नॉर्थ प्राइवेट लिमिटेड की सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट का शिलान्यास किया। इस सीमेंट प्लांट बनने से ढाई सौ लोगों को सीधे नौकरी मिलेगी और करीब एक हज़ार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री को सीमेंट निर्माण कंपनी के प्रतिनिधियों ने जानकारी दी कि इस प्लांट की लागत लगभग 1400 करोड़ रुपए है। इसमें हर वर्ष 6 मिलियन टन सीमेंट बनेगा। सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में अदानी समूह द्वारा बिहार में साढ़े पांच हजार करोड़ रुपए का नया निवेश होगा। इसमें मुजफ्फरपुर के मोतीपुर में नए सीमेंट प्लांट की स्थापना, पटना के आसपास लॉजिस्टिक व्यवसाय और अररिया, किशनगंज व बेगूसराय में नए कृषि लॉजिस्टिक्स गोदाम सहित अन्य कार्य शामिल हैं।
असम में लगा टाटा का सेमीकंडक्टर प्लांट
जागरण के अनुसार केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि टाटा समूह की ओर से असम में बनाए जा रहे प्लांट में हर दिन 4.83 करोड़ चिप बनाई जाएगी। शनिवार को इस प्लांट के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया। इसमें असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन भी मौजूद रहे। केंद्रीय कैबिनेट ने इस वर्ष 29 फरवरी को इस प्लांट को मंजूरी दी थी। 27 हज़ार रुपये करोड़ की लागत से असम के मोरीगांव जिले में यह सेमीकंडक्टर असेंबलिंग और टेस्टिंग प्लांट बनाया जा रहा है। वैष्णव ने कहा कि इस प्लांट में बनने वाली चिप्स का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक वाहनों सहित अन्य वाहनों में किया जाएगा। इसके अलावा संचार और नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर, 5G व राउटर आदि बनाने वाली हर बड़ी कंपनी इन चिप्स का उपयोग करेगी। उन्होंने कहा कि इससे 27 हज़ार नौकरियां मिलेंगी।
भारत दुनिया को खाद्य सुरक्षा देने में सक्षम: मोदी
हिन्दुस्तान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत की कृषि विविधता विश्व खाद्य सुरक्षा के लिए आशा की किरण है। भारत अब एक ऐसा देश बन गया है, जहां उपभोग से ज्यादा खाद्यान्न उपलब्ध है। भारत खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए समाधान देने की दिशा में काम कर रहा है। मोदी ने ये बातें 65 वर्ष बाद देश में आयोजित हो रहे कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कही। इस सम्मेलन में दुनिया के 70 देशों के लगभग एक हजार प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
वायनाड में अब भी ज़िंदगी बचाने की उम्मीद
प्रभात खबर के अनुसार केरल में भूस्खलन से प्रभावित वायानाड जिले में रेस्क्यू ऑपरेशन शनिवार को पांचवें दिन भी जारी रहा। 1300 से अधिक बचाव कर्मी मलबे में अब भी जिंदगी ढूंढ रहे हैं। भारतीय सेना और वायुसेना के जवान, एनडीआरएफ के साथ पुलिसकर्मी मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। 206 लोग लापता हैं। इस बीच वन अधिकारियों की टीम फरिश्ते बनाकर वायानाड के जंगल में पहुंची और एक पहाड़ी गुफा में फंसे चार बच्चों सहित छह लोगों को 8 घंटे के रेस्क्यू में सुरक्षित बचा लिया।
डिजिलॉकर में सर्टिफिकेट देने में बिहार पीछे
हिन्दुस्तान की ख़ास खबर के अनुसार बिहार के विश्वविद्यालय डिजिलॉकर में डेटा अपलोड करने में सबसे पीछे हैं। इसमें पटना विवि, पाटलिपुत्र विवि, मगध विवि, गया, जय प्रकाश नारायण विश्वविद्यालय, सारण, तिलका मांझी विवि, भागलपुर, गर्वर्मेंट पोलिटेक्निक, नालंदा विश्वविद्यालय, नालंदा और इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल जैसे संस्थानों ने अभी तक एक भी डाटा अपलोड नहीं किया है। नई शिक्षा नीति के तहत सभी विश्वविद्यालयों और संस्थानों को नेशनल एकेडमिक डिपोजिटरी (एनएडी) से जुड़ना है। सभी छात्रों की डिग्री, अंक प्रमाण पत्र, प्रोविजनल अपलोड करना है, ताकि छात्रों को डिग्री और अंक प्रमाण पत्र निकालने में विश्वविद्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़े।
कुछ और सुर्खियां
- रांची में स्पेशल ब्रांच के दरोगा की चार गोली मारकर हत्या
- खगड़िया के सरकारी स्कूल में दौड़ा करंट, दो दर्जन बच्चे और शिक्षक घायल
- अलकायदा के नाम पर बिहार के मुख्यमंत्री कार्यालय को बम से उड़ाने की धमकी, एफआईआर दर्ज
- दिल्ली यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन के नए बैच की कक्षाएं 29 अगस्त से
- दो मेडल जीतने वाली शूटर मनु भाकर हैट्रिक लगाने से चूकीं
अनछपी: बिहार में इंडस्ट्री लगाने की गति कितनी धीमी है, इसका एक उदाहरण वारिसअलीगंज में शुरू किया जा रहा सीमेंट प्लांट है। इसमें कोई शक नहीं कि यह काम स्वागत के योग्य है लेकिन यह बताना जरूरी है कि यह बहुत कम है। इत्तेफाक की बात है कि जिस दिन वारिसअलीगंज में अडानी समूह की सीमेंट फैक्ट्री का शिलान्यास किया जा रहा था उसी दिन असम में टाटा समूह के सेमीकंडक्टर प्लांट का शिलान्यास हो रहा था। अब जरा इन आंकड़ों पर विचार कीजिए। वारिसअलीगंज में कुल 1400 करोड़ रुपए का शिलान्यास हो रहा है जबकि असम में टाटा समूह 27 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश कर रहा है। इस सीमेंट फैक्ट्री से लगभग डेढ़ हजार लोगों को नौकरी-रोजगार मिलने की संभावना है जबकि असम के सेमीकंडक्टर प्लांट से 27 हज़ार लोगों को नौकरियां मिल सकती हैं। आबादी के लिहाज से देखा जाए तो बिहार की आबादी असम से तीन गुना है। इन आंकड़ों से यह समझने में आसानी होती है कि बिहार में इन्वेस्टर्स मीट के नाम पर जो तरह-तरह की घोषणाएं की जाती हैं वह तुलनात्मक रूप से कितनी कम हैं। इस बात को बताने का मकसद यह है कि बिहार में इंडस्ट्री लगाने की राजनीतिक इच्छा शक्ति और केंद्र के समर्थन दोनों में कमी है। क्या यह महज इत्तेफाक है कि भारत में सेमीकंडक्टर के जो दो बड़े प्लांट लगाए जा रहे हैं वह असम और गुजरात में हैं और दोनों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है? कहने को तो बिहार में भी डबल इंजन की सरकार है लेकिन आखिर क्या वजह है कि कोई बड़ा पूंजी निवेश यहां नहीं हो पा रहा है? यह कहने में कोई दुश्वारी नहीं है कि बिहार में काफी देर से और काफी कम पूंजी निवेश हो रहा है। यहां केंद्र सरकार की नीयत पर भी सवाल उठना लाजिमी है क्योंकि सेमीकंडक्टर का जो प्लांट असम और गुजरात में लगाया जा रहा है उसे बिहार में क्यों नहीं लगाया गया? बिहार के राजनेताओं और आम लोगों को कम पर संतोष करने की आदत छोड़नी होगी और बड़े पूंजी निवेश की मांग करनी होगी। बड़े पूंजी निवेश का मतलब होगा बड़ी संख्या में नौकरी मिलना और यह बिहार से होने वाले पलायन को रोकने के लिए जरूरी है। बिहार के राजनेताओं और आम लोगों को इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि देश के बाकी हिस्सों में कैसे और कितना निवेश हो रहा है और बिहार को उसका कितना हिस्सा मिल रहा है।
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